भारत सरकार देश के लोगों के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनमें से ज्यादातर गरीब और जरूरतमंदों के लिए हैं। इन्हीं में एक पीएम विश्वकर्मा योजना भी है। यह योजना ऐसे तो साल 2023 में शुरू की गई थी। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत सरकार उन लोगों की आर्थिक मदद करती है, जो पांरपरिक काम करते हैं। भारत सरकार की इस योजना का उद्देश्य देश के कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। यह योजना 18 विभिन्न ट्रेडों में काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को कवर करती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना में पत्थर तराशने, चटाई बुनने वाले, कपड़े सिलने वाले, कपड़े धोने वाले, मूर्ति बनाने वाले, माला बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले इस तरह के लोगों को लाभ दिया जाता है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करने से पहले, आपको ये दस्तावेज तैयार करने होंगे:
- पहचान पत्र
- मोबाइल नंबर
- जाति प्रमाणपत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक अकाउंट पासबुक
- जाति प्रमाण पत्र
- मूल निवासी प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड

आवेदन करने वाले व्यक्ति की उम्र 18 साल या उससे ज्यादा होनी चाहिए। साथ ही, उनके पास चालू मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी होनी चाहिए। आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों में ये भी शामिल हैं। राशन कार्ड और बैंक अकाउंट।
विश्वकर्मा समुदाय से जुड़ी सभी जातियों को मिलता है लाभ
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत, विश्वकर्मा समुदाय से जुड़ी सभी जातियों को लाभ मिलता है। इस योजना के तहत, बघेल, बड़गर, बग्गा, भारद्वाज, लोहार, पांचाल जैसी 140 से ज़्यादा जातियों को लाभ मिलता है।
इस योजना के तहत, 18 तरह के पारंपरिक व्यवसायों के लिए सरकार लोन देती है। कामगारों को हर महीने 500 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। उन्हें 1 लाख रुपये तक का लोन और 15,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। कामगारों को सर्टिफिकेट, ट्रेनिंग सर्टिफिकेट और आईडी भी दी जाती है।
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इस योजना के तहत मिलने वाला लाभ
इस योजना के तहत, छोटे कारीगरों को टूल किट खरीदने के लिए केंद्र सरकार आर्थिक मदद देती है। इस योजना के तहत, अभी तक 18 तरह के छोटे कारीगरों और शिल्पकारों को जोड़ा गया है। इस योजना के तहत, स्वरोजगार के आधार पर असंगठित क्षेत्र में हाथ और औजारों से काम करने वाले, और योजना में शामिल 18 परिवार-आधारित पारंपरिक व्यवसायों में से एक में लगे कारीगर या शिल्पकार, पंजीकरण के लिए पात्र होते हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लाभ
प्रशिक्षण
कारीगरों को कई कौशल विकास कार्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें नए तकनीकों और उपकरणों के बारे में 5-7 दिन तक प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही 500 रुपये तक स्टाईपेंड तक दिया जाएगा।
वित्तीय सहायता
कारीगरों को उपकरण खरीदने और अपनी कार्यशालाओं की स्थापना के लिए कम से कम 15 हजार तक लोन दिया जाएगा। उन्हें मार्केटिंग और बिक्री के लिए पैसा भी दिया जाएगा। इस पर सस्ती ब्याज दर और 3 लाख तक लोन ले सकते हैं।
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बाजार तक पहुंच
सरकार कारीगरों को अपने उत्पादों का मार्केटिंग करने में मदद करेगी। उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेलों में भाग लेने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
इस योजना के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिए। उसकी आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। उसे किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कम से कम 8वीं पास होना चाहिए। उसे कम से कम एक वर्ष का अनुभव उस ट्रेड में होना चाहिए जिसमें वह काम करना चाहता है।
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