अमूमन किसी भी आम भारतीय नागरिक के लिए कानूनी पेचीदगी को समझ पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। यही वजह है कि ज्यादातर लोग कोर्ट-कचहरी के चक्कर से दूर रहना चाहते है। लेकिन न चाहते हुए भी अगर कोई कोर्ट के चक्कर में पड़ता है, तो कानून मंत्रालय के इस सर्विस की सहायता ले सकता है। कानून मंत्रालय किसी भी जरूरतमंद के लिए टेली लॉ सर्विस चलाती है, जिसके तहत फ्री में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वकील से कानूनी सलाह ले सकते है।
टेली लॉ एक सरकारी पहल है, जो टेलीफोन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुफ्त या रियायती दरों पर कानूनी सलाह प्रदान करती है। यह सेवा आम आदमी को न्याय तक पहुंच बनाने में सुधार करने और कानूनी जागरूकता बढ़ाने के लिए शुरू की गई है। आपको बता दें, यह सुविधा लीगल सर्विसेज अथॉरिटी ऐक्ट, 1987 के सेक्शन 12 के तहत आने वाले लोगों के लिए फ्री में उपलब्ध है।
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असल में न्याय विभाग ने सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के माध्यम से हाशिए पर रहने वाले समुदायों को कानूनी सहायता दे कर मुख्यधारा में लाने के लिए एनएएलएसए (National Legal Services Authority) और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड के साथ साझेदारी की है।
टेली-लॉ का मतलब है कि कानूनी जानकारी और सलाह देने के लिए संचार और सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना। वकीलों और लोगों के बीच यह ऑनलाइन बातचीत करना, सीएससी पर उपलब्ध वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग बुनियादी ढांचे के माध्यम से होगी।
टेली-लॉ का मकसद, Legal Services Authority और सीएससी के फ्रंट ऑफिस में तैनात वकीलों के एक पैनल के माध्यम से कानूनी सलाह देने की सुविधा प्रदान करना है। यह परियोजना 2,50,000 ग्राम पंचायत में पहचाने गए गांव के स्तर पर उद्यमियों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग/टेलीफोन सुविधाओं के माध्यम से नागरिकों को पैनल वकीलों से जोड़ने की पहल करती है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग/टेलीफोन के माध्यम से भारत के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में 2,50,000 सीएससी द्वारा टेली-लॉ सेवा को कवर किया जाएगा।
महिला पैरा लीगल वालंटियर की पहचान की जाएगी और उन्हें सशक्त बनाया जाएगा। वे गांव के लोगों के लिए कानूनी सहायता तक पहुंच को सक्षम करने के लिए सीएससी में शामिल होंगे। टेली-लॉ मॉडल सीएससी और कानूनी सेवा प्राधिकरणों में रखे गए वकीलों के एक्सपर्ट पैनल के माध्यम से कानूनी सलाह की सुविधा प्रदान करेगा।
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आप अलग अलग कानूनी मुद्दों पर मुफ्त या रियायती दरों पर वकीलों से सलाह ले सकते हैं, जैसे कि:
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Image credit: Freepik/ tele law
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