केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में बजट 2025-26 पेश करते समय मिडिल क्लास के लिए बड़ी राहत घोषित की है। बजट 2025 में 12 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर अब किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा। इतना ही नहीं, नए रिजीम में टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। कुल मिलाकर कहें तो इस साल बजट में केंद्र सरकार ने मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को खुश कर दिया है। लेकिन, 12 लाख तक की इनकम और नो-टैक्स पीछे एक कैलकुलेशन छिपा है जिसे खुश होने से पहले समझ लेना जरूरी है।
सरकार ने भले ही 12 लाख की सालाना इनकम पर नो टैक्स कर दिया है। लेकिन, कुछ मामलों में आपको 8 लाख से कम की आय पर भी टैक्स भरना पड़ सकता है। जी हां, यहां शॉक होने की जरूरत नहीं है, बस आयकर के नियमों और कैलकुलेशन की समझने की जरूरत है। सबसे पहले तो यह जान लें टैक्स रिबेट के सभी बदलाव नए रिजीम के तहत हुए हैं। ऐसे में अगर आप ओल्ड रिजीम के तहत आयकर भर रहे हैं, तो 12 लाख रुपये की आय पर छूट की उम्मीद न रखें।
अब नए रिजीम में हुए बदलावों की बात करते हैं, यहां आपको क्लियर कर दें कि 12 लाख की हर तरह की आय में नो-टैक्स की सुविधा नहीं मिलेगी। दरअसल, इनकम टैक्स के सेक्शन 87A में टैक्सपेयर्स को रिबेट यानी छूट मिलती है और नए बजट में इस सेक्शन में कई रिबेट्स को बाहर किया गया है, जिसमें शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स भी शामिल हैं।
इन शर्तों में देना पड़ सकता है 12 लाख से कम की इनकम पर टैक्स
शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स: सेक्शन 111A में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स आते हैं, जिन्हें टैक्स रिबेट से बाहर रखा गया है। इसे उदाहरण के साथ समझते हैं, मानें की आपकी साल टोटल इनकम 12 लाख रुपये है। जिसमें 8 लाख रुपये की इनकम सैलरी और अन्य सोर्स से है। वहीं, 4 लाख की सैलरी शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स यानी स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड्स से है। ऐसी स्थिति में सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली छूट केवल 8 लाख की इनकम पर ही मिलेगी। वहीं, 4 लाख की शॉर्ट-टर्म गेन्स से होने वाली आय पर आपको अलग से 20% टैक्स देना होगा।
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लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स: सेक्शन 112 में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स आते हैं, इन्हें भी छूट से बाहर रखा गया है। उदाहरण के साथ समझें कि आपकी साल में 4 लाख इनकम लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स से हुई है। जिसमें से पहले 1.25 लाख रुपये को टैक्स से बाहर रखा गया है। वहीं, बचे 2.75 लाख रुपये पर आपको 12.5% टैक्स भरना होगा।
इनकम टैक्स के नए नियम अब कैसे करेंगे काम?
शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स यानी शेयर मार्केट या म्युचुअल फंड्स और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स से होने वाले फायदों पर आपको टैक्स देना होगा। इसी के साथ लॉटरी या अन्य किसी परिसंपत्ति से होने वाली आय पर भी सेक्शन 87A के तहत रिबेट नहीं मिलेगी। यानी साफ तौर पर आपकी आय कितनी भी रहे, लेकिन शॉर्ट-लॉन्ग, लॉटरी, प्रॉपर्टी बेचने आदि से होने वाली आय पर आपको इनकम टैक्स देना होगा।
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बजट 2025 में टैक्स से जुड़े सभी बदलाव नए रिजीम में किए गए हैं। ऐसे में अगर आप ओल्ड रिजीम से टैक्स भरते हैं, तो टैक्स जमा करना होगा। क्योंकि, ओल्ड रिजीम में कोई बदलाव नहीं हुआ है, ऐसे में पांच लाख की आय पर 12 हजार 500 रुपये की छूट ही दी जाएगी।
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