स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी नेता और सच्चे देशभक्त सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को मनाई जाती है। साल 2021 से इस दिन को पराक्रम दिवस के तौर पर भी मनाया जा रहा है। इस साल 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती मनाई जा रही है। सुभाष चंद्र बोस की जयंती यानी पराक्रम दिवस के दिन स्कूलों से लेकर रेजिडेंशियल सोसाइटी में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और नेताजी के संघर्ष को याद किया जाता है।
सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था। नेताजी का जीवन संघर्ष, साहस और देशभक्ति का प्रतीक माना जाता है। सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अलग होकर INA यानी भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन किया था और स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। नेताजी का प्रसिद्ध नारा था, तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। सुभाष चंद्र बोस का यह नारा आज भी लोगों के दिलों में देशभक्ति और जोश जगा देता है। अगर आप भी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे हैं, तो उनके कुछ नारे आपकी स्पीच में चार-चांद लगा सकते हैं।
सुभाष चंद्र बोस के ये नारे दिल में भर देंगे देशभक्ति और जोश
सुभाष चंद्र बोस ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक से बढ़कर एक नारे दिए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा पॉपुलर तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। इसके अलावा नेताजी ने कौन-कौन से नारे दिए हैं, आइए यहां जानते हैं।
- आजादी दी नहीं जाती, ली जाती है।
- आज हमारी एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके, एक शहीद की तरह मृत्यु का सामना करने की इच्छा, ताकि शहीद के खून से स्वतंत्रता का मार्ग बन सके।
- हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आजादी मिले, हमारे अंदर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए।
- जब हम खड़े होते हैं, जो आजाद हिंद फौज को ग्रेनाइट की दीवार की तरह होना चाहिए, जब हम मार्च करते हैं तो आजाद हिंद फौज को स्टीमरोलर की तरह होना चाहिए।
- एक व्यक्ति एक विचार के लिए मर सकता है, लेकिन उसका विचार मृत्यु के बाद हजार जन्मों में अवतरित होगा।
- अपने देश के लिए हमेशा वफादार रहने वाले, अपने प्राणों का त्याग करने के लिए हमेशा तैयार रहने वाले सैनिक अमर होते हैं।
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सुभाष चंद्र बोस जयंती पर दिए जा सकते हैं यह भाषण
संबोधित महोदयगण या आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्रिय साथियों,
आज हम यहां एक ऐसे महान नेता की जयंती मनाने के लिए इकठ्ठा हुए हैं, जिनकी वीरता और देशभक्ति ने हमें प्रेरित किया है। यहां हम बात कर रहे हैं सुभाष चंद्र बोस जी की, जिन्हें नेताजी के नाम से भी जाना जाता है। सुभाष चंद्र बोस ने कभी ब्रिटिश शासन के सामने सिर झुकाना स्वीकार नहीं किया, उनका मानना था कि संघर्ष से ही देश को आजादी मिल सकती है। यही वजह है कि उन्होंने तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा दिया। यह केवल शब्द नहीं थे, बल्कि क्रांति की पुकार थी, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन में एक अलग ही जोश भर दिया।
आज नेताजी की जयंती के मौके पर हम उन्हें याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित करते हैं। साथ ही यह संकल्प लेते हैं कि देश की सेवा, सम्मान और समाज को बेहतर बनाने की दिशा में काम करेंगे। जय हिंद जय भारत।
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पराक्रम दिवस पर स्कूल में दे सकते हैं ये स्पीच
आदरणीय शिक्षकगण, मेरे प्यारे साथियों और देशवासियों, नमस्कार!
आज हम यहां एक महान स्वतंत्रता सेनानी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मना रहे हैं। नेताजी ने भारत की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। नेताजी ने हमें सिखाया कि देश के लिए कुछ करना कितना जरूरी है। उन्होंने हमें देशभक्ति और बलिदान का पाठ पढ़ाया। आज के युवाओं को नेताजी से प्रेरणा लेनी चाहिए और देश के विकास में योगदान देना चाहिए। साथ ही देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए। जय हिंद।। (गणतंत्र दिवस पर स्कूल में दें ये स्पीच)
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Image Credit: Freepik and Herzindagi
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