चिठ्ठियों में प्यार के इजहार से लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रिलेशनशिप स्टेट्स बदलने तक का सफर हम सभी ने तय किया है। लेकिन, डिजिटल युग में प्यार और रोमांस के मायने पूरी तरह से बदल गए हैं। डेटिंग ऐप्स पर प्यार की खोज करने वाली जनरेशन ने रोमांस की डिक्शनरी में कई शब्द जोड़े हैं, जिनमें सिचुएशनशिप और बैंचिंग बहुत फेमस हो रहे हैं।
सिचुएशनशिप के बाद नैनोशिप भी पिछले दिनों हमने सुना था। लेकिन, नैनोशिप के बाद अब माइक्रो-मैंस शब्द ने भी Gen Z के लव रोमांस की दुनिया में एंट्री ली है। अगर आप भी डिजिटल युग में रोमांस की जगह ले रहे इस शब्द का मतलब जानना चाहती हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है।
क्या है माइक्रो-मैंस?
माइक्रो-मैंस, रोमांस से अलग नहीं होता है। बस यह एक नया शब्द है, जिसमें कपल्स छोटी-छोटी चीजों में खुशियां ढूंढ लेते हैं। माइक्रो-मैंस का मतलब, छोटी-छोटी बातों और लम्हों को महसूस करना है, जो अक्सर रोमांटिक रिश्तों में समय और अहमियत की वजह से मौजूद नहीं होते हैं। लेकिन, यही लम्हे किसी रिश्ते को मजबूत बनाते हैं और उन्हें ताउम्र चलने में मदद करते हैं।
माइक्रो-मैंसिंग एक डेटिंग ट्रेंड है, जिसमें अपना प्यार जाहिर करने के लिए ज्यादा पैसा नहीं खर्च करना पड़ता है। इसे हम बजट फ्रेंडली रोमांस भी कह सकते हैं। माइक्रो-मैंसिंग में कपल्स अपने पार्टनर के प्रति छोटे-छोटे जेस्चर देते रहते हैं, जिसकी वजह से उनमें प्यार बढ़ता है और वह अपनी दिक्कतों को भी आसानी से सुलझा लेते हैं।
माइक्रो-मैंस को एक उदाहरण के साथ समझा जा सकता है। कुछ लोगों को दिखावा करना बहुत पसंद होता है। यह दिखावा वह अपनी लव लाइफ में भी लेकर आ जाते हैं। महंगी लोकेशन पर घूमने जाना, लग्जरी रिजॉर्ट में वेकेशन, डायमंड ज्वेलरी जैसी चीजें इसी में शामिल होती हैं। वहीं कुछ लोगों को छोटी-छोटी चीजों में खुशियां मिल जाती हैं। साथ में सनसेट देखना, रात को डिनर साथ कर लेना, बिना वजह गानों पर डांस कर लेना भी कई कपल्स के लिए बहुत होता है। छोटी-छोटी चीजों में प्यार और खुशियां खोज लेने को ही माइक्रो-मैंसिंग कहते हैं।
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क्यों माइक्रो-मैंसिंग हो रहा है फेमस?
स्ट्रेस और भागदौड़ वाली लाइफ में पार्टनर के लिए वक्त निकालना ही बड़ी बात मानी जा रही है। ऐसे में लाइफ से एक समय के बाद रोमांस की कमी हो जाती है। रोमांस की कमी की वजह से ही माइक्रो-मैंस ने जन्म लिया है। लव लाइफ में स्पार्क बनाए रखने के लिए छोटी-छोटी चीजों पर फोकस करने की जरूरत होती है। यही छोटी-छोटी चीजें कपल्स के बीच इंटिमेसी बढ़ाती हैं और तनाव को कम करती हैं। (ये चार लव लैंग्वेज बनाती हैं रिलेशन को हेल्दी)
तनाव कम होने के साथ ही रोजमर्रा की लाइफ में बदलाव आने लगता है, जो हर कपल के लिए फायदेमंद हो सकता है। यही वजह है कि डेटिंग ऐप्स पर प्यार खोजने वाली जनरेशन के बीच माइक्रो-मैंसिंग भी खूब पॉपुलर हो रहा है।
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कैसे कर सकते हैं माइक्रो-मैंसिंग?
- रोजमर्रा की आदत: माइक्रो-मैंसिंग करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। इसमें हर दिन पार्टनर को छोटी-छोटी चीजों के साथ प्यार का अहसास कराने की जरूरत होती है। आप लव नोट्स, कॉफी बनाकर और मीम भेजकर भी लव रिलेशनशिप में माइक्रो-मैंसिंग कर सकते हैं।
- क्वालिटी टाइम: कई बार पार्टनर को महंगे गिफ्ट्स की नहीं, बल्कि क्वालिटी टाइम की जरूरत होती है। ऐसे में छुट्टी वाले दिन पार्टनर के साथ लंच, डिनर करके या फिर कोई फेवरेट फिल्म देखकर भी क्वालिटी टाइम बिताया जा सकता है। (ऐसे स्पेंड करें पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम)
माइक्रो-मैंसिंग लव रिलेशनशिप को मजबूत बनाते हैं, जिससे ब्रेकअप और तलाक की संभावना कम हो सकती है। साथ ही लाइफ में तनाव कम और खुशियां ज्यादा होती हैं।
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Image Credit: Freepik
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