हमारी सैलरी को कई हिस्सों में बांटा जाता है। इन हैंड, इंश्योरेंस, मेडिक्लेम, ग्रेच्युटी आदी हमारी सैलरी का ही हिस्सा होते हैं। एक निश्चित रकम हमें सैलरी के रूप में हर महीने मिलती है और कुछ लाभ नौकरी छोड़ने के बाद। हमारी सैलरी में से कटने वाली ग्रेच्युटी (Gratuity) के बारे में कुछ नियम हमें मालूम नहीं होते हैं। यही कारण है कि आज हम आपके लिए इससे जुड़ी विस्तृत जानकारी लेकर आए हैं।
पहले जानें क्या है ग्रेच्युटी (What is Gratuity)
ग्रेच्युटी आपकी सैलरी का हिस्सा है, जो कंपनी आपको सेवाओं के बदले देती है। यह रिटायरमेंट लाभों के हिस्सों में से एक है जो नौकरी छोड़ने या खत्म हो जाने पर कर्मचारी को ऑफिस द्वारा दी जाती है। इससे जुड़े कुछ नियम हैं, जिनके बारे में हर कर्मचारी को पता होना चाहिए। (सैलरी नेगोशिएशन के क्या होते हैं फायदे)
जानें ग्रेच्युटी से जुड़े नियम (Know About Gratuity)
- फाइनेंस एक्सपर्ट भानु प्रताप बताते हैं कि ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के तहत अगर कर्मचारी ने 4 साल यानी 240 दिन कपंनी के साथ काम किया है, तो वो ग्रेच्युटी का हकदार है। कंपनी किसी भी तरह उसे ग्रेच्युटी देने से मना नहीं कर सकती है।
- ग्रेच्युटी एक्ट 1972 की धारा 4(2) में प्रावधान है कि 6 महीने से अधिक की सेवा के प्रत्येक पूर्ण वर्ष या उसके भाग के लिए, नियोक्ता निर्धारित दरों पर कर्मचारी को ग्रेच्युटी का भुगतान करेगा। सलेम टेक्सटाइल केस में मद्रास हाई कोर्ट ने का भी कहना था कि 4 साल पूरे हो जाने के बाद ग्रेच्युटी मांगना कर्मचारी का हक है।
- बहुत बार कपंनी द्वारा ऐसा कहा जाता है कि आपके ऑफर लेटर में ऐसा कोई उल्लेश नहीं था। बता दें कि ऑफर लेटर में जानकारी ना दिए होने पर भी अगर आपके 4 साल काम किया है तो आप ग्रेच्युटी के हकदार हैं।
अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।
Photo Credit: Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों