दिल्ली की महिलाओं को दिसंबर का महीना बेहद दर्दनाक लगता है। 16 दिसंबर की रात को निर्भया के साथ जो हैवानियत हुई थी, उससे हर महिला की रूह कांप गई थी। निर्भया के साथ जो हुआ उसके बाद हर लड़की और महिला के मन में ये डर रहने लगा कि कहीं उनके साथ भी कुछ गलत न हो जाए। जी हां महिलाओं और लड़कियों के साथ आए दिन कोई न कोई घटनाएं होती रहती है, कभी छेड़छाड़ तो कभी रेप। ऐसे में ऑफिस में जरा सी देर होने पर वह घबराने लगती हैं। लेकिन आपको घबराने की जरूरत नहीं क्योंकि महिलाओ की सुुुुुुरक्षा उनके खुद के हाथ में हैं और थोड़ा सा सचेत होने की जरूरत है। साथ ही आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जिससे आप अपनी सुरक्षा खुद कर सकेंगी।
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सुनसान रास्ते पर अकेले जाने से बचें
ऑफिस से निकलते समय अगर आपको देर हो गई हैं तो अंधेरे में सुनसान रास्ते पर अकेले जाने से बचें, बल्कि ऑफिस से निकलने से पहले कैब या ऑटो बुक कर लें। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि कैब या ऑटो में बैठने से पहले उसका नंबर अपने किसी जानने वाले को दे दें। ताकि वह आपको आसानी से ट्रैक कर सकें।
सेफ्टी टूल्स साथ में रखें
लड़कियों को हमेशा से ही बैग में सेफ्टी टूल्स रखने चाहिए। इसके लिए हर लड़की को पेपर स्प्रे रखने की सलाह दी जाती है, ये आप हमलावर की आंखों में, मुंह पर, नाक के पास डाल सकती हैं। यह बचाव के लिए सबसे उपयोगी चीज हैं। इसके अलावा आपको बैग में स्टन गन भी जरूर रखना चाहिए। इससे आप अपनी सुरक्षा आसानी से कर सकती हैं। सामने से अगर कोई छेड़खानी का प्रयास करता है तो उसे जोरदार किक के जरिए चोट पहुंचा सकती है।
100 नंबर पर कॉल करें
लड़कियों की अपनी सुरक्षा खुद करना बेहद जरूरी है। अगर आपको लगे कि कोई संदिग्ध व्यक्ति आपका पीछा कर रहा हैं तो तुरंत फोन करके 100 नंबर पर सूचना जरूर दें। लड़कियां कभी भी खुद को कमजोर न समझे। वह हिम्मत और हौसले से हर हालात का सामना कर सकती हैं।
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हेडफोन लगाकर चलें
ऑफिस से बाहर निकलने पर अगर न चाहते हुए भी आपको सुनसान रास्ते पर चलना पड़ता है तो कानों में हेडफोन लगाकर चलें। उसमें गाने ना बजाएं लेकिन अगर आपको लगे कि कोई आपका पीछा कर रहे है तो तुरंत फोन करके अपने परिचित को इस बात की सूचना दें।Case Study: जो बन सकता था रक्षक वही बन गया रेपिस्ट, देखें वीडियो
शोर मचाएं
अगर अचानक कोई चलते समय आपसे छेड़छाड़ करें तो शोर मचाकर हेल्प के लिए आसपास के लोगों को बुलाया जा सकता है। लोगों के इकट्ठा होने से हमलावर घबरा जाएगा और वहां से भाग जाएगा।निर्भया कांड 16 दिसंबर 2012: ये कानून दिलवा सकते हैं महिलाओं को इंसाफ, जाने एक्सपर्ट से
इस तरह हिम्मत करके महिलाएं अपनी सुरक्षा खुद कर सकती हैं।
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