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Rules Of Plucking Tulsi Leaves By Pandit Ji

तुलसी की पत्‍ती तोड़ने से पहले पढ़ लें ये नियम

तुलसी के पौधे को हाथ लगाने और उसके पत्‍ते तोड़ने से पहले पढ़ लें पंडित जी द्वारा बताई गईं ये जरूरी बातें। 
Editorial
Updated:- 2022-05-13, 07:17 IST

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत अधिक महत्‍व दिया गया है। इन पौधे को देवतुल्‍य माना गया है और इसलिए हर हिंदू परिवार में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। मगर धार्मिक महत्‍व के साथ-साथ तुलसी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है, साथ ही इसकी पत्तियों का इस्‍तेमाल खाने को स्‍वादिष्‍ट बनाने में भी किया जा सकता है।

खासतौर पर सर्दी, खांसी और बुखार जैसी समस्‍या को तुलसी के पत्‍ते का सेवन कर ठीक किया जा सकता है। इसलिए लोग अपने घरों में तुलसी का पौधा लगाते हैं और आवश्‍यकता पड़ने पर तुलसी के पत्‍तों को तोड़ते भी हैं। मगर शास्‍त्रों में तुलसी के पत्‍तों को तोड़ने के कुछ नियम-कायदे बताए गए हैं।

उज्‍जैन के पंडित एवं ज्‍योतिषाचार्य मनीष शर्मा बताते हैं, 'तुलसी का पौधा पूजनीय है। इसलिए इसके पत्‍तों को तोड़ने से पहले शास्‍त्रों में बताई गई बातों को ध्‍यान में रखना चाहिए।'

पंडित जी द्वारा बताए गए नियम और कायदे इस प्रकार हैं-

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important rules of plucking tulsi leaves

1. नाखून से न तोड़ें तुलसी के पत्‍ते

कई लोग तुलसी का पत्‍ता तोड़ने के लिए नाखून का इस्‍तेमाल करते हैं, मगर एसा नहीं करना चाहिए। तुलसी को तोड़ने के लिए नाखून की जगह उंगली की पोर का इस्‍तेमाल करें। हो सके तो तुलसी के पत्‍ते तोड़ने की जगह आपको गमले में पहले से गिरे तुलसी के पत्‍तों का ही इस्‍तेमाल करना चाहिए।

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2. किस दिन न तोड़ें तुलसी का पत्‍ता

शास्‍त्रों के अनुसार तुसली का पत्‍ता कभी भी रविवार के दिन नहीं तोड़ना चाहिए। अमावस्‍या, चतुर्दशी और द्वादशी के दिन भी तुलसी के पत्‍ते तोड़ना पाप माना गया है। रविवार के दिन तुलसी के पौधे पर जल भी नहीं चढ़ाना चाहिए। जो व्‍यक्ति बताए गए दिनों में तुलसी के पत्‍ते तोड़ता है, उसे आर्थिक परेशानियों(आर्थिक परेशानियां दूर करेंगी ये वास्‍तु टिप्‍स) का सामना करना पड़ता है।

3. किस समय न तोड़ें तुलसी का पत्‍ता

सूर्य देव के अस्‍त होने के बाद तुलसी का पत्‍ता न तोड़ें। शास्‍त्रों में इस बात का जिक्र मिलता है कि शाम के समय देवी तुलसी, जिन्‍हें श्री राधा का स्‍वरूप माना गया है, वे वन में श्री कृष्‍ण के साथ रास रचाने जाती हैं। यदि उनके रास में कोई व्‍यवधान उत्‍पन्‍न करता है तो उसे श्री राधा के साथ-साथ श्री कृष्‍ण के क्रोध का भी भागी बनना पड़ता है। इसके अलावा चंद्र और सूर्य ग्रहण के समय भी तुलसी के पत्‍तों को नहीं तोड़ना चाहिए।

Rules Of Plucking Tulsi Leaves

4. तुलसी के पत्‍तों को कब न लगाएं हाथ

तुलसी के पौधों को हमेशा स्‍नान करने के बाद साफ हाथों से ही छूना चाहिए। यदि तुलसी के पत्‍ते पहले से ही टूटे हुए हैं तो उन्‍हें भी हाथ साफ करके ही छूएं। यदि आपके घर में लड्डू गोपाल हैं और आप उनके पास तुलसी के टूटे हुए पत्‍ते रखती हैं या फिर श्री कृष्‍ण को प्रसाद चढ़ाने के लिए पुराने टूटे हुए तुलसी के पत्‍तों का इस्‍तेमाल करती हैं, तो आपको 11 दिन से ज्‍यादा पुराने पत्‍तों का इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए।

5. तुलसी के मुरझाए पौधे और पत्‍तों का क्‍या करें

घर में यदि तुलसी का पौधा पूरी तरह से सूख चुका है और उसमें एक भी पत्‍ता नहीं उग रहा है तो ऐसे पेड़ को घर पर न रखें बल्कि इसे किसी पवित्र नदी में विसर्जित कर दें क्‍योंकि घर पर सूखा हुआ तुलसी का पौधा रखना अशुभ माना गया है।

6. भूल से भी इन पर न चढ़ाएं तुलसी के पत्‍ते

तुलसी भगवान विष्‍णु को आतिप्रिय है, इसलिए आप भगवान विष्‍णु के किसी भी स्‍वरूप को तुलसी के पत्‍ते चढ़ा सकते हैं। मगर तुलसी के पत्‍ते को कभी भी शिव जी और भगवान गणेश पर नहीं चढ़ाना चाहिए। आपको बता दें कि श्री राधा भगवान शिव को अपना आराध्‍य मानती हैं और तुलसी का पौधा श्री राधा का ही एक स्‍वरूप है।

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Image Credit: Freepik

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