किड्स रूम में अलमारी बनवाते समय इन वास्तु टिप्स को ना करें नजरअंदाज

बड़ों की ही तरह बच्चों को भी अपना सामान रखने के लिए अलग से अलमारी की जरूरत पड़ती है। हालांकि, जब आप बच्चों के कमरे के लिए अलमारी बनवाएं तो कुछ वास्तु नियमों का खास ख्याल रखें।

vastu tips for kids room

अलमारी एक ऐसा फर्नीचर है, जिसकी जरूरत अमूमन हर घर में पड़ती ही है। सामान को आर्गेनाइज्ड तरीके से रखने के लिए हम सभी अलमारी का इस्तेमाल करते हैं। अमूमन हम बेडरूम आदि में अलमारी जरूर रखते हैं या फिर अलग से बनवाते हैं। लेकिन इसके अलावा किड्स रूम में भी अलमारी की जरूरत पड़ती है। बच्चों के कमरे में कपड़े से लेकर किताबें व खिलौने आदि रखने के लिए अलमारी का इस्तेमाल किया जाता है।

आमतौर पर, बच्चों के कमरे में अलमारी उनके इंटीरियर थीम को ध्यान में रखकर बनवाई जाती है। यकीनन ऐसा करके आप बच्चों के कमरे को बेहद खूबसूरत बना सकते हैं। लेकिन अलमारी बनवाते समय सिर्फ इंटीरियर का ध्यान रखना ही काफी नहीं होता है, बल्कि आपको वास्तु के नियमों पर भी फोकस करना चाहिए।

इससे बच्चों के कमरे में एक पॉजिटिविटी आती है। तो चलिए आज इस लेख में वास्तुशास्त्री डॉ. आनंद भारद्वाज आपको ऐसे ही कुछ टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जिनका ख्याल आपको बच्चों के कमरे के लिए अलमारी बनवाते समय अवश्य रखना चाहिए-

सही दिशा में हो अलमारी

Where should cupboards be placed as per Vastu

जब आप बच्चे की अलमारी बनवा रहे हैं तो आपको दिशाओं का खास ख्याल रखना चाहिए। हमेशा बच्चे के कमरे की दक्षिण या पश्चिम दिशा की दीवार पर ही अलमारी बनवाएं। बच्चों की पढ़ाई व किताबों से जुड़ी अलमारी की सबसे अच्छी दिशा पश्चिम दिशा मानी जाती है। (तुलसी के पौधे की ठीक से देखभाल)

उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार पर अलमारी बनवाने से बचना चाहिए। हालांकि, अगर आप बच्चे की रोजमर्रा में इस्तेमाल में आने वाली किताबों के लिए अलमारी बनवा रहे हैं तो उसे उत्तर या पूर्व दिशा में बनवाया जा सकता है। हालांकि, यह अलमारी बहुत बड़ी नहीं होनी चाहिए। इसकी जगह आप एक छोटा सा रैक बनवाने पर विचार करें।

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वाइब्रेंट हो कलर

Which room is best for kids according to Vastu

जब आप बच्चों के कमरे के लिए अलमारी बनवा रहे हैं तो ऐसे में आप उस पर रंग-बिरंगे डिजाइन बनवा सकते हैं। ऐसी अलमारी के कलर वाइब्रेंट हों तो ज्यादा अच्छा माना जाता है। इससे बच्चों की पढ़ाई व विकास पर सकारात्मक असर पड़ता है। हालांकि, रंग-बिरंगे डिजाइन बनवाते समय इस बात का ख्याल रखें कि उसमें ब्लैक कलर का बहुत ज्यादा इस्तेमाल ना किया गया हो।

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साफ-सफाई का रखें ध्यान

Which room is best for kids

बच्चों के कमरे में सिर्फ अलमारी बनवाना ही काफी नहीं है, बल्कि उसकी साफ-सफाई का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। आमतौर पर, बच्चों के कमरे व उनकी अलमारी में अक्सर क्लटरिंग हो ही जाती है। ऐसे में अगर साफ-सफाई का ध्यान ना रखा जाए तो इससे वहां पर नेगेटिविटी बढ़ने लगती है। साथ ही, इससे बच्चों में सुस्ती बढ़ने लगती है और वे हर छोटी-छोटी बात पर झल्लाने लगते हैं। (ऑफिस डेस्क में भूलकर भी न रखें ये पौधे)

ठीक करवाएं अलमारी

अगर कभी बच्चे की अलमारी खराब हो जाती है या फिर उसका कुंडा टूट जाता है या कब्जा खराब हो जाता है तो उसे तुरंत ठीक करवाना चाहिए। अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। जबकि आपको इसे ऐसे ही खराब नहीं छोड़ना चाहिए। इससे मनहूसियत फैलती है और बच्चे आज्ञाकरी नहीं रहते हैं।

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Image Credit- freepik

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