महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए 'निर्भया फंड' से ऐसे मिलती है पीड़ितों को सहायता

आज के दिन निर्भया गैंगरेप मामला हुआ था जिसके बाद सरकार ने निर्भया फंड को स्थापित किया था पर इससे क्या लाभ मिलता है इस बारे में हम आपको बताएंगे। 

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क्या आपको वह घटना याद है जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठाए गए थे? हम बात कर रहे हैं निर्भया गैंगरेप मामले की जो आज यानी 16 दिसंबर की रात को हुई थी। साल 2012 को राजधानी दिल्ली में चलती बस में निर्भया का गैंगरेप हुआ गया था।

इस घटना ने पूरे देश की सामूहिक चेतना को हिला दिया था। देश की किसी बेटी के साथ दोबारा ऐसी दरिंदगी ना हो इसके लिए सरकार ने निर्भया फंड बनाया। इस फंड का मकसद महिला सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं शुरू करना और रेप पीड़िताओं को आर्थिक मदद देना है।

इस फंड से बीते कई सालों में करोड़ों रुपये की योजनाएं शुरू की गई हैं। तो चलिए जानते हैं आईसीएफएआई बिजनेस स्कूल के ब्रांच हेड राहुल कुमार से कि इस फंड से कैसे रेप पीड़ितों को सहायता मिलती है और इसमें कौन-कौन सी स्कीम शामिल हैं।

जानिए क्या है 'निर्भया फंड'?

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साल 2012 में इस घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया था जिसके बाद महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2013 में निर्भया फंड की स्थापना की गई थी। निर्भया फंड महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्रित योजनाओं को सहायता प्रदान करता है।

इसके अंतर्गत इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम, वन स्टॉप स्कीम, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम, केंद्रीय पीड़ित मुआवजा निधि, महिला पुलिस वालंटियर शामिल हैं।(Marital Rape पर Delhi High Court के 2 जजों की अलग राय: एक ने कहा क्राइम तो दूसरे ने कहा सेक्स के लिए इंकार नहीं सकती पत्नी) 2015 में सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को निर्भया फंड के लिए नोडल एजेंसी बनाया था। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भी इसका मूल्यांकन करता रहता है।

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कैसे मिलता है रेप पीड़ितों को फायदा?

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फाइनेंस एक्सपर्ट राहुल कुमार ने बताया है कि 'इस योजना से बलात्कार या घरेलू हिंसा की पीड़ितों के लिए क्राइसिस सेंटर, महिलाओं के लिए आश्रय स्थल, महिला पुलिस स्वयंसेवकों और एक महिला हेल्पलाइन केंद्र स्थापित किए गए हैं जिससे रेप पीड़ितों की सहायता होती है।' आपको बता दें कि देश में लगभग 700 वन स्टॉप सेंटर भी बनाए गए हैं। इन सेंटर पर महिलाएं पुलिस सेवा, उनसे परामर्श और डॉक्टर की सलाह ले सकती हैं।

  • इसके अलावा जो महिलाएं घरेलू हिंसा की वजह से अपना घर छोड़ देती हैं और उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं होती है उन महिलाओं के लिए 480 सेवा केंद्र भी बनाएं गए हैं। यहां पर घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाएं रह सकती हैं ताकि वह सुरक्षित रह सकें।
  • इस योजना से केंद्र के द्वारा पीड़ितों को मुआवजा भी दिया जाता है ताकि वह अपना भविष्य सुरक्षित रख पाएं और उन्हें किसी पर निर्भर ना रहना पड़ें। सरकार के द्वारा बनाए गए इस फंड की मदद से कई सारे राज्य निर्धारित राशि का प्रयोग करके अपने-अपने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए तरह-तरह के कार्यों को पूर्ण करते हैं।

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निर्भया फंड की मदद से महिलाओं को शारीरिक व मानसिक रूप से सशक्त करने की पूरी कोशिश की जा रही है लेकिन सरकार द्वारा किए जा रहे इतने प्रयासों के बावजूद हमारे देश में आज भी कई सारे रेप और घरेलू हिंसा के मामले आए दिन सामने आते रहे हैं।

इससे यह साबित होता है कि देश की महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए सिर्फ सरकार के प्रयास काफी नहीं हैं बल्कि इस देश के हर नागरिक को महिलाओं की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए ताकि निर्भया कांड जैसी शर्मसार घटना दोबारा ना हो। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit-india legal

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