डिजिटल युग ने हर चीज के मायने बदल दिए हैं, जिसमें प्यार और इमोशन्स भी शामिल हैं। हम सभी ने लव लैटर से लेकर डेटिंग ऐप्स पर प्यार के इजहार का सफर तय किया है। डेटिंग ऐप्स पर लेफ्ट-राइट करते-करते हम सभी ने सिचुएशनशिप, टेक्टेशनशिप, बैंचिंग, फ्रीक मैचिंग और फबिंग जैसे शब्द सुने और सीखे हैं। कई लोग तो अभी इन शब्दों का सही से मतलब भी नहीं समझ पाए थे कि साल 2024 खत्म होते-होते डेटिंग और लव-रोमांस की दुनिया में एक नया शब्द आ गया।
जी हां, यह शब्द है नैनोशिप। सिचुएशनशिप के बाद नैनोशिप की एंट्री ने हम जैसे 90 के दशक के लोगों को कंफ्यूज कर दिया है। नैनोशिप के सोशल मीडिया पर चारों तरफ चर्चे हो रहे हैं, कई लोग तो इसे 2025 का डेटिंग ट्रेंड भी बता रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी नैनोशिप सुनकर कंफ्यूज हो रहे हैं और जानना चाहते हैं कि आजकल की डेटिंग लाइफ में इस शब्द का क्या मतलब है और यह क्यों सुर्खियों का हिस्सा बना हुआ है, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है।
क्या है नैनोशिप?
सोशल मीडिया पर पॉपुलर हो रहा नैनोशिप, दो शब्दों से मिलकर बना है नैनो और शिप। यहां नैनो का मतलब है बहुत ही छोटा और शिप का मतलब है रोमांस या रिश्ता। ऐसे में पूरे शब्द का मतलब बनता है, एक ऐसा रोमांटिक रिश्ता, जो बहुत कम समय के लिए है। यह सिचुएशनशिप से भी ज्यादा अस्थायी होता है, इसे माइक्रो-रिलेशनशिप भी कहा जा सकता है, जहां दो लोग कुछ मिनट, कुछ घंटों और कुछ दिनों के लिए जुड़ते हैं।
इसे भी पढ़ें: क्या आपको पता हैं डेटिंग से जुड़े इन 10 शब्दों के असली मतलब?
नैनोशिप में भविष्य में किसी तरह की उम्मीद या रिश्ते में सीरियस होने की उम्मीद नहीं होती है। इसे एक उदाहरण के साथ समझा जा सकता है, जैसे- आप किसी पार्टी में गए हैं और वहां आपकी किसी से नजरें टकराती हैं और कुछ बातें हो जाती हैं। यह बातें जल्द ही दोस्ती और फिर रिश्ते में रोमांस की एंट्री हो जाती है। लेकिन, यह रोमांटिक रिश्ता चंद दिनों का ही रहता है, तो यह नैनोशिप की कैटेगरी में आ सकता है। नैनोशिप जितना जल्दी शुरू होता है, उतना ही जल्दी खत्म भी हो जाता है।
कहां से आया है नैनोशिप शब्द?
दरअसल, डेटिंग ऐप टिंडर ने हर साल की तरह 2024 में अपनी ईयर इन स्वाइप रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में डेटिंग के अलग-अलग तरीकों की बात की जाती है और इसी में नैनोशिप शब्द सामने आया है।
दरअसल, डेटिंग ऐप टिंडर ने हर साल की तरह 2024 में अपनी ईयर इन स्वाइप रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में डेटिंग ट्रेंड्स का जिक्र किया गया है। टिंडर की रिपोर्ट के मुताबिक, 18 से 34 साल के 8 हजार लोगों का सर्वे किया गया था। इस सर्वे में पाया गया कि कोई भी रोमांटिक कनेक्शन इतना छोटा नहीं होता है कि वह मायने न रखे।
कैसे है दूसरे डेटिंग के तरीकों से अलग?
सिचुएशनशिप या टेक्सटेशनशिप से नैनोशिप इसलिए अलग है, क्योंकि यह वर्तमान पर ज्यादा फोकस होती है। इसका फ्यूचर से कोई लेना-देना नहीं होता है। अब यह नैनोशिप कहीं भी और कभी भी हो सकती है, फिर चाहे वह पार्टी हो या फिर बस या मेट्रो में ट्रैवल करते समय रहे।
नैनोशिप में सिचुएशनशिप या अन्य ट्रेडिशनल डेटिंग तरीकों की तरह कोई कमिटमेंट नहीं होता है। (क्या होता है फबिंग?)
इसे भी पढ़ें: क्या होता है रिलेशनशिप टर्म रेड फ्लैग का मतलब? इंटरनेट पर होता है बहुत इस्तेमाल
क्यों हो रही है नैनोशिप की चर्चा?
नैनोशिप की सोशल मीडिया पर इतनी चर्चा होने के पीछे की वजह आजकल का लाइफस्टाइल हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि डेटिंग ऐप्स के जमाने में लोग हर दिन किसी नए से मिलते हैं और अट्रैक्शन हो जाता है। ऐसे में गहरा इमोशनल कनेक्शन बहुत ही कम होता है और इसकी उम्मीद भी नहीं होती है। इस तरह के रिश्तों को कुछ लोग नो-स्टिंग अटैच्ड वाला रोमांस भी कहते हैं, जिसमें किसी तरह का इमोशनल या जिम्मेदारियों का बोझ नहीं होता है। हालांकि, नैनोशिप साल 2025 में डेटिंग ट्रेंड बनता है या नहीं, यह देखने लायक रहेगा।
हमारी स्टोरी से रिलेटेड अगर कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।
Image Credit: Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों