What Happens If Indian Union Budget Is Leaked: 1 फरवरी को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण फाइनेंशियल ईयर 2025-26 का बजट पेश करने वाली हैं। ये मोदी सरकार के तीसरे टर्म का दूसरा बजट होगा। बजट का इतिहास सालों पुराना है। इससे जुड़ी कई बातें ऐसी हैं, जिनके बारे में जानकर शायद आपको अपने कानों पर भी विश्वास नहीं होगा। ऐसे तो बजट बनाने की पूरी प्रक्रिया ही बहुत ही गोपनीय होती है। सबसे पहले बजट की शुरूआत में हलवा सेरेमनी मनाई जाती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि बजट बनने की पूरी प्रक्रिया के दौरान अधिकारी और सपोर्ट स्टाफ को मंत्रालय में 'कैद' कर दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि किसी भी तरह की कोई जानकारी गलती से भी लीक ना हो सके। मगर आजाद भारत में 2 बार बजट लीक हो चुका है। इतिहास इस घटना का गवाह है। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर बजट लीक होने पर क्या होता है? भारत में क्या कभी बजट लीक हुआ है?
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वर्ष 1947-1948 में मीडिया में लीक हो गया था बजट
स्वतंत्र भारत का पहला बजट वित्त वर्ष 1947-1948 में पेश किया गया था। आरके षणमुखम चेट्टी उस दौरान वित्त मंत्री थे। उस दौरान बजट के पेश होने से पहले ही ब्रिटेन के वित्त मंत्री ह्यूग डाल्टन ने बजट से जुड़ी अहम जानकारी मीडिया को बता दी थी। ऐसे में बजट भाषण से पहले ही बजट की सारी जानकारी अखबारों में छप गई। इस कारण ब्रिटेन के वित्त मंत्री ह्यूग डाल्टन को इस्तीफा तक देना पड़ गया था।
1950 में भी लीक हुआ था बजट
इसके बाद साल 1950 में भी कुछ ऐसी ही घटना हुई थी। इस दौरान भारत के वित्त मंत्री का पद जॉन मथाई ने संभाला हुआ था। बजट पेश करने की लगभग सभी तैयारियां हो चुकी थीं, लेकिन तभी बजट के लीक होने की खबर हर तरह फैल गई। इसके तुंरत बाद मौजूदा वित्त मंत्री जॉन मथाई को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया था।
बदली गई थी बजट प्रिंट की जगह
दो बार बजट लीक होने पर देशभर में इसको लेकर हंगामा हुआ। जॉन मथाई को लेकर संसद में विपक्ष ने भी खूब हंगामा मचाया। लोगों में ऐसी बातें फैलीं कि राष्ट्रपति भवन में बजट प्रिंट होता है और वहीं से जानकारी लीक हो रही है। इसके चलते बजट प्रिंटिंग की जगह में भी बदलाव किया गया। इसके बाद छपाई का काम नई दिल्ली के मिंटो रोड पर होने लगा। 1980 में फिर से प्रिंटिंग की जगह बदली और इसे नॉर्थ ब्लॉक (वित्त मंत्रालय) के बेसमेंट में छापा जाने लगा।
बजट लीक होने पर क्या होता है?
बजट पेश होने से पहले ही लीक हो जाए, तो इससे कई परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। दरअसल, बजट का सीधा असर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार पर पड़ता है। ऐसे में इसकी गोपनियता को ध्यान में रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है।
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Image Credit:Her Zindagi
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