यह तो हम सभी जानते ही हैं कि ईद मुसलमानों का सबसे बड़ा त्यौहार है, जिसका बड़ी बेसब्री से इंतजार किया जाता है। ईद-उल-फितर कई वजहों से खास है और सबसे बड़ी वजह है कि रमजान के खत्म होने के बाद ही ईद आती है। इसलिए ईद के लिए तैयारियां भी कुछ दिनों पहले से ही शुरू होने लगती हैं।
ईद पर तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं और साफ-सुथरे कपड़े पहने जाते हैं। मगर ईद सिर्फ नए कपड़े पहनने का नाम नहीं है, लेकिन क्या आपको पता है कि कई ऐसे काम हैं जिन्हें करना सुन्नत माना जाता है। तो देर किस बात की आइए जानते हैं हमें ईद पर किन कामों को करना चाहिए।
आखिर क्यों मनाई जाती है ईद
मुस्लिम ग्रंथों के अनुसार ईद का त्योहार खुशी और जीत में मनाया जाता है क्योंकि कहा जाता है कि बद्र के युद्ध में जब पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब सफलता मिली थी, तब लोगों ने पहली खुशी में ईद-उल-फितर मनाया था। तभी से लेकर हर मुस्लिम इस त्योहार को मनाते हैं और एक-दूसरे से गले मिलते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और दूसरों को खिलाते हैं।
बॉडी को साफ करें
ईद पर सबसे पहले अपनी बॉडी को साफ कर लें क्योंकि अगर शरीर नापाक होगा तो हमारी ईद की नमाज नहीं होगी। इसलिए हमें सुबह उठकर नहा लेना चाहिए और फिर साफ सुथरे कपड़े पहन लेना चाहिए। जरूरी नहीं है कि आपको नए कपड़े ही पहनना है और पाक कपड़े भी वियर कर सकते हैं। कपड़े पहनने के बाद इत्र लगाएं और सुन्नत अदा करें।
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बाहर जाने से पहले खजूर खाएं
ईद पर बाहर जाने से पहले खजूर खाना बहुत ही सुन्नत माना जाता है। इस्लामिक ग्रंथ के अनुसार कहा जाता है कि घर से बाहर निकलने से पहले कुछ मीठा खाना वाजिब है। आप चाहें तो शीर या खीर भी खा सकते हैं, लेकिन इस सुन्नत को हमें ईद की नमाज से पहले अदा करना होगा।
ईद की नमाज अदा करें
नए कपड़े पहनने के बाद सबसे जरूरी काम है ईद की नमाज अदा करना। आप ईद की नमाज अदा करने के लिए मस्जिद जा सकते हैं। वहीं, अगर आप एक महिला हैं, तो घर पर ही नमाज अदा करें और अल्लाह से इबादत कबूल करने की दुआ मांगें। बेहतर होगा कि आप 2 रकात नमाज अदा करें।
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फितरा दें
फितरा हर मुसलमान को ईद की नमाज से पहले देना वाजिब है, जिसे रमज़ान के महीने या फिर ईद की नमाज से पहले दिया जाता है। बता दें कि 1 किलो 633 ग्राम गेहूं या 1 किलो गेहूं की कीमत किसी गरीब को देना, फितरा कहलाता है। (फितरा देना आखिर क्यों जरूरी है)
यह हर उस इंसान को देना होता है, जो आर्थिक रूप से मजबूत है यानि खाते-पीते घर से है। हालांकि, 1 किलो 633 ग्राम गेहूं की कीमत बाजार के भाव के आधार पर तय की जाती है।
इन इन चीजों को आप ईद पर जरूर करें। साथ ही, आपको यह आर्टिकल कैसा लगा? हमें कमेंट कर जरूर बताएं और इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit- (@Freepik)
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