सोनी राजदान की आने वाली फिल्म नो फादर्स इन कश्मीर का ट्रेलर लॉंच हुआ। ये फिल्म घाटी में लोगों की वास्तविकताओं पर अनिवार्य सवाल उठाती है। सोनी के पति और फिल्म निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक महेश भट्ट ने इस फिल्म का ट्रेलर लॉंच किया। फिल्म के ट्रेलर लॉंच के दौरान फिल्म में मुख्य किरदार निभा रहीं सोनी राजदान ने कश्मीर के प्रति अपने लगाव को जाहिर किया और उन्होंने कहा कि मेरा कश्मीर के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव है, क्योंकि मैं आधी कश्मीरी हूं। उन्होंने कहा कि जब अश्विन ने पहली बार मुझे पटकथा भेजी और मैंने इस पटकथा को पढ़ा तो मुझे यह बहुत दिलचस्प लगी, क्योंकि यह एक ऐसी फिल्म थी जो वास्तविकता को दिखा रही थी। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर कई फिल्में बनी हैं, लेकिन यह फिल्म नाटक, प्रेम कहानियों और अन्य चीजों से प्रभावित नहीं है। यह वास्तव में घाटी की स्थिति का प्रतिनिधित्व करती है और यही कारण है कि मैं इस फिल्म के प्रति आकर्षित हुई। आपको बता दें कि सोनी राजदान का जन्म यूनाइटेड किंगडम के बर्मिंघम में 25 अक्टूबर 1956 को हुआ था। राजदान की मां एक जर्मन महिला थीं और पिता एक कश्मीरी पंडित थें।
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फिल्म के ट्रेलर में 'सभी को लगता है कि वे कश्मीर को जानते हैं। दो किशोर सब कुछ बदलने वाले हैं' जैसी बातों को रोचक दृश्यों के जरिए प्रस्तुत किया गया है। ऑस्कर के लिए नामांकित फिल्म निर्माता और दो बार के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता लेखक और निर्देशक, अश्विन कुमार द्वारा निर्देशित फिल्म नो फादर्स इन कश्मीर सार्वभौमिक मानवीय भावनाओं के बारे में सच्चाई, करुणा और सहानुभूति की लड़ाई का एक अनूठा मिश्रण है।
इस कार्यक्रम में उपस्थित महेश भट्ट ने कहा कि यह एक चौंका देने वाली, दिल को तोड़ने वाली फिल्म है। अश्विन के पास सारे अंधेरे को सामने लाने की हिम्मत है, जो हमारे लिए काफी रोशनी लेकर आता है। नफरत के इन अंधेरे समय में, यहां कश्मीर की खून से लथपथ घाटी की एक प्रेम कहानी है, जिसमें आशा पैदा करने का साहस है।
वहीं, अपनी मां के इस फिल्म से भावनात्मक से जुड़े होने के कारण आलिया भट्ट भी इस फिल्म में अपनी रूची दिखा रही हैं और उन्होंने इस फिल्म को प्रोमोट करने का जिम्मा अपने कंधे पर उठाया हैं। माना जा रहा है कि फिल्म के प्रोमोशन की कमान आलिया के हाथों में आने से फिल्म को फायदा होगा, क्योंकि आलिया आज की तारीख में बॉलीवुड का जानामाना चेहरा हैं।
इस फिल्म के फिल्मकार अश्विन कुमार ने कहा, दुनियाभर में भारत में युवाओं की आबादी सबसे ज्यादा है और यह फिल्म उनके लिए ही है। यदि शेष भारत के युवा कश्मीर की जटिलताओं को समझना शुरू कर सकें, तो वे कश्मीर के लोगों के साथ सहानुभूति रख सकते हैं। सच सुनने के लिए साहस चाहिए, लेकिन ऐसा करने से सहानुभूति भी पैदा होती है।”
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हालांकि सेंसर बोर्ड के द्वारा 8 महीनों तक रोक लगाए जाने के बाद और लंबे वक़्त तक चली लड़ाई के बाद जीत हासिल हुई इस फिल्म के लिए एफसीएटी द्वारा यूए प्रमाण पत्र जारी करने के आदेश के बावजूद अभी तक सीबीएफसी द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया जाना बाकी है, जबकि आगामी 5 अप्रैल 2019 को फिल्म का रिलीज प्रस्तावित है।
Photo courtesy- (Indulge-The New Indian Express, The Economic Times, Bollywood Bubble)
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