Manipur Women Viral Video Incident Case: मामले के मुख्य आरोपी सहित 4 गिरफ्तार, महिलाओं पर हुए अत्याचार का इंसाफ आखिर कब तक?

Manipur Violence News Live Updates: मणिपुर में महिलाओं के साथ अभद्रता की गई और उनका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। 2.5 महीने पुराना यह वीडियो दिखाता है कि बतौर समाज हम किस तरह से फेल हुए हैं।

Manipur Violence and its aftermath against women

मणिपुर में लगभग तीन महीने से हिंसा चल ही रही है और अब इस बात का मुद्दा बन चुका है। अब दो कुकी-जो (Kuki-Zo) महिलाओं का वीडियो सामने आया है जिन्हें बिना कपड़ों के रास्तों पर चलवाया गया और उनके प्राइवेट पार्ट्स को बार-बार छुआ गया। कुछ रिपोर्ट्स यह भी हैं कि उनके साथ गैंगरेप हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक एक महिला की उम्र 40 पार कर चुकी थी और दूसरी सिर्फ 21 साल की थी। हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक वीडियो में सिर्फ दो महिलाओं को दिखाया है, लेकिन असल में दंगाइयों की भीड़ ने तीन महिलाओं को अपना शिकार बनाया था। ये महिलाएं एक दूसरे की रिश्तेदार थीं और पड़ोस में ही रहती थीं।

UPDATE: मणिपुर वायरल वीडियो मामले में 4 लोगों की गिरफ्तारी

वीडियो वायरल होने के एक दिन के बाद आखिरकार चार लोगों की गिरफ्तारी हो गई है। यहां एक बात और गौर करने वाली है कि महिलाओं के साथ अत्याचार करने वाला मुख्य आरोपी हुईरेम हीरोदास मैती ( Huirem Herodas Meitei) सबसे पहले पुलिस के हत्थे चढ़ा है। अभी इस मामले में और कई लोगों की गिरफ्तारी बाकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने बयान में कहा है कि दोषियों के साथ कोई दया नहीं दिखाई जाएगी।

कितना पुराना है मणिपुर में हुई इस घटना का वीडियो?

यह वीडियो 4 मई 2023 का है जिसे अब सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है और यह शर्म की बात है कि लोग इस वीडियो को इतना सर्कुलेट कर रहे हैं। वीडियो इतना विभत्स्य है कि ना तो हम वो वीडियो आपको दिखा सकते हैं और ना ही उससे जुड़ी कोई मुख्य तस्वीर। हम आपसे भी यही उम्मीद करते हैं कि सोशल मीडिया पर इस तरह का वीडियो वायरल ना करें। इससे जुड़ी कोई भी तस्वीर शेयर ना करें। इससे हम उन महिलाओं के साथ और अत्याचार होना रोक सकते हैं।

चौंकाने वाली बात यह है कि इस मामले में मई में ही जीरो एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी थी। फिर भी इसे लेकर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई और अब वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है।

मणिपुर वायरल वीडियो में आखिर है क्या?

भीड़ ने तीन महिलाओं के साथ कुकर्म किया, लेकिन वीडियो में दो को ही दिखाया गया है। वायरल वीडियो में महिलाओं के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं है और पुरुषों को उन्हें छूते हुए, थप्पड़ मारते हुए, उनके अंगों के साथ खिलवाड़ करते हुए, उन्हें टॉर्चर करते हुए देखा जा सकता है। यही कारण है कि इस वीडियो का वायरल होना इंसानियत को शर्मसार कर रहा है। कहते हैं भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता, लेकिन वीडियो में उन पुरुषों को भी दिखाया गया है जो यह हरकत कर रहे हैं।

मणिपुर में कई हफ्तों से इंटरनेट बंद था और शायद यही कारण है कि इस वीडियो को अब वायरल किया गया है। अब वीडियो वायरल होने के बाद इसे लेकर पहली गिरफ्तारी हुई है।

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मणिपुर वायरल वीडियो खड़े करता है कुछ सवाल

  • जिस तरह का जुर्म वहां हुआ है उसकी जितनी निंदा की जाए वो कम है, लेकिन क्या सिर्फ निंदा काफी है?
  • जब एफआईआर इतने पहले से हो गई थी, तो अभी तक कोई भी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई थी?
  • महिलाओं के साथ ऐसा करने वाले लोगों को रोकने की कोशिश क्यों नहीं की गई?
  • वीडियो में घटना को अंजाम देने वालों के चेहरे भी दिख रहे हैं, तो क्या उन्हें किसी चीज का डर नहीं था?

क्या इतना आसान है महिलाओं और बच्चों को टारगेट करना?

आखिरी सवाल वाकई बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर देता है। कुछ सालों पहले की बात है, 2007 में असम में भी इस तरह की घटना हुई थी जहां एक स्थानीय महिला के कपड़े फाड़कर उसे नग्नावस्था में सड़क पर दौड़ने के लिए कहा गया था और उसकी कई तस्वीरें खींची गई थीं। उस महिला का कई बार इंटरव्यू लिया गया और उसकी तस्वीरें कई बार अलग-अलग घटनाओं से जोड़कर वायरल की गईं।

Manipur mob assaults women

नॉर्थ ईस्टर्न राज्यों में जातिगत हिंसाओं की घटनाएं हमने कई बार देखी हैं और हर बार इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं। अरुणाचल प्रदेश हो, असम हो, नागालैंड हो या मणिपुर। सभी मामलों में हिंसा बढ़ते ही महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं बहुत ज्यादा होने लगती हैं।

महिलाओं के साथ यौन शोषण करना इतना आसान क्यों है?

मुद्दा यही है कि किसी भी इमरजेंसी के समय भले ही महिलाओं और बच्चों को सबसे पहले बाहर निकालने की बात की जाए, लेकिन हमेशा उन्हें ही सबसे पहले टारगेट किया जाता है। महिलाओं के साथ रेप और शोषण की घटनाएं अब इतनी आम हो गई हैं कि हर दिन आपको न्यूज में ऐसी दो-चार बातें सुनने को मिल ही जाती हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की लिस्ट देखी जाए तो आप पाएंगे कि हर एक घंटे में भारत में 49 महिलाओं के साथ किसी ना किसी तरह का क्राइम हुआ है।

भारत महिलाओं के खिलाफ क्राइम के मामलों में दुनिया में सबसे खतरनाक देशों में से एक है। हम अपनी संस्कृति, अपनी विविधता पर इतना गर्व करते हैं, लेकिन अपने ही घर में महिलाओं की इज्जत बचाने के लिए कुछ नहीं कर पाते।

घरेलू हिंसा, रेप, गैंगरेप, यौन शोषण, छेड़खानी, साइबर बुलिंग और ना जाने क्या-क्या। समाज में महिलाओं और बच्चों के ऊपर अपनी हर तरह की फ्रस्ट्रेशन निकालने के लिए गुनहगार कई रास्ते खोज लेते हैं। पर कहीं ना कहीं उन्हें यह पता है कि शायद उन्हें कभी उनके गुनाह की सजा ही ना मिले। भारत में आलम यह है कि रिपोर्टेड मामलों के अलावा, कम से कम तीन गुना ज्यादा मामले अनरिपोर्टेड ही रह जाते हैं।

कभी बदनामी के डर से, कभी लंबी लीगल लड़ाई के डर से, कभी एसिड अटैक और हिंसा से डर से, कभी अपने परिवार वालों की खुशी के लिए महिलाएं चुप रह जाती हैं, लेकिन जरा सोचिए कि किसी के लिए इस तरह से जीना कितना मुश्किल होगा।

मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए अत्याचार के बाद एक और टॉर्चर

मणिपुर में जो हुआ वह बहुत बुरा हुआ, लेकिन अब वीडियो को वायरल कर उनकी पहचान ही सबको बता देना और भी बुरा है। Livemint में उन दोनों महिलाओं में से एक सर्वाइवर का इंटरव्यू भी छपा है। उस महिला ने यह बताया है कि दंगाइयों ने एक साथ उनके घरों पर हमला कर दिया और कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया। महिलाओं से कहा गया कि अगर उन्होंने अपने कपड़े नहीं उतारे तो उन्हें भी मौत के घाट उतार दिया जाएगा।

रिपोर्ट्स मानती हैं कि उनमें से एक महिला जो 21 साल की थी उसका गैंगरेप भी किया गया है। इस महिला के 19 साल के भाई ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक उसे भीड़ ने मार डाला।

किसी के घर में घुसकर उसकी इज्जत के साथ खिलवाड़ किया जाए, पूरे इलाके में उसे बिना कपड़ों के चलवाया जाए और फिर बिना सोचे समझे वीडियो बनाकर वायरल कर दिया जाए। अपने साथ हुई उस घटना को वो महिलाएं शायद कभी नहीं भूल पाएंगी, लेकिन वीडियो को शेयर कर उनकी पहचान उजागर करना और बार-बार उन्हें इस किस्से की याद दिलाना दुखदाई है।

कुकी कम्युनिटी की एक्टिविस्ट ने बताईं मणिपुर हिंसा के बारे में कुछ चौंकाने वाली बातें

मोजो स्टोरी के लिए बरखा दत्त ने कुकी कम्युनिटी की एक्टिविस्ट ग्लैडी हुंजन (Glady Hunjan) से भी बात की। उन्होंने बताया कि यह वीडियो किसी मेल लॉयर के सामने दिखाना भी मुश्किल था और एक्टिविस्ट्स को किसी महिला लॉयर को ढूंढना पड़ा। ग्लैडी के मुताबिक ऐसी ही एक और घटना हुई थी जहां दो स्टूडेंट्स को उनके घर से बाहर खींचकर निकाला गया उनका गैंगरेप किया गया और उन्हें मार दिया गया। उनकी बॉडी अभी भी मॉर्ग में है क्योंकि उनकी शिनाख्त करने के लिए परिवार वाले इंफाल नहीं आ सकते हैं।

ऐसी ही कई घटनाओं के बारे में ग्लैडी ने मोजो स्टोरी को बताया और उन्होंने मणिपुर के हालात के बारे में बात की।

अपनी बात खत्म करते-करते आपको हम बता देते हैं कि आखिर क्यों मणिपुर में यह हिंसा हो रही है।

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आखिर क्यों मणिपुर में हो रहे हैं जातिगत दंगे?

3 मई, 2023 को मणिपुर में मैती और कुकी लोगों के बीच झड़प शुरू हुई। मैती (Meitei) मणिपुर का सबसे बड़ा और डॉमिनेंट ग्रुप है। कुकी (Kuki Tribe) लोग नॉर्थ ईस्टर्न राज्यों में नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार आदि से आकर बसे हैं और इन्हें मणिपुर की मुख्य माउंटेन ट्राइब माना जाता है।

मणिपुर के लोकल लैंड रिफॉर्म एक्ट के अनुसार मैती लोग पहाड़ी इलाकों में बस नहीं सकते जब तक उनके पास स्थानीय डिस्ट्रिक्ट काउंसिल से इजाजत ना हो।

2023 की शुरुआत में मणिपुर राज्य सरकार ने जंगलों में रहने वाले गैरकानूनी आप्रवासियों को हटाने की मुहिम शुरू की। मैती लोगों ने भी इसका समर्थन किया और कहा गया कि 1970 से ही म्यांमार से घुसपैठिए यहां आकर रह रहे हैं। फरवरी में भाजपा सरकार ने कई जिलों से लोगों को निकालना शुरू किया। मणिपुर कैबिनेट ने मार्च में तीन मुख्य कुकी मिलिटेंट ग्रुप के साथ हुए सीजफायर एग्रीमेंट को खत्म कर दिया।

पहली हिंसा तब शुरू हुई जब लोग मणिपुर में लोग ट्राइबल इलाकों पर कब्जे को लेकर एक रैली निकाल रहे थे। मणिपुर में लंबे समय से ट्राइबल फॉरेस्ट इलाकों को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, फॉरेस्ट कंजर्वेशन आदि के नाम पर कम किया जा रहा है। 11 अप्रैल को इंफाल की एक ट्राइबल कालोनी के तीन चर्चों को अवैध घोषित कर दिया गया।

20 अप्रैल को मणिपुर हाई कोर्ट के एक जज ने राज्य सरकार से अपील की कि मैती लोगों को शेड्यूल ट्राइब्स में शामिल किया जाए। अब कुकी समुदाय में यह डर था कि अगर मैती लोग ST बन जाएंगे, तो वह पहाड़ी इलाकों में जमीन खरीद पाएंगे। ऐसे में ट्राइबल ग्रुप्स ने 28 अप्रैल को मणिपुर बंद का आह्वान किया।

28 अप्रैल को ही मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह को एक जिम का उद्घाटन करना था और उसी जिम को जला दिया गया। इसके बाद 5 दिन के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया और 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (ATSUM) ने एक रैली निकालने का फैसला किया जिसे ट्राइबल सॉलिडेटरी मार्च नाम दिया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार उस दिन 60 हजार लोगों ने इसमें हिस्सा लिया और मैती लोगों को ST स्टेटस ना देने की गुजारिश की। इस दिन से ही हिंसा भड़की और पूरा मणिपुर जलने लगा।

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क्राइम रिकॉर्ड्स का सोर्स- https://ncrb.gov.in/en/search/node/crime%20against%20women

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