कार्तिक के महीने में तुलसी की पूजा के 5 महत्वपूर्ण नियम जानें

तुलसी की पूजा का महत्व कार्तिक माह में क्यों बढ़ जाता है? यह आर्टिकल पढ़ें और पंडित जी से जानें तुलसी पूजा के विशेष नियम। 

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अंग्रेजी की तरह हिंदी कैलेंडर में भी 12 महीने होते हैं। सभी महीनों का अपना-अपना धार्मिक महत्व भी है। हिंदी पंचांग का आठवां महीना कार्तिक मास होता है। इस माह को हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा शुभ माना गया है। इस माह में बहुत सारे तीज त्योहार भी आते हैं। मगर यह माह तुलसी के पौधे की पूजा करने के लिए विशेष होता है।

यह जानकारी सभी को है कि तुलसी को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र पौधा माना गया है। हर घर में यह पौधा जरूर होता है और इसकी नियमित पूजा भी की जाती है, लेकिन तुलसी के पौधे का महत्व कार्तिक मास में क्‍यों बढ़ जाता है? इस विषय में हमने भोपाल के ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद सोनी जी से बात की।

पंडित जी कहते हैं, 'कार्तिक माह की अमावस्या के दिन तुलसी जी का जन्‍म हुआ था। इसलिए यह पूरा महीना तुलसी जी को समर्पित होता है। तुलसी जी देवी लक्ष्मी का ही स्वरूप हैं और कार्तिक माह के लगभग हर पर्व पर देवी लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु जी की आराधना की जाती है। इसलिए कार्तिक माह में तुलसी के पौधे का महत्व बढ़ जाता है।'

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कार्तिक मास कब शुरू हो रहा है?

इस वर्ष 2022 में कार्तिक का महीना 10 अक्टूबर से शुरू होगा और 8 नवंबर को खत्म होगा है| कार्तिक माह की अमावस्या 24 अक्टूबर से शुरू होकर 25 अक्टूबर तक रहेगी।

कार्तिक मास का महत्व

कार्तिक मास देवी लक्ष्मी और श्री हरि विष्‍णु जी को समर्पित होता है। देवउठनी एकादशी के बाद जब देवता जागते हैं , इसके बाद ही शरद पूर्णिमा के दूसरे दिन से कार्तिक मास आरंभ हो जाता है और इस दौरान श्री हरि विष्णु देवी लक्ष्मी के साथ जल में निवास करते हैं। इसलिए इस माह में दान और स्नान का बहुत महत्व बताया गया है। इस माह मंदिर या घर में यज्ञ और हवन कराने से भी बहुत लाभ मिलते हैं। विशेष तौर पर यह माह धन लाभ के महत्‍वपूर्ण होता है।

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कार्तिक मास में तुलसी पूजा का महत्व

कार्तिक मास में तुलसी पूजा का महत्व इसलिए बढ़ जाता है, क्‍योंकि तुलसी श्री हरि विष्णु जी को अतिप्रिय है और इससे सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है। घर में सुख-शांति लाने के लिए आपको वैसे तो नियमित तुलसी की पूजा करनी चाहिए, मगर कार्तिक मास में यदि आप बिना भूले नियमित पूजा करती हैं, तो घर से नकारात्मक ऊर्जा छूमंतर हो जाती है। धन लाभ के लिए कार्तिक का महीना बहुत ही शुभ माना गया है, ऐसे में देवी लक्ष्मी का प्रतीक तुलसी की पूजा करना आपके लिए और भी ज्यादा लाभदायक होगा।

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कार्तिक मास में तुलसी पूजा के 5 नियम जानें

  • कार्तिक माह में नियमित सूर्यास्‍त के बाद आपको तुलसी जी में एक घी का दीपक जरूर अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से आपके घर में क्लेश शांत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
  • कार्तिक माह में तुलसी जी को नए वस्‍त्र और सुहाग का सामान भी अर्पित करना चाहिए। तुलसी जी को हमेशा हरी चूड़ियां और हरी चुनरी ही अर्पित करनी चाहिए क्योंकि तुलसी जी बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करती हैं।
  • तुलसी में सिंदूर या कुमकुम चढ़ाने की जगह आपको हल्दी अर्पित करनी चाहिए, क्योंकि पीला रंग श्री हरी विष्णु को अतिप्रिय।
  • तुलसी की परिक्रमा का भी कार्तिक मास में अलग ही महत्व है। वैसे तो आपको नियमित ही तुलसी की परिक्रमा करनी चाहिए, मगर यदि आप रोज नहीं कर पाती हैं तो कार्तिक मास में नियमित तुलसी के पौधे की 3 बार परिक्रमा जरूर करें।
  • तुलसी को नियमित काले तिल डालकर जल अर्पित करें। पहले आपको सूर्य को जल अर्पित करना है और उसके बाद तुलसी को जल अर्पित करें।

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