What Is The Line Called On pill: अधिकतर घरों में सिर दर्द से लेकर बुखार तक की दवाइयां मौजूद होती है ताकि अगर किसी की अचानक तबियत खराब हो जाएं, तो उनका उपचार किया जा सकें। वहीं कुछ घरों में तो बड़े-बुजुर्गों की रेगुलर बेसेस पर मेडिसिन चलती है अब ऐसे में एक नहीं बल्कि तमाम दवाइयां होती है। अगर आपने गौर किया तो ये दवाइयां एक से अधिक रंग और डिजाइन की होती है। इन दवाओं के रंग से लोग किस समय कौन सी दवा खानी या खिलानी है। इसके बारे में पता लगाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर इन टेबलेट्स के बीच में सीधी रेखा क्यों बनी होती है। इस बारे में बेहद ही कम लोगों को पता होता है। अगर मैं आपसे पूंछू तो क्या आपको इसके बारे में नॉलेज है। अगर नहीं, तो इस लेख में आज हम आपको इस लाइन के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही जानें इस लाइन को क्या कहते हैं।
जैसा कि हम सभी इस बात को जानते हैं कि प्रोडक्ट्स में बिना वजह किसी भी चीज को नहीं बनाया जाता है। फिर चाहें वह कोई टेक्स्ट हो या फिर लाइन। हर एक चीज के पीछे कोई न-कोई कारण जरूर होता है। ऐसा ही कुछ हाल दवाइयों के बीच में बनी लाइन का होता है। बता दें कि इस लाइन को स्कोरिंग कहा जाता है। चलिए जानते हैं क्यों बनाई जाती है यह रेखा-
रेखा का मुख्य उद्देश्य गोली को आधे या छोटे हिस्सों में विभाजित करना होता है, ताकि इसे आसानी से तोड़ा जा सके। यह खासकर तब काम आता है जब किसी मरीज को पूरी गोली नहीं, बल्कि आधी या चौथाई गोली लेनी हो, जैसे कि किसी को डोज़ कम करने की आवश्यकता हो।
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स्कोरिंग के माध्यम से गोली को सही और समान हिस्सों में बांटने से दवा का डोज़ सटीक रहता है। यदि गोली को बिना स्कोरिंग के तोड़ा जाए, तो यह असमान रूप से टूट सकती है, जिससे डोज़ का गलत मात्रा मिल सकता है।
कुछ गोलियां बड़ी होती हैं और निगलने में कठिन हो सकती हैं। इन गोलियों में रेखा होने से मरीज को गोली को आसानी से तोड़ने की सुविधा मिलती है, जिससे उसे निगलने में परेशानी नहीं होती।
जब दवा की गोली को स्कोर किया जाता है, तो यह सुनिश्चित किया जाता है कि गोली का प्रभाव और उसकी गुणवत्ता टूटी हुई गोली के बावजूद बरकरार रहे। यानी, गोली का आधा हिस्सा उतना ही प्रभावी होगा जितना पूरा हिस्सा। कुछ दवाइयां जैसे टाइम-रिलीज, या धीरे-धीरे इफेक्ट करने वाली गोलियां स्कोर की गई होती हैं ताकि दवा की पूरे स्ट्राक्चर और प्रभाव में किसी प्रकार का कोई बदलाव न हो। यह लाइन केवल तोड़ने में मदद करती है, लेकिन कभी-कभी इसका मतलब यह भी होता है कि उस गोली को तोड़ा नहीं जाना चाहिए।
सभी गोलियां के बीच में स्कोर लाइन नहीं बनी होती है। अब ऐसा नहीं है कि ये टेबलेट्स स्कोर लाइन वाली गोलियों से कम प्रभावी है। बता दें कि कई बार गोलियों को तोड़ने से दवा का असर बदल सकता है। इस कारण से उन पर ये लाइन नहीं बनाई जाती है। अगर आपको किसी गोली को तोड़ने या आधी करने की आवश्यकता है, तो यह सुनिश्चित करने के लिए अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह लें कि क्या यह सुरक्षित है या नहीं।
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