Lok Sabha And Vidhan Sabha Difference In Hindi: लोकसभा और विधानसभा दोनों ही लेजिस्लेटिव बॉडी है, जिसके अधिकार, कार्य और क्षेत्र सब कुछ अलग-अलग है। लोकसभा भारत की संसद का निचला सदन है, जो पूरे देश का प्रतिनिधित्व करता है है। वहीं, विधानसभा विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्य विधानमंडल का निचला सदन है। हालांकि, इन दोनों के कार्य एक जैसे हैं, लेकिन ये शासन के विभिन्न स्तरों पर कार्य करते हैं। अगर आपको भी लोकसभा और विधानसभा के कार्यों को समझने में दिक्कत होती है, तो चलिए इन दोनों के अंतर के बारे में आज हम आपको विस्तार से बताते हैं।
लोकसभा और विधानसभा के बीच क्या अंतर है?
लोकसभा द्विसदनीय प्रकृति का है, जिसे हाउस ऑफ द पीपल भी कहा जाता है। वहीं, विधानसभा प्रत्येक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होती है, जिसे लेजिस्लेटिव असेंबली भी कहा जाता है।
भारतीय संविधान के अनुसार, लोकसभा में कुल 552 सीटें हैं। जबकि, विधानसभी में कम से कम 60 सदस्य और अधिकतम सदस्यों की संख्या 500 होने चाहिए। यदि किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों के विधानसभा में 60 से कम सदस्य हैं, तो उन्हें संसद के अनुसार अपवाद माना जाता है।
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लोकसभा और विधानसभा में चुनाव प्रक्रिया में क्या अंतर है?
लोकसभा के सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं, जबकि विधानसभा अप्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा चुनी जाती है। लोकसभा के सदस्यों को हर पांच साल में आम चुनावों के माध्यम से सीधे लोगों द्वारा चुना जाता है। वहीं, विधान सभा के सदस्यों को संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के लोगों द्वारा हर पांच साल में आम चुनावों के माध्यम से सीधे चुना जाता है। लोकसभा को राष्ट्रपति द्वारा भंग किया जा सकता है, जबकि विधानसभा को राज्यपाल द्वारा भंग किया जा सकता है।
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लोकसभा और विधानसभा के कार्यों में अंतर
लोकसभा संसद का निचला सदन है। वहीं, विधानसभा राज्य विधानमंडल का निचला सदन होता है। लोकसभा राष्ट्र्रीय मुद्दों पर काम करती है, इसलिए इनके पास विधानसभा से अधिक शक्तियां होती हैं। लोकसभा के पास भारतीय संविधान की यूनियन और कॉन्करेंट लिस्ट में सूचीबद्ध मामलों पर कानून पारित करने की शक्ति है। जबकि, विधानसभा के पास भारतीय संविधान की राज्य सूची में सूचीबद्ध मामलों पर कानून बनाने की शक्ति है।
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Image credit- Herzindagi
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