भारत अपने आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यहां पर कई अलग-अलग धर्मों के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते हैं। हर किसी की अपनी अलग आस्था है और इसलिए लोग कई तरह के पूजा स्थलों का निर्माण भी करवाते हैं और बेहद श्रद्धा भाव से दर्शन भी करते हैं।
देशभर में आपको कई इस्लामिक स्थल देखने को मिलेंगे क्योंकि यह मुसलमानों के लिए सिर्फ इबादत करने की जगह है जहां नमाज पढ़ी जाती है और अल्लाह की इबादत की जाती है। यह तो हम सभी जानते ही हैं कि मुसलमान अपने आप में एक बहुत बड़ी कौम है, जिसका एक लंबा इतिहास रहा है।
कहा जाता है कि एक लंबे संघर्ष के बाद इस्लाम ने अपनी नीव दुनिया के सामने रखी थी, जिसका श्रय पैगंबर मोहम्मद को जाता है। मगर आपको जानकर ताज्जुब होगा कि पैगंबर मोहम्मद इस्लाम धर्म के आखिरी नबी थे, जिनकी ज़िंदगी से जुड़ा हर पहलू बहुत ही अहम है।
मगर आज हम आपको पैगंबर मोहम्मद की बेटियों और उनकी ज़िंदगी से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे, लेकिन इससे पहले पैगंबर मोहम्मद के बारे में बताएंगे।
कौन थे पैगंबर मोहम्मद?
पैगंबर साहब को इस्लाम धर्म का सबसे महान नबी कहा जाता है। पैगंबर मोहम्मद का जन्म 570 ईस्वी में अरब के शहर मक्का में हुआ था। मोहम्मद बचपन से ही गंभीर स्वभाव के ईमानदार इंसान थे और बहुत कम बोलते थे। बता दें कि मोहम्मद के पिता का नाम अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुत्तलिब और माता का नाम बीबी आमिना बिन्त वहब था और जब वह 6 वर्ष के थे तो उनकी मां की भी मृत्यु हो गई थी। (जानें हिजाब के इतिहास के बारे में)
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पैगंबर मुहम्मद की कितनी बेटियां थीं?
कुरान के मुताबिक पैगंबर मोहम्मद की 4 बेटियां थीं, जिनका नाम फातिमा, जैनाब, रुकय्याह, उम्मे कुलसुम था। मगर हम आपको उनकी तीन बेटियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। (रमज़ान के पाक महीने में पढ़ी जाने वाली खास दुआएं)
फातिमा
मोहम्मद की सबसे छोटी बेटी का नाम फातिमा था जिनका पूरा नाम हजरत फातिमा बिन्त मुहम्मद था। बता दें फातिमा का जन्म 605 ईसा पूर्व में हुआ था। फातिमा बहुत ही बहादुर और शांत रहने वाली महिला थीं, जो हमेशा पर्दे में रहती थीं।
आप ने इनका निकाह बदर के वाक्य के बाद हज़रत अली से करवा दिया था। इनसे फातिमा की 5 औलाद हुई थीं, जिनका नाम हसन, हुसैन, मोहसिन, उम्मे कुलसुम और ज़ैनब था। कहा जाता है कि फातिमा की वफात 28 अगस्त 632 ईसा पूर्व को हुई थी।
ज़ैनब
ज़ैनब मोहम्मद की पहली बेटी थीं और जब वो पैदा हुईं तब नबी की उम्र 30 साल थी। ज़ैनब हजरत क़ासिम इब्न मुहम्मद के बाद पैदा हुई थी। कहा जाता है कि कम उम्र में उनकी शादी चचेरे भाई अबू अल-आस से करवा दी गई थी, जो खदीजा बिन्त खुवायलद की सगी बहन के बेटे थे। (मुगल बादशाह अकबर की इन बेगमों के बारे में कितना जानते हैं आप?)
कहा जाता है उनके दो बच्चे थे जिसमें बेटा का नाम अली और बेटी का नाम उमामा था। बता दें कि ज़ैनब बहुत ही खूबसूरत और पर्दा करने वाली औरत थीं, जिन्होंने उस वक्त इस्लाम अपनाया जब दुनिया में बहुत कम इस्लाम को मानने वाले थे।
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रुकैया
अल्लाह के नबी की दूसरी बेटी का नाम रुकैया था, जो ज़ैनब के 2 साल बाद पैदा हुई थीं। उस वक्त नबी की उम्र लगभग 33 साल थी। कुरान के मुताबिक रुकय्या ने अपनी जिंदगी बहुत ही शांत और सादे तरीके से गुजारी है। जब उनका निकाह हुआ था तब वो अपने पति के साथ नहीं रहती थीं।
बता दें कि रुकैया का निकाह नबी के चाचा अबू लहब के बेटे उत्बाह से किया गया था। कुछ सालों बाद अल्लाह ने इन्हें बेटे की खुशी से नवाजा था।
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