Guru Chandal Yoga: कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि लाख कोशिशों और जीतोड़ मेहनत के बाद भी व्यक्ति को जीवन में सफलता नहीं मिल पाती है। यूं तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन ज्योतिष की दृष्टि से देखा जाए तो इसके पीछे ग्रहों और कुंडली में कुछ विशेष योगों का प्रभाव होता है।
हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का कहना है कि जिस भी व्यक्ति की कुंडली में गुरु चांडाल योग होता है उसे जीवन में कभी सफलता नहीं मिलती। ऐसा व्यक्ति कितने भी हाथ पैर मार ले लेकिन गुरु चांडाल योग के दुष्प्रभाव के कारण न सिर्फ उस व्यक्ति की तरक्की बल्कि उसके घर की उन्नति भी भयंकर रूप से रुक जाती है।
ऐसे में आइये जानते हैं क्या है ये गुरु चांडाल योग, कुंडली में इसका संचार कैसे और कब होता है और साथ ही जानेंगे इससे बचाव के अचूक उपायों के बारे में।
कब बनता है गुरु चांडाल योग (When is Guru Chandal Yoga Formed)
गुरु, राहु और केतु के मिलने से गुरु चांडाल योग का निर्माण होता है। ज्योतिष नजरिये से इस योग को अशुभ माना जाता है। इस योग के प्रभाव के चलते व्यक्ति कभी भी सफलता की ओर नहीं बढ़ पाता है। यहां तक कि इस योग के प्रभाव के कारण व्यक्ति कानूनी मामलों में फंसने की कगार तक पहुंच जाता है।
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गुरु चांडाल योग के नकारात्मक प्रभाव (Guru Chandal Yoga Negative Effects)
- गुरु चांडाल योग कुंडली में अलग अलग भावों में स्थित होता है लिहाजा इसका प्रभाव भी अलग अलग रूप में पड़ता है। यानी कि गुरु और राहु (राहु केतु के अचूक उपाय) किस राशि में स्थित हैं और किस दिशा एवं दशा में हैं इस बात पर निरभर होता है कि यह योग दुष्प्रभाव के कौन से स्तर तक पहुंचेगा।
- उदाहरण के तौर पर, अगर कुंडली में राहु के मुकाबले गुरु की स्थिति मजबूत है तो इस योग का दुष्प्रभाव कम होगा। वहीं, अगर कुंडली में राहु की स्थिति मजबूत है और गुरु कमजोर रूप में हैं तो इस योग का दुष्प्रभाव अपने चरम पर होगा।
- इस योग के नकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में सफलता पाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है। यह योग व्यक्ति को कोर्ट कचहरी के मामलों में फंसाता चला जाता है। शादी विवाह में भानकर रूप से अड़चनें आने लगती हैं। यहां तक कि नौकरी और व्यवसाय में तरक्की नहीं मिलती है।
गुरु चांडाल योग के उपाय (Guru Chandal Yoga Astro Tips)
- गुरु चांडालयोग से परेशान लोगों को रोजाना मस्तक पर केसर हल्दी मिश्रित तिलक लगाना चाहिए।
- घर के बड़ों, ब्राह्मणों और गुरुजनों का सम्मान करें और रोजाना उनके पैर छुएं।
- गुरुवार के दिन भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के मंत्र) की पूजा व स्मरण करें।
- केले के पौधे की पूजा करें।
- राहु के मंत्रों का जाप करें।
तो ये थी गुरु चांडालयोग के बारे में समस्त जानकारी और इससे जुड़े बेजोड़ उपाय। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें, साथ ही कमेंट भी करें। धर्म और त्यौहारों से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए रहें जुड़े हरजिंदगी से।
Image Credit: Freepik
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