बैंक एक समझौता प्रस्ताव रखता है, जिसमें मूल राशि का एक हिस्सा माफ करने की पेशकश होती है। यह राशि अक्सर बकाया लोन राशि का 30 फीसदी से 70 फीसदी तक हो सकती है। लोन सेटलमेंट के बाद, क्रेडिट ब्यूरो जैसे CIBIL को सूचित किया जाता है। इससे ग्राहक के क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ सकता है, क्योंकि इसे एक प्रकार का डिफॉल्ट माना जाता है।
जब कोई व्यक्ति किसी वजह से अपने लोन की सभी किस्त चुकाने में असमर्थ होता है, तो बैंक से बातचीत करके एक समझौता किया जाता है। इस समझौते में, उधार लेने वाला बैंक को एकमुश्त राशि का भुगतान करता है, जो मूल लोन राशि से कम होती है। इस प्रक्रिया को ही लोन सेटलमेंट कहते हैं।
इसे भी पढ़ें: Loan Settlement करते समय जरूर रखें इन 5 बातों का ध्यान
इसे भी पढ़ें: Tips to Get Credit Score: 900 क्रेडिट स्कोर पाने के लिए फॉलो करें ये मजेदार स्टेप्स
अगर आपको हमारी स्टोरी से जुड़े सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिये गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए हर जिंदगी से जुड़े रहें।
Image Credit: Freepik
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।