विनोद कुमार जितने सुंदर दिखते थे, उतना ही सुंदर उनका व्यक्तित्व था। उन्होंने भारतीय सिनेमा को 'अमर प्रेम', 'अनुराग', और अधिक शानदार क्लासिक्स फिल्में दीं। किसी के लिए भी उनके करिज्मा से प्यार न कर पाना, उनकी तरफ आकर्षित न हो पाना एकदम मुश्किल था। वहीं, भारतीय सिनेमा की उमराव जान रेखा का भी अपना अलग अंदाज था। वह जहां जाती लाखों लोगों को अपना दीवाना बना देती थी।विनोद का नाम रेखा से भी जुड़ा और आलम यह था कि लंबे समय तक दोनों की प्रेम कहानी के चर्चे फिल्मी मैग्जीन और अखबरों में छाए रहे।
रेखा और विनोद मेहरा ने कई फिल्मों में साथ काम किया। दोनों की दोस्ती बढ़ी और दोस्ती को प्यार में तब्दील होते भी समय नहीं लगा, लेकिन फिर एक दिन दोनों हमेशा के लिए अलग हो गए। ऐसा क्या हुआ दोनों के बीच के दोनों को एक-दूसरे से अलग होना पड़ा। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, विनोद मेहरा की मां को रेखा बिल्कुल पसंद नहीं थी। उनके बीच कुछ ऐसा हुआ था जिससे रेखा ने हमेशा के लिए विनोद मेहरा का घर छोड़ दिया था। मगर क्या हुआ था ऐसा, आइए इस आर्टिकल में जानें।
1970 के दशक में सबसे अधिक सराहना की जाने वाली बॉलीवुड जोड़ियों में से एक रेखा और विनोद मेहरा की थी। दोनों शुरू से ही अच्छे दोस्त थे लेकिन अपनी दोस्ती को कभी अलग स्तर पर ले जाने का मौका नहीं मिला। 70 के दशक के दौरान, विनोद बिंदिया और पत्नी के बीच फंस गए थे। वहीं रेखा और अमिताभ बच्चन के संबंध के बारे में सबको पता था। 1980 के दशक के अंत में, वे दोनों अकेले थे और उन्होंने अपने रिश्ते को और आगे ले जाने का फैसला किया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, विनोद मेहरा ने कथित तौर पर रेखा से एक गुप्त शादी की थी। विनोद इसके बाद जब रेखा को अपने घर ले गए, तो उनकी मां रेखा को देखकर नाराज हो गई। विनोद की मां दोनों के रिश्ते से इतनी नाखुश थी कि उन्होंने रेखा को अपमानित करना शुरू कर दिया था। विनोद की कई कोशिशों और अनुरोधों के बावजूद, उनकी मां ने रेखा को अपने घर के अंदर नहीं जाने दिया और रेखा को उनके घर से जाने के लिए कहा।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेखा के लिए स्थिति एक दिल दहला देने वाली थी, लेकिन वह फिर भी विनोद के अनुरोध के बाद वहां रहीं। मगर बात बनने की बजाय बिगड़ गई। विनोद की मां इतनी नाराज हो गई थीं कि उन्होंने रेखा को मारने के लिए हाथ में अपनी सैंडल तक उठा ली थी। बस इस बात ने रेखा को बुरी तरह से तोड़ दिया था। इसके बाद रेखा एक पल न रुकीं और रोते हुए विनोद मेहरा के घर और उनके जीवन को छोड़कर हमेशा के लिए चली गईं।
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रिपोर्ट्स की मुताबिक विनोद मेहरा पूरी तरह से टूट चुके थे। कुछ समय बाद उन्हें केन्या के एक बिजनेसमेन की बेटी से प्यार हुआ। उस लड़की का नाम किरण था। 1988 में दोनों ने शादी कर ली और किरण विनोद के साथ रहने के लिए मुंबई आ गईं। जल्द ही, दोनों ने बेटे रोहन और बेटी सोनिया का स्वागत किया। मेहरा परिवार में सब कुछ अच्छा चल रहा था, लेकिन नियति के मन में कुछ और ही था। साल 1990 में विनोद मेहरा को दूसरा दिल का दौरा पड़ा।
हाल ही में एक इंटरव्यू में विनोद मेहरा की तीसरी पत्नी किरण मेहरा ने रेखा और विनोद के रिश्ते पर खुलकर अपनी बात रखी। जब किरण से पूछा गया कि क्या रेखा और विनोद मेहरा के रिश्ते से उन्हें कोई फर्क पड़ता है? तो किरण ने बड़ी ही सहजता से जवाब दिया और बताया कि अगर विनोद मेहरा के आखिरी वक्त तक कोई इंसान उनके साथ था तो वह रेखा थीं, क्योंकि उन्होंने इस रिश्ते को पूरी ईमानदारी से निभाया। यही कारण है कि रेखा आज उनके परिवार के सदस्य की तरह हैं।
ये थी दो प्यार करने वालों की ट्रेजिक स्टोरी। हमें उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। इसे लाइक और शेयर करें और बॉलीवुड से जुड़ी ऐसी खबरों के लिए पढ़ती रहें हरजिंदगी।
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