आजकल ज्यादातर लोगों के पास एक या एक से ज्यादा बैंक अकाउंट होते हैं। कई बार लोग अपने पुराने या बिना इस्तेमाल के बैंक अकाउंट को बंद करवा देना चाहते हैं। लेकिन अकाउंट बंद करवाते समय कुछ बातों का ध्यान न रखने से उन्हें नुकसान हो सकता है। यहां कुछ काम की बातें दी गई हैं, जिनका आपको अपना बैंक अकाउंट बंद करवाते समय ध्यान रखना चाहिए।
बैंक अकाउंट बंद करने के लिए, आप अपनी ब्रांच में जाकर, ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल करके या ग्राहक सेवा को कॉल करके भी बंद कर सकते हैं।
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अगर आपका अकाउंट खाली है और खराब स्थिति में है, तो इसकी रिपोर्ट की जा सकती है, और अन्य बैंक आपका निगेटिव बैंकिंग रिकॉर्ड देख सकते हैं। इससे भविष्य में नए अकाउंट खोलना मुश्किल हो सकता है।
अगर किसी बैंक अकाउंट में लगातार 12 महीनों तक कोई लेनदेन नहीं होता, तो उसे निष्क्रिय खाता (Inactive Account) माना जाता है। वहीं, अगर लगातार 24 महीने यानी दो साल तक खाते से लेन-देन नहीं होता, तो उसे डॉर्मेंट अकाउंट (Dormant Account) की कैटेगरी में डाल दिया जाता है। इनएक्टिव अकाउंट को नया लेन-देन करके या इंटरनेट बैंकिंग के जरिए दोबारा से एक्टिव किया जा सकता है। वहीं, डॉर्मेंट अकाउंट को एक्टिव करवाने के लिए बैंक जाना पड़ता है।
अगर आप चाहते हैं कि आपके सभी बैंक अकाउंट एक्टिव रहें, तो आपको दो साल में कम से कम एक खाते से पैसे निकालने होंगे। ज्यादातर बैंकों में यही नियम है। एसबीआई बैंक में अकाउंट बंद करने का एप्लीकेशन फॉर्म जमा करने के बाद, आम तौर पर सात से दस दिन में अकाउंट बंद हो जाता है। वहीं, एक्सिस बैंक में अकाउंट बंद करने में करीब दो कार्य दिवस लग सकते हैं।
अगर आप दो साल से ज़्यादा समय से किसी बैंक खाते में लेनदेन नहीं कर रहे हैं, तो बैंक उसे निष्क्रिय कर देता है। निष्क्रिय खाते में आप पैसे डाल सकते हैं, लेकिन निकाल नहीं सकते। निष्क्रिय खाते में जमा रकम पर बैंक नियमित ब्याज देता है, जो उसी खाते में जमा होता रहता है। हालांकि, यह ब्याज तभी मिलेगा, जब खाता सक्रिय हो।
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अगर किसी निष्क्रिय खाते के दस्तावेजों में नॉमिनी का नाम दर्ज है, तो नॉमिनी अनक्लेम्ड रकम पर दावा कर सकता है। इसके लिए नॉमिनी को खाताधारक का मृत्यु प्रमाण-पत्र और अपने केवाईसी दस्तावेज देने होंगे। अगर खाता जॉइंट है, तो बैंक जिस खाताधारक की मौत हो चुकी है, उसका नाम काट देगा और जीवित खाताधारक को सभी अधिकार दे देगा।
अगर किसी बैंक खाते में संदिग्ध लेनदेन या किसी अपराध की आशंका हो, तो बैंक उसे फ्रीज कर सकता है। फ्रीज खाते से आप एटीएम से पैसे नहीं निकाल पाएंगे, चेक काटने पर भी कैश नहीं मिलेगा, और जमा रकम भी नहीं निकाल पाएंगे। अगर आप चाहते हैं कि आपके सभी बैंक खाते एक्टिव रहें, तो आपको दो साल में कम से कम एक खाते से पैसे निकालने होंगे। ज्यादातर बैंकों का यही नियम है।
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