सनातन धर्म में संस्कारों का विशेष महत्व बताया गया है। एक व्यक्ति के जीवन में 16 संस्कार होते हैं, जिनमें से एक विवाह भी होता है, इसलिए हिंदू धर्म में विवाह की कुछ विधियां भी बताई गई हैं। विधियों को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति का विवाह धूमधाम से किया जाता है। मगर ग्रह-नक्षत्रों की दशा कभी-कभी अनुकूल न होने पर विवाह में देरी और अड़चन आने लगती है।
हालांकि, एक अच्छा और मनपसंद जीवनसाथी पाना भाग्य पर निर्भर करता है और भाग्य ही तय करता है कि आपका विवाह कब और कैसे होगा। मगर खुद से भी कुछ प्रयास किए जाएं तो विवाह में आ रही अड़चनों को दूर किया जा सकता है।
विशेषतौर पर नवरात्रि के दौरान कुछ ऐसे उपाय किए जा सकते हैं, जिसके फल स्वरूप विवाह में आ रही कठिनाइयां कम हो सकती हैं। इस विषय में हमारी बातचीत छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश के ज्योतिषाचार्य एवं पंडित सौरभ त्रिपाठी से हुई। वह कहते हैं, 'कई लोग कहते हैं कि विवाह की एक सही उम्र होती है, मगर शास्त्रों में ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है। हर व्यक्ति का विवाह उसके भाग्य और कुंडली में मौजूद ग्रह-नक्षत्रों की दशा पर निर्भर करता है। हां, कई बार ऐसा जरूर देखा गया है कि बहुत प्रयास करने पर भी सफलता हासिल नहीं हो पाती है। ऐसे में आप उम्र के आधार पर उपाय करें, इससे आपको लाभ जरूर मिलेगा।'
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नवरात्रि के दौरान हर दिन शाम के समय देवी दुर्गा के किसी भी स्वरूप के आगे घी का दीपक जला कर रखें। इतना ही नहीं, आपको देवी मां को पीले रंग की चुनरी भी अर्पित करनी चाहिए, साथ ही एक लाल कपड़े में हल्दी की एक गांठ को बांध कर मां को अर्पित करने पर विवाह में आ रहीं अड़चनें दूर हो जाएंगी। इसके साथ ही देवी कात्यायनी की पूजा भी नियमित रूप से करें।
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जिन जातकों की उम्र 26 से 30 वर्ष है और शादी में रुकावटें (शादी में रुकावटें दूर करने के उपाय) आ रही हैं या फिर विवाह तय होने के बाद बार-बार टूट जाता है, तो आपको देवी दुर्गा के आगे शाम के समय चौमुखी दीपक जलाना चाहिए। पंडित जी कहते हैं, 'अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार आप देवी दुर्गा को पीतल या फिर सोने का छल्ला भी अर्पित कर सकते हैं।' इसके अलावा, आप देवी कात्यायनी के मंत्र 'ॐ कात्यायनी दैव्ये नमः' का 108 बार जाप भी नियमित रूप से करें। जो छल्ला आपने देवी जी को अर्पित किया है, उसे आप खुद ही अपने हाथ की तर्जनी उंगली में धारण कर सकते हैं।
यदि 30 वर्ष की उम्र के बाद भी जातक या जातिका के विवाह में अड़चन आ रही है, तो नवरात्रि के दौरान नियमित रूप से आम की लकड़ी से हवन करें। इसके साथ ही, आप हवन सामग्री में पीली सरसों के दाने मिला लें। अब इस हवन सामग्री से आपको 108 बार 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' का जाप करते हुए आहुति देनी है। यदि आप ऐसा नियमित करते हैं, तो विवाह में आ रही अड़चन टल जाएगी।
कई जातक ऐसे भी होते हैं, जिनका विवाह 35 की उम्र के बाद भी नहीं हो पाता है। ऐसे में बहुत बार लोग शादी की उम्मीद ही छोड़ बैठते हैं, मगर यदि आपके भाग्य में विवाहित होना लिखा है तो 35 की उम्र के बाद भी आपका विवाह हो सकता है। पंडित जी कहते हैं, 'ऐसे जातकों को देवी मां को पीले रंग के फूल अर्पित करने चाहिए। हर फूल को अर्पित करने के साथ ही आपको 'ह्रीं' का उच्चारण करना चाहिए।' इसके साथ ही आपको पीले रंग के ही वस्त्र पहन कर देवी मां की उपासना करनी चाहिए।
अगर आपके विवाह में भी अड़चन आ रही है या विलंब हो रहा है, तो आपको पंडित जी द्वारा बताए गए उपायों को एक बार जरूर आजमा कर देखना चाहिए। यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी ज्योतिष शास्त्र से जुड़े लेख पढ़ने के लिए देखती रहें हरजिंदगी।
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