
30 अप्रैल 2022 को वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण पड़ने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण इसलिए विशेष है क्योंकि यह शनि अमावस्या के दिन पड़ रहा है। हालांकि, भारत में यह आंशिक रूप से ही नजर आएगा मगर इस ग्रहण का प्रभाव कुछ राशियों पर जरूर देखा जाएगा।
यह ग्रहण वैसे तो पूरी 12 राशियों पर असर डालेगा मगर सबसे ज्यादा इसका प्रभाव मेष, कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर देखा जाएगा। इसके साथ ही सिंह राशि के जातकों के लिए भी यह ग्रहण विशेष होने वाला है, क्योंकि सिंह राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है। हमने एस्ट्रोलॉजर डॉक्टर शेफाली गर्ग से इस विषय पर चर्चा की है कि यह ग्रहण सूर्य और चंद्रमा की राशियों पर क्या प्रभाव डालने वाला है और प्रभाव से खुद को बचाने के लिए इन राशियों के जातकों को क्या उपाय करने चाहिए।
शेफाली जी कहती हैं, 'सबसे ज्यादा जरूरी है कि ग्रहण के दौरान राहु-केतु के बीज मंत्रों का जाप किया जाए। ऐसा करने से आधी मुसीबत हल हो जाती है।'
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यह ग्रहण भरणी नक्षत्र में 16 डिग्री पर आ रहा है। भरणी नक्षत्र के स्वामी यमराज देव हैं और स्वामी ग्रह शुक्र है, इसलिए ग्रहण का प्रभाव हेल्थ पर सबसे अधिक पड़ेगा। जिन जातकों की कुंडली में भरणी नक्षत्र पहले से ही पीड़ित है, उन पर इस ग्रहण का असर कुछ ज्यादा ही होगा। वहीं जिन जातकों की कुंडली में भरणी नक्षत्र मजबूत दशा में है, उन्हें ग्रहण के प्रभाव का सामना कम करना होगा, मगर वह भी इससे बच नहीं पाएंगे।

ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है। इस दौरान सभी को अवसर दिया जाता है कि आप कुछ ऐसा काम करें, जो आपके शरीर की ऊर्जा को बढ़ाए। इस दौरान आपको जिस पर ग्रहण लग रहा है और जो ग्रहण लगा रहा है, उनके बीज मंत्रों का जाप करना चाहिए। इसके अलावा आप कोई भी अन्य उपाय नहीं भी अपनाएंगे तो भी आप ग्रहण के प्रभाव से काफी हद तक बच जाएंगे।
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सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं। शेफाली जी कहती हैं, 'क्योंकि यह ग्रहण मेष राशि के अश्विनी नक्षत्र के 16 डिग्री पर हो रहा है, इसलिए यह ग्रहण आपके नवम भाव यानि आपके भाग्य भाव पर हो रहा है। ऐसे में अगर आपकी कुंडली में सूर्य मजबूत (सूर्य कमजोर होने पर आती हैं ये परेशानियां) है तो आप धार्मिक कार्यों के प्रति झुकाव महसूस करेंगे।वहीं अगर सूर्य कमजोर है तो आप धर्म से दूर भागेंगे।'
सूर्य कमजोर है इस बात को आप इस तरह से समझ सकते हैं कि आपको बहुत क्रोध आएगा और आपको झगड़ने का मन करेगा। उपाय के तौर पर आप गेहूं का दान कर सकते हैं।
कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव हैं। शेफाली जी कहती हैं, 'यह ग्रहण कर्क राशि वाले जातकों के दशम भाव यानि कि आपके कर्म भाव पर लग रहा है। ऐसे में हो सकता है कि कार्यस्थल पर आपका किसी से विवाद हो जाए। पर्सनल लाइफ में भी आप अधिक इमोशनल महसूस करेंगे। बिना बात के आपको परेशानी एवं चिंताएं भी सताएंगी।'
आपकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है इस बात को आप इस बात से पहचान सकते हैं कि आप किसी बात से बहुत ही ज्यादा दुखी हैं, इमोशनल हो रहे हैं या आपको रोने का मन कर रहा है।
चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए अपनी माता की सेवा करें और किसी भी सफेद वस्तु का दान करें।
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