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Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री व्रत के दिन क्यों की जाती है बरगद के पेड़ की पूजा?

Vat Savitri Vrat 2023: 19 मई को वट सवित्री का व्रत रखा जाएगा। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में आइये जानते हैं कि आखिर क्यों बरगद के पेड़ की पूजा के बिना पूर्ण नहीं माना जाता है वट सावित्री का व्रत। 
Editorial
Updated:- 2023-05-19, 05:00 IST

Bargad Ki Puja Ka Mahatva: 19 मई, दिन शुक्रवार को वट सावित्री का व्रत रखा जाएगा। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा का विशेष विधान है।

वट सावित्री के दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। मान्यता है कि बरगद के पेड़ की पूजा के बिना यह व्रत अधूरा है।

बरगद के पेड़ की पूजा के बिना इस व्रत का फल नहीं मिलता है। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से जानते हैं वट सावित्री पर बरगद की पूजा का महत्व।

  • पौराणिक कथा के अनुसार, देवी सावित्री ने पति की रक्षा के विधि के विधान तक को बदल दिया था।
  • देवी सावित्री ने घोर तप और व्रत किया था जिससे वह अपने पति की लंबी आयु का वरदान पा सकें।
  • देवी सावित्री ने अपने पत्नी धर्म और सतीत्व के कारण यमराज से पति सत्यवान के प्राण वापस ले लिए थे।

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  • मान्यता है कि यमराज (कैसे बने यमराज मृत्यु के देवता) ने सत्यवान के प्राण देवी सावित्री को बरगद के पेड़ के नीचे लौटाए थे।
  • साथ ही, उन्होंने सावित्री को यह वरदान भी दिया था कि बरगद सौभाग्य की निशानी कहलाएगा।

bargad ki puja ka mahatva

  • जो भी सुहागिन महिला बरगद के पेड़ की पूजा करेगी उसे पति के जीवन का दान मिलेगा।
  • तभी से वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ की पूजा का विधान स्थापित हो गया।
  • मान्यता है कि वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है।
  • सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य मिलता है और सुख-समृद्धि का वास स्थापित होता है।

bargad ki puja ke niyam

  • वट वृक्ष में देवताओं का वास माना गया है। वट वृक्ष की जड़ में ब्रह्मा का स्थान मौजूद है।
  • वट वृक्ष के तने में भगवान विष्णु और डालियों में भगवान शिव विराजमान हैं।

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  • ऐसे बरगद के पेड़ की पूजा से इन तीनों देवताओं का आशीर्वाद भी मिलता है।
  • बरगद के पेड़ की पूजा से यमराज का भय नहीं सताता और मृत्यु योग नष्ट हो जाता है।
  • वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने से आर्थिक स्थिति भी सुधरती है।

तो इस कारण से वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा का इतना महत्व माना जाता है। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: herzindagi, shutterstock

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