herzindagi
holy water benefits

जानें पूजा के दौरान कहां-कहां गंगाजल के प्रयोग से आती है शुभता

गंगाजल को बहुत पवित्र माना जाता है। ऐसे में गंगाजल का पूजा के दौरान कुछ विशेष कामों में प्रयोग करना घर में शुभता के आगमन का कारण बनता है। 
Editorial
Updated:- 2023-01-22, 09:00 IST

Ganga Jal Ka Prayog: गंगाजल को पूजा-पाठ में बहुत शुभ और पवित्र माना गया है। जहां एक ओर गंगाजल के कई लाभ बताए गए हैं तो वहीं, गंगाजल का प्रयोग भी धर्म ग्रंथों में वर्णित है।

शास्त्रों के अनुसार, पूजा-पाठ के दौरान इन विशेष कामों में अगर गंगाजल का इस्तेमाल किया जाए तो इससे न सिर्फ घर में शुभता का आगमन होता है बल्कि परिस्थितियां भी संवर जाती हैं।

ऐसे में आज हम आपको इस लेख में हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पूजा-पाठ के दौरान गंगाजल के प्रयोग के बारे में बताने जा रहे हैं।

यंत्र शुद्धि के लिए

अगर आप घर में किसी यंत्र की स्थापना कर रहे हैं तो उस यंत्र की शुद्धि हमेशा गंगाजल (गंगाजल रखने के नियम) से ही करें। साथ ही, घर में यंत्र पहले से ही मौजूद है तब भी यंत्र की हर माह की पूर्णिमा के दिन गंगाजल से शुद्धि करें।

इसे जरूर पढ़ें:रात को कुत्तों का रोना क्यों माना जाता है अशुभ, जानें कारण

शंख में भरकर रखने के लिए

घर की तिजोरी में या मंदिर में अगर शंख स्थापित किया है तो कभी उस शंख को खाली न रखें बल्कि उसमें हमेशा गंगाजल भरकर रखें। खाली शंख मां लक्ष्मी की नाराजगी का कारण बनता है।

ganga jal ke labh

पूजा नारियल के स्नान के लिए

हिन्दू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ या अनुष्ठान के दौरान नारियल अवश्य रखा जाता है। मान्यता है कि नारियल को या तो हमेशा गंगाजल से भरे कलश पर रखना चाहिए या फिर नारियल पर गंगाजल का छिड़काव करके ही उसे स्थापित करना चाहिए।

घर में छिड़कने के लिए

घर से नकारात्मकता दूर करने के लिए भी गंगाजल का प्रयोग किया जाता है। गंगाजल के इस्तेमाल से न सिर्फ घर में पसरी नेगेटिव वाइब्स दूर हो जाती हैं बल्कि सकारात्मकता का भी संचार होता है।

ganga jal ka prayog

हवन कुंड पर छिड़कने के लिए

हवन से पहले और हवन होने के बाद भी गंगाजल का प्रयोग किया जाता है। हवन (हवन की राख के उपाय) कुंड बनाने में लगी ईंटों को गंगाजल से शुद्ध किया जाता है और हवन के बाद भी गंगाजल का छिड़काव पूरे घर में होता है।

इसे जरूर पढ़ें:क्यों होते हैं सूर्य के रथ में सात घोड़े? जानें नाम और महत्व

मूर्ति स्नान के लिए

घर में भगवान की मूर्ति स्थापित करने से पहले और स्थापना के बाद रोजाना अभिषेक के लिए भी गंगाजल का प्रयोग किया जाता है। भगवान को स्नान गंगाजल से कराया जाता है और बाद में उस गंगाजल को ग्रहण भी किया जाता है।

ganga jal ke upay

तुलसी पूजन के लिए

तुलसी पूजन में भी गंगाजल का इस्तेमाल होता है। मान्यता है कि तुलसी पूजा के बाद तुलसी की पत्तियों को रोजाना गंगाजल में भिगोकर खाने से शरीर के दोष दूर होते हैं।

तो पूजा-पाठ के दौरान इन-इन कामों में करना चाहिए गंगाजल का इस्तेमाल। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Freepik, Shutterstock

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।