हिंदू धर्म में ईश्वर का आशीर्वाद लेने और उनसे संपर्क साधने का तरीका होता पूजा करना। इसका विशेष महत्व है। पुजा करने से ईश्वर को तो प्रसन्न किया ही जा सकता है वहीं इससे मन की शांति भी मिलती है। मगर, पूजा करते वक्त कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए वरना इससे शुभ होने की जगह अशुभ भी हो सकता है। तो चलिए आज हम आपको बताएंगे कि पूजा करने के दौरान आपको कौन सी 5 मुख्य बातों का ध्यान रखना है।
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हिंदू धर्म में ईश्वर की पूजा करने का विशेष महत्व है। मगर, जब आप पूजा करने बैठें तो सबसे पहले आपको गणेश जी की अराधना करनी चाहिए। कई लोगों को यह नहीं पता है मगर, गणेश जी को देवताओं में सबसे उपर माना गया है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार समस्त देवताओं के बीच यह विवद उत्पन्न हुआ कि उनमें से सबसे श्रेष्ठ कौन हैं। तब नारद जी ने इस स्थिति को संभालने के लिए सभी देवताओं को भगवान शिव के पास जानें के लिए कहा। तब भगवान शिव ने इस मसले का सुलझाने के लिए सभी देवताओं के मध्य एक प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस प्रतियोगिता में सभी देवताओं को अपने वाहन पर बैठ कर ब्रह्माण का एक पूजा चक्कर काटना था। प्रतियोगिता में जो ऐसा करने में प्रथम आता उसी को श्रेष्ठ माना जाता। सभी देवता ऐसा करने में लग गए मगर, गणेश जी ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा तो लिया मगर, उन्होंने केवल अपने माता पिता यानि शिव और पार्वती का एक चक्कर काट लिया। उनके ऐसा करने से भगवान शिव और माता पार्वती को बहुत खुशी हुई क्योंकि गणेश जी ने अपने माता पिता को ही पूजा ब्रह्मांड मान लिया था। इसलिए उन्हें ही सबसे श्रेष्ठ समाझा जाता है। तब से सभी देवताओं में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। (गणेश जी मुर्तियों से जुड़े हैं यह नियम)
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पूजा करने से पहले आपको खुद को साफ सुथरा करना है। साथ ही साफ कपड़े पहनने हैं। पूजा के दौरान कोई भी झूठा बर्तन, जूते चप्पल और चमड़े का सामान अपने पास न रखें। वहीं आपको पूजा की थाली मे बासी फूल और बासी भोग भी नहीं रखना चाहिए। इतना ही नहीं आपको पूजा करने के दौरान इस बात का भी ध्यान रखना है कि अपके पास कोई भी ऐसी वस्तु न हो जो अनुचित हो।
शास्त्रों मे लिखा है कि खंडित मुर्तियों की पूजा नहीं करनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इस तरह की मूर्तियों की पूजा करने स कोई फल नहीं मिलता है। अगर आपके घर में ऐसी मुर्तियां है तो आपको उन्हें अपने घर से हटा कर किसी पेड़ के नीचे रख देना चाहिए या फिर मंदिर में दे देना चाहिए। शास्त्रों में ऐसी मुर्तियों को नदी में विसर्जित करने की बात लिखी हुई है। मगर नदियां अब उतनी पवित्र नहीं रही कि मुर्तियों को विसर्जित करके उन्हें और मैला किया जाए। इसके अलावा आपको देवताओं की युद्ध करते हुए जो मुर्तियां बनाई जाती हैं उन्हें भी नहीं रखना चाहिए। इससे घर में सदैव लड़ाई होत है। देवी लक्ष्मी अगर खड़ी हुई मूद्रा में है तो वास्तु के हिसाब से आपको यह तस्वीर भी नहीं रखनी चाहिए। इससे लक्ष्मी घर में नहीं टिक पातीं।
हिंदू धर्म में ईश्वर की पूजा के दौरान माथे पर तिलक लगाने का विशेष महत्व है। तिलक के बाद चावल लगाने का भी महत्व है। ऐसा इसलिए किया जाता है कयोंकि यह शुद्ध होता है। वहीं चावल से सकारात्मकता का घर में प्रवेश होता है। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जब आप चावल को पूजा की थाल में रख रही हैं तो आपको ध्यान रखना है कि वह टूटे हुए न हों। अगर चावल टूटे हुए होंगे तो यह घर में खुशी की जगह दुख ही लाएंगे।
हिंदू धर्म में कोई भी पूजा भगवान की आरती के बिना संपन्न नहीं हो सकती हैं। इसलिए आपको भगवान की आरती के समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। आपको आरती हमेशा तांबे, पीतल या चांदी के दिए से ही करनी चाहिए। आप मिट्टी के दिए से भी आरती कर सकती हैं यह भी शुद्ध होती है। आप आटे का दीपक भी बना सकती हैं। आरती करने से पहले दीपक पर शुद्ध जल का छिड़काव जरूर करें। कभी भी आरती की थाल को उलटा न घुमाएं। इतना ही नहीं आपको घुमाने की प्रक्रिया कम से कम 7 बाज जरूर करनी चाहिए।
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