Republic Day Speech Hindi 2025: 26 जनवरी भारत के इतिहास का बेहद गौरवशाली दिन है। गणतंत्र दिवस को हर भारतीय को पूरे जोश, उत्साह और उमंग के साथ सेलिब्रेट करता है। प्रत्येक स्कूल-कॉलेज और सरकारी दफ्तर में ट्राई कलर थीम पर सजावट की जाती है। साल 1950 में आज ही के दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। ऐसे में इस बार भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है।
रिपब्लिक डे के मौके पर स्कूलों और कॉलेजों में देशभक्ति से जुड़े कई सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसमें नृत्य, कविताएं और मोटिवेशनल स्पीच शामिल है। अगर आप भी अपने विद्यालय में भाषाण या स्लोगन कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं, तो इस लेख में आज हम आपके लिए कुछ प्रभावशाली स्पीच आइडिया के बारे में बताने जा रहे हैं। यदि आप स्टेज पर इन भाषण को प्रस्तुत करेंगे तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठेगा।
गणतंत्र दिवस स्पीच शुरू करते समय इन बातों का रखें ध्यान
गणतंत्र दिवस के मौके पर अगर आप या आपका बच्चा स्टेज पर भाषण देने के लिए तैयार है, तो उसे कुछ बातें जरूर बता कर रखें। स्टेज पर चढ़ते समय अपने कॉफिडेंस लेवल को बिल्कुल भी लो न करें। सबसे पहले स्टेज पर जाकर अपने सामने बैठे अतिथियों और बाकी लोगों को प्रणाम करें। अगर आप स्टेज पर किसी लाइन को भूल गए या मिस हो गई तो परेशान होने के बजाय आप तय लय के साथ अपने भाषण को पूरा करें।
गणतंत्र दिवस के मौके पर अगर आप स्कूल में शॉर्ट और मोटिवेशनल स्पीच के लिए आइडियाज ढ़ूंढ रही हैं, तो संविधान का महत्व और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का योगदान जैसे विषय पर भाषण तैयार कर सकते हैं।
गणतंत्र दिवस के मौके पर हमारे सामने उपस्थित सभी मुख्य अतिथियों और छात्र-छात्राओं को मेरा प्रणाम। जैसा कि हम सभी को पता है कि भारतीय संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। उस समय से लेकर अब तब से हम सभी लोग इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। जब हमारा देश 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजी शासन की हुकूमत से आजाद हुआ तो उस वक्त भारत के पास स्वयं का कोई संविधान नहीं था।
काफी विचार-विमर्श के बाद डॉ. भीमराव अंबेडर के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया। इस दौरान तैयार किए गए संविधान मसौदा को विधान परिषद के समझ प्रस्तुत किया गया और 26 नवंबर, 1949 में इसे अपनाया गया। लेकिन 26 जनवरी, 1950 में इसे पूरी तरह से लागू किया गया। यह दिन हमें अपने लोकतंत्र, स्वतंत्रता और समानता के महत्तपूर्ण मूल्यों को याद दिलाता है। इस दिन को याद रखने के लिए हर साल भारतीय इसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
गणतंत्र दिवस के मौके पर हॉल में उपस्थित मुख्य अतिथि और टीचर्स का स्वागत, इस दिन आज हम उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। उनके बलिदानों के कारण आज हम अपने अधिकारों का उपयोग कर पा रहे हैं। इस दिन को हम अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का सम्मान करते हुए मनाते हैं। लेकिन आजादी मिलना ही काफी नहीं था, उसे संजोना भी अति आवश्यक था। इसीलिए हमारे संविधान निर्माताओं ने वो दस्तावेज रचा, जिसने गणतंत्र को मजबूत आधार दिया। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, राजेन्द्र प्रसाद जैसे महापुरुषों की सूझबूझ और दूरदर्शिता ने हमें संविधान का वो प्रकाश स्तंभ दिया, जो हमें लोकतंत्र के अंधकार से निकालकर न्याय, समानता और भाईचारे के उजाले में लाता है।
26 जनवरी का दिन भारतीय लोकतंत्र की ताकत को दर्शाता है। हमें अपने संविधान का पालन करते हुए अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए। आइए हम संकल्प लें कि हम अपने कर्तव्यों को सही से निभाएंगे और भारत को एक महान राष्ट्र बनाएंगे।
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कॉलेज में स्पीच देने के लिए भाषण के विषय का सही चयन होना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में आप भाषण देने वाले विषय के साथ गणतंत्र दिवस से जुड़ा कोट्स, मैसेज या शायरी ले सकती हैं।
आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षक गण और मेरे प्यारे दोस्तों, आज हम एक ऐसे दिन का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं जो न केवल अंग्रेजों पर हमारी जीत का प्रतीक है बल्कि हमारी लोकतांत्रिक भावना की जीत का भी प्रतीक है। सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है, यह जीवन का माध्यम है, और इसकी आत्मा सदैव युग की आत्मा है।
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ, जिसने हमारे देश को एक लोकतांत्रिक गणराज्य बना दिया। इस दिन को हम अपने संविधान और हमारे देश के लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करते हैं। आइए हम सब मिलकर इस दिन को मनाएं और अपने कर्तव्यों को निभाने का संकल्प लें। यह संविधान हमें स्वतंत्रता, समानता और न्याय का अधिकार देता है। हम सभी को अपने अधिकारों और कर्तव्यों का पालन करते हुए एक मजबूत राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करना चाहिए। गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर हम भारतीय संविधान के प्रति अपने समर्पण को दोहराते हैं। यह संविधान हमें अधिकार तो देता है, लेकिन कर्तव्य भी सिखाता है।
जहां मन भय रहित हो और सिर ऊंचा रखा हो, स्वतंत्रता के उस स्वर्ग में, मेरे पिता, मेरे देश को जागने दो।
आदरणीय प्रधानचार्य, शिक्षक और मेरे मेरे सहपाठियों, आज हम एक ऐसा दिन मनाने के लिए एकत्र हुए हैं जो न केवल अंग्रेजों पर हमारी जीत का प्रतीक है बल्कि हमारी लोकतांत्रिक भावना की जीत का भी प्रतीक है। सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!
गणतंत्र दिवस का पर्व, हमें राष्ट्र प्रेम की ऊंचाइयों पर ले जाता है। 26 जनवरी, 1950 को इस पावन धरती पर हमने अपना संविधान अपनाया, जिसने करोड़ों देशवासियों को एकता, समानता और बंधुत्व के सूत्र में पिरोया था। यह दिन हमें उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों का, जिन्होंने अंग्रेजों की सदियों की गुलामी से मुक्ति दिलाने की याद दिलाता है। आज हम गर्व से कह सकते हैं, हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य हैं, जहां हर नागरिक को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है, जहां न्याय सब के लिए समान है। स्वतंत्रता को बचाए रखना अब हमारी जिम्मेदारी है।
गणतंत्र दिवस का दिन परेड और राष्ट्रीय गान गाने का नहीं है, बल्कि यह वह पावन क्षण है, जब हमने 74 साल पहले अपने गणतंत्र का स्वरूप गढ़ा था। इस गौरवमयी मूर्ति को तराशने का हथियार था हमारा संविधान, वो दिव्य दस्तावेज जिसने हमें न्याय, समानता और बंधुत्व का वादा किया था। संविधान, वह प्रकाश स्तम्भ है, जो हमें लोकतंत्र के अंधकार से निकालकर स्वतंत्रता के उजाले में लाता है। ये वह कवच है, जो हर नागरिक को भेदभाव और अन्याय के तीरों से बचाता है। ये वो सहारा है, जो करोड़ों भारतीयों को एक सूत्र में पिरोता है, चाहे उनका धर्म, जाति या भाषा कोई भी हो।
मित्रों और प्यारे देशवासियों, गणतंत्र दिवस की पावन बेला में आप सभी को मेरा प्रणाम!
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डिजिटल इंडिया सिर्फ गैजेट के बारे में नहीं है बल्कि यह सामाजिक-आर्थिक अंतर को मिटाने, नए अवसर पैदा करने और यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि तकनीक-संचालित भविष्य की दौड़ में कोई भी पीछे न छूट जाए। आइए हम देश भर के सभी युवा दिमागों को इस डिजिटल परिवर्तन को आकार देने में सक्रिय रूप से भाग लेने और भारत को 21वीं सदी में अग्रणी बनाने के लिए प्रेरित करें।
विविधता में एकता: भारतीय गणतंत्र का सार
आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों, आज हम एक ऐसे दिन का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं जो न केवल अंग्रेजों पर हमारी जीत का प्रतीक है बल्कि हमारी लोकतांत्रिक भावना की जीत का भी प्रतीक है। सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
किसी राष्ट्र की संस्कृति उसके लोगों के हृदय और आत्मा में निवास करती है।
एक ऐसा देश जो हर रंग, आकार और खुशबू के फूलों से खिले एक खूबसूरत बगीचे जैसा दिखता है। यही हमारा अविश्वसनीय भारत है। हम अलग-अलग भाषाएं बोल सकते हैं, अलग-अलग धर्मों का पालन कर सकते हैं और अलग-अलग पृष्ठभूमि से आते हैं, लेकिन जो चीज हम सभी को जोड़ती है, वह है राष्ट्रीय गौरव का साझा धागा और एकजुटता की भावना जो इन मतभेदों से परे है। हम सभी सहिष्णुता, सम्मान और भाईचारे जैसे समान और निहित मूल्यों को साझा करते हैं।
हमारी एकता का एक प्रतीक हमारा राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चक्र है। जिस तरह पहिये की तीलियां एक साथ चलती हैं, उसी तरह हम भारत के लोग भी एक साथ आगे बढ़ते हैं। अपनी विशिष्ट पहचान का जश्न मनाते हुए अपने गणतंत्र की भावना को कायम रखते हैं।
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