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What Happens if we keep bhagavad gita in tijori

घर की तिजोरी में भगवद गीता रखने से क्या होता है?

भगवद गीता को एक पवित्र ग्रंथ माना जाता है। भगवद गीता में जीवन जीने के अनेक सद्गुणों का उल्लेख है। माना जाता है कि इन सद्गुणों का पालन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
Editorial
Updated:- 2024-05-10, 12:11 IST

(keeping bhagavad gita in tijori) भगवद गीता, जिसे गीता या ईश्वरीय गीत भी कहा जाता है।  हिन्दू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है। यह महाभारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जो कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध का वर्णन करता है। भगवद गीता में भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच युद्ध के मैदान पर हुई बातचीत का वर्णन है। इसमें जीवन, मृत्यु, कर्म, धर्म, आत्मा और ईश्वर पर ज्ञान दिया गया है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति रोजाना भगवद गीता का पाठ करता है। उसके ऊपर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है और व्यक्ति के सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। कई लोग भगवद गीता को घर के मंदिर में रखते हैं, तो कई लोग तिजोरी में रखते हैं। अब ऐसे में सवाल यह है कि क्या घर की तिजोरी में भगवद गीता रखना ठीक है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं। 

भगवद गीता घर की तिजोरी में रख सकते हैं? 

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ज्योतिषाचार्य के अनुसार भगवद गीता को घर की तिजोरी में बिल्कुल रखा जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि भगवद गीता ज्ञान रूपी धन है। जिसे सुरक्षित रखने सलाह दी जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो जातक घर की तिजोरी में भगवद गीता रखता है। उसे जीवन में कभी समस्याओं के सामना नहीं करना पड़ता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा घर में कभी कलह-क्लेश की स्थिति उत्पन्न नहीं होती है। वहीं भगवद गीता को घर में रखने से परिवार के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य बेहतर होता है। साथ ही व्यक्ति को मनवांछित फलों की भी प्राप्ति होती है। 

भगवद गीता के 4 योग क्या है? 

  • कर्म योग - कर्म योग का अर्थ है कर्म करना और फल की इच्छा किए बिना अपना कर्तव्य निभाना। इसलिए जातक को फल की इच्छा किए बिना केवल अपना काम करना चाहिए। 
  • ज्ञान योग - ज्ञान योग का अर्थ है आत्म-ज्ञान प्राप्त करना और मोह-माया से मुक्त होना।
  • भक्ति योग - भक्ति योग का अर्थ है ईश्वर के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना रखना।
  • नीतिशास्त्र - भगवद गीता में जीवन जीने के अनेक सद्गुणों का उल्लेख है, जैसे सत्य, अहिंसा, क्षमा, दया आदि।

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भगवद गीता का पढ़ने का महत्व क्या है? 

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भगवद गीता पढ़ने से जातकों को ईश्वर से जुड़ाव महसूस होता है। व्यक्ति को सभी पापों से भी छुटकारा मिल सकता है। यह धर्म का पालन करने और सही जीवन जीने की प्रेरणा देता है। भगवद गीता में जीवन, मृत्यु, कर्म, धर्म, आत्मा और ईश्वर के बारे में ज्ञान दिया गया है। तिजोरी में रखने से यह ज्ञान हमेशा हमारे सामने रहता है और हमें प्रेरणा देता रहता है। तिजोरी में रखने से यह हमें मानसिक शांति प्रदान करती है।

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Image Credit - Herzindagi and Official website

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