हिंदू धर्म में सूर्य को विशेष महत्व दिया गया है। हिंदुओं में सूर्य को देवता मान कर उनकी पूजा की जाती है। वैसे सूर्य की शक्ति को देख कर ऐसा करना गलत भी नहीं है क्योंकि सूर्य ही हैं जो पूरे संसार को अपनी ऊर्जा बांटता है। यही वह शक्ति है जो लोगों के जीवन को प्रकाशित करती है। इसलिए हिंदू धर्म में सूर्य देवी की पूजा को विशेष माना गया है। सूर्य देवता की पूजा भी अलग तरह से की जाती है। इनकी पूजा के लिए रविवार का दिन तय किया गया है। गौरतलब है कि रवि सूर्य का ही एक नाम है। इस नजरिए से देखें तो रविवार का दिन पूरी तरह से सूर्यदेवता के नाम पर ही है। इस दिन सूर्य की विधि विधान से पूजा करने पर आपको जीवन सुख समृद्धी के साथ-साथ सफलताएं भी हासिल होती हैं। आपको बता दें कि इस बार दिवाली भी रविवार के दिन ही पड़ रही है। इस दिन दिवाली पूजन के साथ-साथ अगर आप विधि विधान के साथ सूर्य पूजा भी करती हैं तो आपकी सारी मनोकामना पूरी होती है। पंडित दयानंद शास्त्री बताते हैं, ‘यदि आप सूर्य की पूजा करती हैं तो आपका भाग्य भी सूर्य की तरह चमकने लगता है। मगर, सर्य पूजा के दौरान कुछ नियम और कायदे हैं जिनका अनुशरण करना बेहद जरूरी है। दिवाली के दिन रविवार है और इस दिन यदि आप सूर्य की विधि विधार से पूजा करती हैं तो यह सोने पर सुहागा हो जाएगा। ’तो चलिए जानते हैं कि सूर्य देव की पूजा करने का सही तरीका क्या है।
सूर्य देवी की पूजा कैसे की जाती है
यदि आपको बल, बुद्धि, विद्या, वैभव, तेज, ओज, पराक्रम व दिव्यता चाहिए तो आपको रोजाना सुबह उठ कर सूर्य नमस्कार करना चाहिए। यह एक योग क्रिया है। यह आपके स्वास्थ को भी अच्छा बनाए रखती है। वहीं इसे यदि मंत्रों के जाप के साथ पूर्ण किया जाए तो यह और भी लाभ कारी होती है। अगर आप सूर्य उदय से पूर्व उस दिशा में खड़े हो कर तब तक सूर्य नमस्कार करती हैं जब तक सूर्य उदय न हो जाए तो यह एक तरह से सूर्य का स्वागत करना ही कहलाएगा। सूर्य नमस्का का अधिकतर लोग बिना स्नना किए हुए करते हैं। मगर, यह योग क्रिया आपको प्रात: काल उठकर नहा धो कर करनी चाहिए। सूर्य की कृपा से आपको समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है। नौकरी और भाग्य संबंधी परेशानियां भी सूर्य की पूजा करने से दूर हो जाती है। सूर्य नमस्कार के बाद आपको तांबे के लोटे से सूर्य देवता को जल चढ़ाना चाहिए। इससे सूर्यदेवता प्रसन्न हो जाते हैं। इतना ही नहीं आपको समाज में इससे बहुत सम्मन भी प्राप्त होता है। इतना ही नहीं सूर्य देव को लाल पुष्प आति प्रिय है साथ ही लाल चंदन, गुड़हल का फूल, चावल अर्पित करने से सूर्य देव अति प्रसन्न हो जाते हैं। । इसके साथ ही सूर्य देव को गुड़ या गुड़ से बनी मिठाई का भोग जरूर लगाएं। इसके बाद आपको अपनी माथे पर भी लाल चंदन लगाना चाहिए।
सूर्य मंत्र स्तुति
रविवार के दिन आपको को सूर्य मंत्र स्तुति का पाठ जरूर करना चाहिए। इस पाठ को करने से शक्ति, बुद्धि, स्वास्थ्य और सम्मान की प्राप्ती होती है।
"नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्।
दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्।
इन्दं विष्णुं हरिं हंसमर्कं लोकगुरुं विभुम्।
त्रिनेत्रं त्र्यक्षरं त्र्यङ्गं त्रिमूर्तिं त्रिगतिं शुभम्"।
वैसे तो मनोकामना पूरी करे के लिए यह मंत्र ही काफभ्है मगर, रविवार के दिन यदि आप भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए व्रत करती हैं तो यह और भी अच्छी बात है। व्रत करने के लिए आपको सुबह के वक्त धूप, दीप से सूर्य देव का पूजन करें। इसके बाद दिन में सिर्फ एक समय फलाहार भोजन ही खाएं। सूर्यदेव की पूजन में प्रयुक्त होने वाली सामग्री कुमकुम , लाल फूल, चावल, दीपक, ताम्बे की थाली और ताम्बे का लोटा आदि है। यदि आप इन सारी सामग्रियों के साथ सूर्य देव की पूजा करती हैं तो आपकी पूजा सफल रहेगी।
यह है मन्त्र
इस मंत्र के जाप के बिना सूर्य देव की पूजा अधूरी मानी जाती है, "ॐ सूर्याय नमः" मन्त्र का जाप करते हुए सूर्य देवता को जल अर्पित करें और प्रणाम करें। इसके बाद "सूर्याय नमः अर्घ समर्पयामि" इस मंत्र के उच्चारण के साथ ही आपको सूर्य देव को जल समर्पित करना चाएि। इसी के साथ आपकी सूर्य देव की पूजा पूरी हो जाती है।
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