बैंक एक समझौता प्रस्ताव रखता है, जिसमें मूल राशि का एक हिस्सा माफ करने की पेशकश होती है। यह राशि अक्सर बकाया लोन राशि का 30 फीसदी से 70 फीसदी तक हो सकती है। लोन सेटलमेंट के बाद, क्रेडिट ब्यूरो जैसे CIBIL को सूचित किया जाता है। इससे ग्राहक के क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ सकता है, क्योंकि इसे एक प्रकार का डिफॉल्ट माना जाता है।
लोन सेटलमेंट क्या है?
जब कोई व्यक्ति किसी वजह से अपने लोन की सभी किस्त चुकाने में असमर्थ होता है, तो बैंक से बातचीत करके एक समझौता किया जाता है। इस समझौते में, उधार लेने वाला बैंक को एकमुश्त राशि का भुगतान करता है, जो मूल लोन राशि से कम होती है। इस प्रक्रिया को ही लोन सेटलमेंट कहते हैं।
बैंकों में लोन सेटलमेंट की प्रक्रिया इस प्रकार है
- लोन लेने वाला व्यक्ति बैंक से संपर्क करता है और लोन सेटलमेंट के लिए आवेदन करता है।
- बैंक लोन लेने वाले व्यक्ति की स्थिति की जांच करता है और आवेदन की समीक्षा करता है।
- अगर बैंक लोन सेटलमेंट को मंजूरी देता है, तो वह लोन लेने वाले व्यक्ति को प्रस्ताव भेजा है।
- लोन लेने वाला व्यक्ति प्रस्ताव पर विचार करता है और अगर वह प्रस्ताव से सहमत होता है, तो वह बैंक का प्रस्ताव स्वीकार करता है।
- बैंक ब्याज, पेनल्टी या लीगल खर्च माफ कर सकता है।
- सेटलमेंट की रकम का फैसला कर्जदार की क्षमता और परिस्थिति पर गौर करने के बाद लिया जाता है।
- सेटलमेंट की रकम भरने के बाद, बैंक टोटल आउटस्टैंडिंग अमाउंट और सेटलमेंट की रकम में अंतर को राइट ऑफ करके लोन को बंद कर देता है।
लोन सेटलमेंट के बारे में कुछ और बातें
- लोन सेटलमेंट से जुड़े दस्तावेजों को इकट्ठा रखना जरूरी है। इनमें आय का प्रमाण और पहचान प्रमाण जैसे दस्तावेज शामिल होते हैं।
- लोन सेटलमेंट के बाद क्रेडिट रिपोर्ट में अकाउंटिंग अकाउंट में लोन सेटलमेंट का शेयर अगले सात साल तक रह सकता है।
- इसके बाद, लोन के लिए फिर से आवेदन करने में परेशानी हो सकती है।
- लोन सेटलमेंट करने पर बैंक के पास उधारकर्ता को लोन टेन्योर के बीच लौटानी होनी वाली पूरी रकम नहीं पहुंचती।
- इसके बाद, सेटल्ड लोन का टैग अगले सात सालों तक सिबिल क्रेडिट रिपोर्ट में रहता है।
- लोन सेटलमेंट के बाद, लोन के लिए फिर से अप्लाई करने में मुश्किल हो सकती है।

लोन सेटलमेंट के कुछ फायदे ये हैं
- लोन लेने वाले को ब्याज, जुर्माना, और दूसरे शुल्कों में छूट मिल सकती है।
- लोन सेटलमेंट से तुरंत आर्थिक राहत मिलती है।
- इससे लंबी लोन वसूली प्रक्रियाओं से जुड़े कानूनी नतीजों और तनाव से बचा जा सकता है।
- लोन सेटलमेंट से उधार लेने वाले को यह सहमति मिलती है कि वह लोन का एक हिस्सा वसूल कर पाएगा, जो अन्यथा पूरी तरह से खो सकता था।
- इससे क्रेडिट स्कोर पर निरंतर चूक या दिवालियापन की तुलना में कम हानि होती है।
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लोन सेटलमेंट के बाद, कुछ बातें ध्यान रखने योग्य हैं
- लोन सेटलमेंट के बाद, रिकवरी एजेंसियों से छुटकारा मिल जाता है।
- आपको अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) मिलता है। यह दस्तावेज लोन के साफ-सुथरे तरीके से बंद होने की पुष्टि करता है।
- आपका क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है। एक लोन सेटलमेंट से 50 से 100 पॉइंट तक क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है।
- लोन सेटलमेंट के बाद, सिबिल रिपोर्ट में यह दर्ज रहता है कि उस लोन को सेटल किया गया है।
- आपको बैंक से 'नो ड्यूज सर्टिफिकेट' मिलता है।
- बैंक क्रेडिट ब्यूरो को सूचित करता है कि आपका अकाउंट बंद कर दिया गया है।
- लोन सेटलमेंट के बाद, अगर आप आर्थिक रूप से सक्षम हो जाते हैं, तो आप बैंक से कहकर लोन की बची हुई रकम चुका सकते हैं और सेटल्ड अकाउंट को क्लोज करा सकते हैं।
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