पुरुषों को अपने मन का हर काम करने की आजादी है और अगर वे कुछ गलत भी करें तो उस पर ज्यादा चर्चा नहीं होती, वहीं महिलाओं के लिए अलग तरह के पैमाने हैं और उनके सामाजिक दायरों से बाहर जाने वाले व्यवहार पर तुरंत ही उनका कैरेक्टर सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है। इस मुद्दे पर बॉलीवुड की चर्चित एक्ट्रेस करीना कपूर ने बिंदास और बेबाक स्वरा भास्कर से अपने फेमस शो 'वॉट वुमन वान्ट' पर बात की। स्वरा भास्कर यूं भी अपने बोल्ड स्टेटमेंट्स को लेकर चर्चित रहती हैं और इसे लेकर कई बार उन्हें विरोध का भी सामना करना पड़ा है, लेकिन स्वरा इसकी फिक्र नहीं करतीं।
कुछ समय पहले स्वरा 'वीरे दी वेडिंग' में अपने मास्टरबेटिंग सीन को लेकर सुर्खियों में रही थीं और उसके लिए उन्हें काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी थी। लेकिन इस तरह की चीजों से बेअसर स्वरा खुलकर वो सबकुछ कहती हैं, जो वह फील करती हैं। आइए जानते हैं कि करीना के शो पर स्वरा ने क्या कहा-
'आज का वक्त बेस्ट है'
जब करीना ने पूछा कि एक अलग तरह की सोच रखने की वजह से क्या स्वरा को किसी तरह की मुश्किल होती है तो स्वरा ने जवाब दिया, 'आज का समय सबसे अच्छा समय है। इस समय में हर किसी की अपनी राय है और अलग राय होना मजबूती की निशानी है। जब महिलाएं अपने अलग विचार रखती हैं तो उन्हें स्ट्रॉन्ग महिला के तौर पर देखा जाता है। आज के समय में चीजों को लेकर स्वीकार्यता बढ़ी है, जो काफी अच्छा है। बॉलीवुड स्टार्स पहले के समय में आम लोगों से बिल्कुल कट कर रहते थे, लेकिन आज के टाइम में चीजें काफी बदल गई हैं। लोग सच कहने से भी गुरेज नहीं करते। लेकिन अलग तरह का विचार होने पर महिलाओं को इतना स्ट्रॉन्ग होने की भी जरूरत है कि वे लोगों की नेगेटिव सोच का सामना करने के लिए तैयार रहें।
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'पुरुषवादी सोच का सॉल्यूशन तुरंत नहीं मिलेगा'
करीना ने सवाल उठाते हुए जब कहा कि भारतीय समाज में पुरुषवादी सोच बहुत गहरी है तो स्वरा ने इसके लिए हामी भरी। स्वरा का कहना था, 'इसका कोई तुंरत मिल जाने वाला हल नहीं है। हमारी सोसाइटी की शुरुआत महिलाओं की अपने जानने वालों के बीच में एक्सचेंज के साथ शुरू हुई। यह स्थिति हमारी सभ्यता के शुरू होने के समय से ही है। यहीं से इस बात की शुरुआत हुई कि घर का स्वामी एक पुरुष होगा और फैमिली के लोग उसकी बात मानेंगे। हमारी परवरिश इसी तरह हुई है, लेकिन हमें इसके बारे में जागरूक होना चाहिए।'
ये लड़ाई आसान नहीं
स्वरा का मानना है कि पुरुषवादी सोच के खिलाफ फाइट आसान नहीं है। स्वरा ने कहा, 'फेमिनिज्म की तुलना में अन्याय के खिलाफ लड़ाई हो या फिर आजादी की लड़ाई कहीं ज्यादा आसान थी, क्योंकि वह दूसरे लोगों के खिलाफ थी। यह लड़ाई दरअसल एक सोच की है। इसमें लड़ाई किसी बाहरी से नहीं, बल्कि आपके अपनों से है, जिन्हें आप प्यार करते हैं, आपके पिता, आपके भाई, आपके पति। चूंकि हम इस माहौल से हैं, इसलिए हम इस बात का अहसास नहीं करते, पुरुष भी नहीं करते। पापा घर आएंगे तो मां बेटी को बोलेगी, बेटा पापा को पानी दो। हमें फैमिनिस्ट होने में इसलिए समय लगेगा क्योंकि अपनों के खिलाफ खड़े होना आसान नहीं है, क्योंकि हम उनसे प्यार करते हैं।'
नजर आ रहा है बदलाव
स्वरा ने माना कि आज के समय में महिलाएं अपने हक को लेकर जागरूक हो रही हैं। जब करीना कपूर ने उनसे पूछा कि क्या फिल्मों में मसाला दिखाए जाने के साथ क्या जिम्मेदार तरीके से महिल सशक्तीकरण पर बात होनी चाहिए तो स्वरा का कहना था, 'फिल्मों में एक कहानी दिखाई जाती है। यह किसी तरह का नारा या कोई बुक का चैप्टर नहीं है, इसमें इमोशन्स सही होने चाहिए। रांझणा की कहानी मुझे अच्छी लगी, लेकिन इसके लिए कहा गया कि महिला के साथ छेड़छाड़ को क्यूट बनाकर पेश किया गया। हालांकि उस वक्त ये चीज नहीं लगी, लेकिन बाद में लोगों का नजरिया समझ में आया। हमारे अंदर दूसरे की बात सुनने की स्वीकार्यता होनी चाहिए। जैसे कि मुझे आप( करीना कपूर) की फिल्म जब वीट मेट बहुत अच्छी लगी।
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