इस राज्य ने सरकारी अस्पताल में पांच ट्रांसजेंडर को रखा सुरक्षा गार्ड की नौकरी पर

इस राज्य ने अपने सरकारी हॉस्पिटल में LGBTQ यानि ट्रांसजेंडर समुदाए को नौकरी देकर सम्मान अधिकार का एक मिसाल दिया है

transgender  security guards

भारतीय समाज का कोई एक पहलू नहीं है, वो इस लिए कि एक तरफ भारतीय समाज सभी को बराबर सम्मान के अधिकार की बात करता है तो दूसरी तरफ वहीँ समाज उसका दरकिनार भी करता है। सरकर ने ऐसे कई कदम उठाए है जिनके जरिए सभी को सम्मान अधिकार देने की बात कही गई है। लेकिन देश के कुछ हिस्से में इसका कोई सिधांत नहीं दिखाइ देता। इन्हीं समाज में से कुछ गिने चुने सरकार और उनके व्यस्था है जिसके जरिए LGBTQ यानि ट्रांसजेंडर समुदाए को सम्मान अधिकार देने की प्रयत्न पर है।

देश के गरीब कहें जाने वाले एक राज्य ने अपने सरकारी हॉस्पिटल में LGBTQ यानि ट्रांसजेंडर समुदाए को नौकरी देकर इस धारण को बदले की कोशिस किया है। सरकार ने सभी को सम्मान-अधिकार का उल्लेख करते हुए पहली बार 5 ट्रांसजेंडर (LGBTQ) को नौकरी पर रखा है। तो चलिए जानते हैं इसके पीछे की कहानी-

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ओडिशा सरकार-

transgender  security guards in odisha hospital inside one

ओडिशा सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय (Lgbtq) के तरफ नजरिए को बदलते हुए कुछ दिन ये फैसला लिया की राज्य में सभी को सम्मान रोजगार का अधिक होगा। सम्मान अधिकार को देखते हुए सभी को रोजगार संबंधी सभी को बराबर का हक मिलना चाहिए। सरकार ने आगे कहा है कि देश में सभी को स्वत्रंत्र रूप से जीने में सक्षम बनान हम सभी का जिम्मेदारी होनी चाहिए और इस कार्य में सभी को बराबरी का भागेदारी बनाना होगा।

कौन-कौन हैं ये ट्रांसजेंडर-

5 ट्रांसजेंडर को हॉस्पिटल में नौकरी पर रखा गया है। दुर्गा, सोनाली, तुषार, कैलाश और Hial को जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त किया गया है। जिला प्रशासन का कहना है की इस व्यस्था से ट्रांसजेंडरों को स्वतंत्र रूप से जीवन जीने में सक्षम बनाया जा सकता है जब इन्हें सम्मान अधिकार का दर्जा दिया जाए। पंचों ट्रांसजेंडर्स को निर्मल योजना के तहत नौकरी दिया गया है और नौकरी लेने से पहले इन्हें प्रशिक्षित किया गया है।

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निर्मला योजना

transgender  security guards in odisha hospital inside two

इन पाचों ट्रांसजेंडर को ओडिशा सरकार निर्मला योजना के तहत नौकरी पेशा में शामिल किया है। सरकार ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में उन्नत स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए 2018 में ही निर्मल योजना की शुरुआत हुए थी। पांचों ट्रांसजेंडर को अस्पताल के महिला स्त्री रोग और बाल चिकित्सा वार्डों में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करने के लिए रखा गया है। सरकार ने इन्हें 6000 से 7000 का मासिक सैलरी देने को बोला है। निर्मला योजना के तहत इस कदम को ओड़िसा निवासियों ने कभी सराहा है।

प्रशिक्षण

निर्मला योजना के तहत के तहत इन सभी ट्रांसजेंडर को सरकार ने 15 दिनों के प्रशिक्षण के बाद इन्हें अस्पताल में नौकरी दिया है। पाचों ट्रांसजेंडर सरकर के इस फैसले से बहुत खुश है और उनका कहना है कि ये सभी के लिए एक अच्छा कदम है। इन पांच सुरक्षा कर्मियों को हम हर दिन 8-घंटे अस्पताल में जॉब करने का सिफ्ट दिया गया है, जिसके दौरान रोगियों की देखभाल करते हैं।

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