क्या होता है टैरिफ? जानिए अमेरिका ने किस देश पर कितना लगाया Tariff और इस फैसले से भारत को कितना नुकसान

सोमवार यानी 7 अप्रैल को इंडियन शेयर मार्केट में भारी गिरावट देखने को मिली। आज सेंसेक्स 71,449.94 अंक पर खुला। ऐसे में इसकी ओपनिंग 3,914.75 अंकों के साथ हुई। इसकी वजह ट्रंप टैरिफ नीति को बताया जा रहा है। आइए जानते हैं टैरिफ क्या होता है और इसे क्यों लगाया जाता है?
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हाल ही में अमेरिका की टैरिफ नीति ने पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में हलचल मचा दी। 8 अप्रैल को एशियाई बाजार भारी गिरावट के साथ खुले, जिसमें जापान, हांगकांग और ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े मार्केट्स सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। इसका कारण था अमेरिका द्वारा चीन पर भारी इम्पोर्ट टैक्स (Import Tax) लगाना, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका से आने वाले उत्पादों पर कड़े टैरिफ लगा दिए। ऐसे में ट्रेड वॉर की स्थिति पैदा हो गई है।

आज हम इस आर्टिकल में जानते हैं कि टैरिफ क्या होता है, इसे क्यों लगाया जाता है और अमेरिका ने किन देशों पर कितना टैरिफ लगाया है और भारत को क्या नुकसान हो सकता है?

टैरिफ क्या होता है?(What is a Tariff)

टैरिफ एक तरह का टैक्स होता है जो किसी देश की सरकार विदेशी सामान और सेवाओं पर लगाती है, जब वो देश के अंदर आयात किए जाते हैं।जब कोई उत्पाद सीमा पार करता है, तो उसे बेचने वाली कंपनी को उस देश की सरकार को यह टैक्स देना होता है।

यह टैक्स आमतौर पर दो तरीकों से लिया जाता है-

  • एड-वैलोरम टैरिफ (Ad Valorem Tariff): यह वस्तु के मूल्य का एक प्रतिशत होता है।उदाहरण के लिए, अगर किसी सामान की कीमत 1,000 रुपये है और 10% टैरिफ है, तो 100 रुपये टैक्स देना होगा।
  • स्पेसिफिक टैरिफ (Specific Tariff): यह प्रति यूनिट एक तय राशि होती है, जैसे 50 रुपये प्रति किलो।

टैरिफ क्यों लगाए जाते हैं?(Why Are Tariffs Imposed)

How India uses tariffs for Make in India

  • जब विदेशी उत्पाद सस्ते होते हैं, तो लोग उन्हें ज्यादा खरीदते हैं। टैरिफ लगाकर विदेशी वस्तुएं महंगी कर दी जाती हैं ताकि लोग अपने देश में बनी चीजें खरीदें। इससे स्थानीय कंपनियों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से लड़ने में मदद मिलती है।
  • टैरिफ से सरकार को टैक्स के रूप में अच्छी-खासी आय होती है। खासकर उन देशों में जहां टैक्स वसूली के और तरीके सीमित हैं, टैरिफ एक जरूरी आय का स्रोत बन जाता है।
  • अगर कोई देश ज़्यादा आयात करता है और कम निर्यात करता है, तो व्यापार असंतुलन (Trade Deficit) हो जाता है। ऐसे में टैरिफ आयात को हतोत्साहित करता है और घरेलू उत्पादन व निर्यात को बढ़ावा देता है।

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अमेरिका ने किन देशों पर कितना रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया?(Trump Tariffs List By Country)

रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब है कि अगर कोई देश अमेरिका पर टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी जवाब में उस देश पर उतना ही या ज़्यादा टैरिफ लगा देता है।

  • चीन (China)-54%
  • कंबोडिया (Cambodia)-49%
  • लाओस (Laos)-48%
  • वियतनाम (Vietnam)-46%
  • श्रीलंका (Sri Lanka)-44%
  • म्यांमार (Myanmar)-44%
  • बांग्लादेश (Bangladesh)-37%
  • थाईलैंड (Thailand)-36%
  • ताइवान (Taiwan)-32%
  • इंडोनेशिया (Indonesia)-32%
  • पाकिस्तान (Pakistan)-29%
  • भारत (India)-27%
  • कजाकिस्तान (Kazakhstan)-27%
  • साउथ कोरिया (South Korea)-25%
  • जापान (Japan)-24%
  • मलेशिया (Malaysia)-24%
  • ब्रुनेई (Brunei)-24%
  • फिलीपींस (Philippines)-17%
  • सिंगापुर (Singapore)-10%

भारत अमेरिका से ज्यादा टैरिफ क्यों लेता है?

How does India use tariffs on imported goods

भारत आमतौर पर विदेशी सामान पर अधिक टैरिफ यानी टैक्स इसलिए लगाता है, ताकि अपने घरेलू उद्योगों की रक्षा कर सके। भारत की व्यापार नीति लंबे समय से रक्षा-केंद्रित (Protectionist) रही है, जिसका मकसद स्थानीय कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा से बचाकर रखना है।

वहीं अमेरिका ने अब तक free trade को प्राथमिकता दी है और कम टैरिफ लगाए हैं। लेकिन ट्रंप प्रशासन का मानना है कि अगर भारत अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर ज़्यादा टैक्स लगाता है, तो अमेरिका को भी भारत से आने वाले प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ा देना चाहिए ताकि व्यापार संतुलन बनाया जा सके।

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भारत को इसका क्या नुकसान हो सकता है?

भारत अमेरिका को दवाइयां, गाड़ियां, स्टील, इलेक्ट्रॉनिक्स और कपड़े जैसे कई सामान निर्यात करता है। अगर अमेरिका इन पर 27% तक का टैरिफ लगाता है, तो भारतीय सामान वहां महंगा हो जाएगा।

इसका मतलब यह है कि अमेरिकी कस्टमर और कंपनियां भारत की बजाय दूसरे देशों से सस्ता सामान खरीद सकते हैं। इससे भारत की निर्यात करने वाली कंपनियों की बिक्री घट सकती है, और उन्हें आर्थिक नुकसान हो सकता है।

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Image Credit - freepik, jagran

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FAQ

  • ट्रेड वॉर क्या है?

    एक ऐसी स्थिति होती है जब दो देश आपस में एक-दूसरे के सामानों पर टैक्स बढ़ा देते हैं। ये टैक्स टैरिफ कहलाते हैं। यह वॉर बंदूकों से नहीं आर्थिक नीतियों और टैक्सों से लड़ी जाती है।