क्या है Citizenship Amendment Bill 2019, जानें इससे जुड़ी अहम बातें

गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए लोकसभा में Citizenship Amendment Bill पेश होने वाला है, जानें इससे जुड़ी अहम बातें।

citizenship amendment bill will give citizenship to non muslims main

भारतीय नागरिकों के अलावा देश में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से अलग-अलग धर्म संप्रदाय के शरणार्थी भारत में रह रहे हैं। इनमें से गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है। इस बिल को पास कराने के बाद इन देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। जल्द ही यह बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा। इस बिल के पास होने पर देश में शरणार्थी के तौर पर रह रही गैर मुस्लिम महिलाओं को भारतीय नागरिक होने के अधिकार मिल जाएंगे।

सर्व धर्म संभाव की बात कह रही है केंद्र सरकार'

citizenship amendment bill approved by cabinet

हाल ही में भाजपा संसदीय दल की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'नागरिकता संशोधन बिल केंद्रीय सरकार की प्रायोरिटीज में सबसे ऊपर है। पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों का लगातार उत्पीड़न हो रहा है। इसी के मद्देनजर भारत उन्हें शरण देने के लिए मजबूर हुआ है। 6 अल्पसंख्यक समुदायों को भारत की नागरिकता देना मोदी सरकार की ‘सर्व धर्म संभाव’ की भावना दिखाता है।

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विपक्ष कर रहा है विरोध

गैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता दिए जाने के इस बिल का विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही हैं। उनका मानना है कि इस बिल के जरिए मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया गया है।

विपक्ष ये तर्क भी दे रहा है कि यह संविधान के मूल भावना के विरुद्ध है, जो देश में रहने वालों के लिए समानता के अधिकार की बात करता है। इस बिल का विरोध करने वालों में कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, लेफ्ट और बीजेडी जैसी पार्टियां शामिल हैं।

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इन समुदाय के लोगों को मिलेगी नागरिकता

नागरिकता संशोधन बिल के तहत नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों में बदलाव का रास्ता साफ किया जा रहा है। इस बिल के पास होने पर अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में भारत में शरण लेने वाले सिख, ईसाई, पारसी, जैन, बौद्ध और हिंदु समुदाय के लोगों के लिए भारतीय नागरिकता हासिल करने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी।

पूर्वोत्तर के लोग कर रहे रहे हैं विरोध

असम सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में बड़े पैमाने पर बांग्लादेश से आए शरणार्थी रह रहे हैं। इनके कारण यहां के मूल निवासियों में भारी असंतोष है, क्योंकि वे बाहर से आए लोगों को देश की नागरिकता दिए जाने के विरुद्ध हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों में इस बिल को लाए जाने के विरोध में नारेबाजी और जबरदस्त विरोध हुए थे। पिछली बार इसी वजह से यह बिल पास नहीं हो सका था। पूर्वोत्तर में एक बड़े समुदाय का मानना है कि नागरिकता संशोधन विधेयक लागू हो जाता है तो पूर्वोत्तर के मूल निवासियों के लिए रोजगार और पहचान का संकट पैदा हो जाएगा।

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