हिंदू धर्म में भगवान की पूजा करने का बहुत महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। हर हिंदू परिवार में सुबह और शाम भगवान की पूजा जरूर की जाती है। इसे मन को शांति और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। मगर धार्मिक और वास्तु शास्त्र में भगवान की पूजा करने के कुछ नियम-कायदे बताए गए हैं।
यदि आप इन नियमों का पालन करते हुए भगवान की पूजा करते हैं तो आप सुखी और समृद्ध जीवन जी सकते हैं। उज्जैन के पंडित कैलाश नारायण एसे 15 नियम बता रहे हैं, जिन्हें भगवान की पूजा करते वक्त सभी को ध्यान में रखना चाहिए।
कैसे और कब करें पूजा-
1. शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है देवी-देवताओं का पूजन सही समय पर करना चाहिए। आपको बता दें कि दिन में 5 बार देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए। सबसे पहली पूजा ब्रह्म मुहूर्त में होनी चाहिए। इसके बाद सूर्य उदय होने के बाद यानी 9 से 10 बजे के बीच पूजा होनी चाहिए। फिर दोपहर 12 से 1 के बीच तीसरी बार भगवान की पूजा करें और भगवान के पट शाम 4 बजे तक के लिए बंद कर दें। इसके बाद शाम की आरती करें और रात को भगवान को सुलाने से पूर्व उनकी पूजा करें।
2. यह बात सभी को पता है कि भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। मगर शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु पंचदेव हैं। जब भी आप पूजा आरंभ करें, सबसे पहले इन पांचों को याद करें और इनकी पूजा करें। इससे आपको समृद्धि प्राप्त होती है।
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पूजा के दौरान कया नहीं करना चाहिए-
3. तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना गया है। ऐसी मान्यता है कि भगवान को भोग चढ़ाते वक्त तुलसी की पत्ती उसमें जरूर डालनी चाहिए तब ही भगवान भोग ग्रहण करते हैं। मगर भगवान शिव, गणेश और भैरव को तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए।
4. दूर्वा एक प्रकार की घास होती है और यह भगवान गणेश को अति प्रिय है।महादेव को भी आप दूर्वा अर्पित कर सकते हैं। मगर आपको मां दुर्गा को कभी भी दूर्वा अर्पित नहीं करनी चाहिए। इससे वह नाराज हो जाती हैं। इसी तरह शिवलिंग पर कभी भी केतकी का फूल अर्पित नहीं करना चाहिए।
5. हिंदू धर्म में शंख में जल भर कर महादेव को अर्पित करने का महत्व बताया गया है, मगर सूर्य देव(सूर्य पूजन विधि जानें) को शंख के जल से अर्घ्य नहीं देना चाहिए। इसी तरह आमतौर पर लोग भगवान पर हाथों से फूल अर्पित करते हैं, मगर फूल हमेशा एक पवित्र पात्र में रख कर भगवान पर चढ़ाने चाहिए।
6. तुलसी के पौधे को बिना स्नान किए नहीं छूना चाहिए। तुलसी को देवी राधा का स्वरूप माना गया है और देवी राधा माता लक्ष्मी का स्वरूप हैं। इतना ही नहीं, रविवार, एकादशी, द्वादशी, संक्रांति तथा शाम के वक्त तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी आपसे नाराज हो सकती हैं और आपको आर्थिक संकट से गुजरना पड़ सकता है।
7. गंगाजल को हिंदू धर्म में पवित्र माना गया है और भगवान की पूजा के दौरान इसका इस्तेमाल अनिवार्य होता है। इसलिए गंगाजल को हमेशा तांबे के बर्तन में रखना चाहिए। इसे प्लास्टिक की बोतल में रखना बेहद अशुभ होता है।
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पूजा के दौरान यह कार्य अवश्य करें-
8. पूजा करते वक्त अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। साथ ही पूजा के दौरान एक घी का और एक तेल का दीपक जलाएं। इस बात का भी ध्यान रखें कि दीपक से दीपक कभी न जलाएं। ऐसा जो भी व्यक्ति करता है वह रोगी होता है। इसके साथ ही पूजा करते वक्त ऊन से बनी आसनी पर बैठना शुभ माना गया है। साथ ही पूजन खत्म होने के बाद उसी स्थान पर खड़े होकर 3 बार परिक्रमाएं अवश्य करनी चाहिए।
9. मां लक्ष्मी को कमल का फूल अति प्रिय है। आप यदि रोज ताजा कमल का फूल उन्हें अर्पित नहीं कर सकती हैं तो पांच दिनों तक कमल के फूल को एक जल से भरे पात्र में रखें और इस जल को रोज बदलती रहें। इसी तरह भगवान शिव पर एक ही बेल पत्र को आप 6 माह तक रोज उन पर अर्पित कर सकती हैं। इतना ही नहीं, तुलसी के पत्तों को भी 11 दिन तक बासी नहीं माना जाता है।
भगवान की आरती करते समय ध्यान रखें ये बातें-
10. भगवान की आरती करते वक्त कुछ नियमों का पालन जरूर करें। सबसे पहले भगवान के चरणों की आरती करें। आपको चार बार भगवान के चरणों की आरती करनी चाहिए। इसके बाद भगवान की नाभि की दो बार आरती करें और मुख की तीन बार आरती करें। इस तरह आपको भगवान के समस्त अंगों की कम से कम सात बार आरती करनी चाहिए।
कैसी होनी चाहिए घर के मंदिर में भगवान की मूर्तियां-
11. घर के मंदिर में मूर्तियां 1 ,3 , 5 , 7 , 9 ,11 इंच की हाइट तक ही होनी चाहिए। इसके साथ ही खड़े हुए गणेश जी, माता सरस्वती ,देवी लक्ष्मी की मूर्तियां या चित्र घर में नहीं रखने चाहिए।
12. वैसे तो घर के मंदिर में सभी भगवान की 1 ही प्रतिमा या चित्र होना चाहिए। अगर 1 अधिक संख्या में आप प्रतिमा या चित्र रखना ही चाहते हैं तो आपको गणेश जी या किसी भी देवी की 3 प्रतिमा या 3 चित्र रखने चाहिए। 2 से अधिक शिवलिंग या शालिग्राम न रखें।
13. अपने घर के मंदिर में केवल वही तस्वीर रखें जो आपने प्रतिष्ठित की हो। किसी के द्वारा गिफ्ट की गई भगवान की तस्वीर या मूर्ति को घर के मंदिर में न रखें।
14. घर के मंदिर में रखी जो भी मूर्ति खंडित हो गई हो, उसे तुरंत ही हटा दें। आप खंडित मूर्तियों(घर के मंदिर में भूल से भी न रखें ये 5 चीजें) को किसी मंदिर में दान कर सकते हैं या किसी पवित्र नदी में उसे विर्सजित कर सकते हैं। बेस्ट होगा कि आप उसे मंदिर में दान कर दें।
15.हिंदू धर्म में परिक्रमा को भी बहुत महत्व दिया गया है। इसलिए आपको रोज पूजा करते वक्त भगवान विष्णु के लिए चार, गणेश की तीन, सूर्य की सात, देवी दुर्गा की एक एवं भगवान शिव की आधी परिक्रमा करनी चाहिए।
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