जब बात देश को आजादी दिलाने के लिए अंग्रेजों से टकराने वाले वीरों की होती है तो उसमें एक नाम 'मैसूर के शेर' कहे जाने वाले टीपू सल्तान का भी आता है। टीपू सुल्तान मैसूर के शासक होने के साथ-साथ एक मौलिक सुधारक और अच्छे योद्धा भी थे। स्कूल में इतिहास की किताबों और कई टीवी सीरियल्स में आपने टीपू सुल्तान के बारे में सुना और देखा भी होगा।
ऐसा कहा जता है कि टीपू सुल्तान की तलवार की धार से अंग्रेज भी कांपते थे। इतना ही नहीं, टीपू सुल्तान ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ी और जीती भी थी। मगर टीपू सुल्तान से जुड़ी रोचक बातें यही खत्म नहीं होती हैं बल्कि टीपू सुल्तान से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं, जो इतिहास के पन्नों में ही कहीं दफन रह गई हैं। आज हम टीपू सुल्तान से जुड़ी ऐसी ही कुछ रोचक बातें आपको बताएंगे।
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टीपू सुल्तान का जन्म
टीपू सुल्तान का जन्म 20 नवंबर 1750 में कर्नाटक के देवनाहल्ली में हुआ था, जिसे अब लोग कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के नाम से जानते हैं। जन्म के वक्त टीपू सुल्तान का नाम सुल्तान फतेह अली खान शाहाब था। टीपू सुल्तान पिता की मृत्यु के बाद मैसूर(मैसूर पैलेस से जुड़ी रोचक बातें) के शासक बने थे, तब उनकी उम्र मात्र 15 वर्ष थी और जब टीपू सुल्तान ने अंग्रेजों के खिलाफ पहला युद्ध जीता था तब उनकी उम्र 18 वर्ष थी।
टीपू सुल्तान की उर्दू पत्रकारिता
बहुत कम लोगों को यह बात पता है कि टीपू सुल्तान को उर्दु पत्रकारिता का जनक माना गया है। अपनी कूटनीतिज्ञ सोच और दूरदर्शी स्वभाव के कारण टीपू सुल्तान ने वर्ष 1823 में 'जाम-ए-जहाँ नुमा' नाम का पहला उर्दू अखबार स्थापित किया था। ऐसा मानना है कि अपने इस अखाबर के जरिए टीपू सुल्तान अपनी सेना को शासन से जुड़े जरूरी मुद्दों के बारे में जानकारी देते थे।
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टीपू सुल्तान की शादी
कुछ ऐतिहासिक किताबों में इस बात का जिक्र मिलता है कि टीपू सुल्तान की 4 बीवियां थीं और उनके महल के हरम में 600 से भी ज्यादा महिलाएं थीं, जिन्हें टीपू सुल्तान ने अन्य शासकों से लड़ कर जीता था। मगर टीपू सुल्तान प्यार केवल अपनी एक ही बेगम से करते थे, जिसका नाम रुकैया बानो था। रुकैया के बारे में ज्यादा जानकारी कहीं भी उपलब्ध नहीं है, मगर इतना जरूर बताया गया है कि रुकैया और टीपू बचपन के दोस्त थे और रुकैया के पिता लाला मियां टीपू के पिता हैदर अली की सेना में प्रमुख पद पर थे। रुकैया और टीपू की शादी को लेकर हैदर अली को काफी एतराज थे, मगर इन सबको नजरअंदाज कर टीपू ने रुकैया से शादी की थी। मगर अपने पिता का दिल रखने के लिए टीपू ने जिस रात रुकैया से शादी की थी उसी रात वेल्लोर के शासक इमाम साहब बख्शी की बेटी रौशन बेगम से भी शादी की थी। आपको बता दें कि टीपू सुल्तान की पहली पत्नी का नाम खादिजा बेगम था।
टीपू को क्यों बुलाया जाता था टाइगर
भारत के इतिहास में टीपू सुल्तान से जुड़ी एक कहानी मशहूर है। ऐसा बताया जाता है कि एक बार टीपू सुल्तान अपने दोस्तों के साथ जंगल में शिकार के लिए गए थे और वहां उनका सामना बाघ से हो गया। बाघ को देख टीपू घबराए नहीं बल्कि उसका डट कर सामना किया और उसे मार गिराया। तब से उन्हें मैसूर का शेर कहा जाने लगा। टीपू सुल्तान के सिंहासन से लेकर उनकी तलवार तक में शेर की छवि पाई जाती थी। अंदाजा लगया जा सकता है कि टीपू इस घटना से काफी प्रभावित हुए थे।
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