अभी पिछले सप्ताह में जब पार्लर गई थी तो वहां मौजूद एक ब्यूटीशियन से मैंने पूछा कि "आप होली खेलती हैं?" तो उसने कहा, "नहीं"। मैंने फिर तुंरत ही पूछा, "क्यों?" (क्योंकि होली मेरे पंसदीदा त्यौहारों में से है। ऐसे में मुझे लगता है कि हर किसी को होली खेलना पसंद है।)
तो उसने कहा, "दीदी मेरे मोहल्ले में एक भैया रहता है जो अपनी बहन को तो केवल टीका लगाता है लेकिन दूसरों की बहन को पकड़ कर मसल-मसल के रंग लगाता है।"
मोहल्ले के भैया
ऐसे भैया हर मोहल्ले में मिलते हैं। (मैं तो सोचती हूं इन्हें लोग भैया बोलते ही क्यों है)। मेरे भी मोहल्ले में लड़कों का ग्रुप रहता था जो लड़कियों के कपड़ों के अंदर हाथ डाल-डाल कर रंग लगाता था। मेरे सामने ही एक लड़की के साथ ऐसा हुआ था। उस समय हमलोग चारों भाई-बहन बहुत छोटे थे। पापा हमें घर से बाहर नहीं निकलने देते थे। तब हमलोग बाउंड्री में खड़े होकर सबके ऊपर पिचकारी से रंग डालते थे। (जैसे अभी बच्चे गु्ब्बारों में पानी भर कर डालते हैं)। उसी समय एक लड़की घर से बाहर दस कदम के दूरी पर ही निकली थी कि कहीं से बहुत सारे लड़के आए और उसे बालू में लिटाकर उसके कपड़ों के अंदर हाथ डाल-डाल कर रंग लगाया।
उस दिन से मैं कभी होली में बाहर नहीं निकली।
तो आपके भी मोहल्लों में ऐसे लड़के होते होंगे। तो इन लड़कों से बचें और अपनी होली को सेफ और यादगार होली बनाएं... ना कि भयावह होली।
मनचले भी करते हैं होली की तैयारी
होली जितना रंगो का त्यौहार है उससे कहीं ज्यादा ये मनचलों का त्यौहार है। होली में सामान्य दिनों की तुलना में छेड़खानी और रेप की घटनाएं अधिक होती हैं। अब प्लीज इसका आंकड़ा मत मांग लीजिएगा... क्योंकि सामान्य दिनों की घटनाएं तो दर्ज हो नहीं पाती। होली के दिन की घटनाएं दर्ज तो होने से रही, जब सब पीकर ही पड़े रहते हैं।
ऐसे में अपनी तरफ से सावधानी बरतें और इन लड़कों से ऐसे दूर रहें।
ना निकलें घर से बाहर
होली के दिन घर से ना निकलने में ही भलाई है। ये सलाह खुद को फेमिनिस्ट कहने वाली ज्यादातर लड़कियों को बुरी लग सकती है और वह सवाल कर सकती हैं कि "हम क्यों घर के अंदर रहें तो।" उनको कोई जवाब देने की जरूरत नहीं है।
आप केवल घर के अंदर ये सोच कर रहें की पत्थर पर सिर पीटने से कुछ सही नहीं होगा और आप एक दिन ज्ञान देकर इन लड़कों को नहीं सुधार सकती हैं। इसलिए बेहतर होगा कि घर के अंदर रहें और अपने परिवार वालों के साथ ही होली खेलें।
मना कर दें
अगर आपके भी मोहल्ले में कुछ भैया रहते हैं तो बेहतर होगा कि आज ही उनके घर जाकर उन्हें मना कर दें। क्योंकि ऐसे लड़के ग्रुप में निकलते हैं और "होली है" बोलते हुए घर में घुस जाते हैं। इससे पहले कि वो आपके घर में घुसें, आज ही उन्हें घर जाकर मना कर दें और इस बारे में उनके घर के बड़ों को भी कह दें कि अपने फलाने लड़के को मेरे घर मत लाइएगा।
अब प्लीज़... उनको बुरा लगने की परवाह मत करिए। क्योंकि वे जब आपकी इज्जत पर हाथ डालते हैं तो एक बार भी नहीं सोचते हैं कि आपको बुरा लगेगा। तो सीरियल की टिपिकल हीरोइन बनने की जगह थोड़ा प्रैक्टिकल बनें और टू द प्वाइंट अपनी बात कह दें।
इमरजेंसी नम्बर डायलर में रखें
अंत में सबसे जरूरी एहतियात... इमरजेंसी नम्बर डायलिंग पर रखेँ। क्योंकि ज्यादातर लड़कियां घर से बाहर काम करती हैं। इसलिए वो होली के दिन घर जा रही होंगी। ऐसे में कुछ अनहोनी ना हो जाए इसलिए इमरजेंसी नम्बर डायलिंग पर रखना जरूरी है। जिससे कि जैसी ही कोई अनहोनी का एहसास हो तो आप हेल्प के लिए नम्बर डायल कर सकें। वैसे भी इमरजेंसी नम्बर 100 तो हर किसी के पास होगा ही। तो इन नम्बर का इस्तेमाल करें और आने वाली होली को अपने लिए सेफ बनाएं।
सो सेफ होली, हैप्पी होली!!
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