बदलाव प्रकृति का नियम है। सीता माता के त्याग की कहानियों को बारे में तो आज भी लोग मिसाल देते हैं लेकिन क्या आज के ज़माने में सीता की तरह जीना मुमकिन है। आज की सीता समाज में बदलाव चाहती है। अग्निपरीक्षा देने वाली सीता मईया का किरदार निभा रही हवीषा अग्नीहोत्री से हमारी खास मुलाकात हुई। सीता के रुप में तैयार हुई हवीषा से जब हमने बात की तो उन्होंने हमें बताया की आज के ज़माने में भी सीता है लेकिन आज के ज़माने की सीता की पहचान करने वालों की नज़र होनी चाहिए।
ऐसी है आज के ज़माने की सीता
सीता माता को त्याग और बलिदान देने के लिए जाना जाता है। दिल्ली में आर्यन हेरिटेज की सम्पूर्ण रामायण में सीता माता का किरदार निभाने वाली हवीषा अग्नीहोत्री ने बताया की आज के ज़माने की सीता में बदलाव आ चुका है। मर्यादाओं में रहने वाली आज की सीता अपने राम स्वरुप पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है। सीता माता (हवीषा अग्नीहोत्री) का कहना है कि आज की महिलाएं इंडिपेंडेंट हैं। अपने लिए खुद लड़ना जानती हैं। हालांकि उन्होंने बताया की बाहर निकलना आसान नहीं है लेकिन पति का साथ हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं है।
सीता के किरदार में हवीषा ने कहा की बुरा ना करें बुरा ना सहें। बुरा करना जितना गलत है उसे सहना भी उतना ही गलत है। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा अपनी सुरक्षा का ख्याल हर महिला को खुद भी रखना चाहिए।
आज के ज़माने की सीता को चाहिए ऐसा राम
राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, महापुरुष कहा जाता है लेकिन क्या आज के जमाने में राम स्वरुप हैं? ये ऐसा सवाल था जो रामलीला के दौरान मेरे ज़हन में आया इस बारे में सीता माता (हवीषा अग्नीहोत्री) ने कहा कि आज भी राम है लेकिन आज के राम में भी समय के साथ बदलाव आए हैं। ऐसे में हमने उनसे पूछा कि अगर आपका स्वयंवर हो तो उसमें आप राम कैसे चुनेंगी तो उन्होंने कहा कि आज का राम वही है जो सेल्फिश ना हो अपनी पत्नी का हर कदम पर पूरा साथ दे। आज का राम वो है जिसका मन साफ है, माता पिता की इज्जत करता है। राम वही जो समय के हिसाब से चले और उसकी इज्जत करे।
Read more:राम-रावण का असली युद्ध देखना है तो दिल्ली की इन रामलीलाओं पर जाना न भूलें
राम में ही छुपा है रावण
रावण के बारे में सभी जानते हैं वो बेहद ज्ञानी थे लेकिन उनके अहंकार और क्रोध ने उन्हें वहां ला खड़ा किया था जहां से लोग सिर्फ उनकी बुराइयां ही देख पाए। आज की सीता को भी रावण से डर लगता है। आज का रावण किसी भी भेष में मिल सकता है। हवीषा अग्नीहोत्री ने बताया कि रावण आपके घर में भी हो सकता है और स्कूल कॉलेज ऑफिस में भी आपको रावण टकरा सकते हैं इतना ही नहीं डॉक्टर्स के रुप में भी कई बार रावण से आपका सामना हो सकता है ऐसे में अपनी सुरक्षा की सावधानी आपकी ही जिम्मेदारी है।
रामलीला में राम का किरदार निभाने वाले अर्जुन देव मलिक से भी हमारी मुलाकात हुई। अर्जुन आर्टिस्ट हैं और मानते हैं कि आज के राम में रावण भी है। राम ने अपनी सीता यानि आज के ज़माने की सीता के बारे में भी बात की और कहा कि आज की सीता वही है जिसमें आचरण हो, जो अपने पति के साथ कदम से कदम मिलाकर चले और जो घर को जोड़ना जानती है इसी के साथ राम स्वरुप दिख रहे अर्जुन ने कहा की अगर आज के ज़माने में सीता है तो सूपनखा भी है जो महिलाएं अपने घर को तोड़ती हैं वो आज के ज़माने की सुपनखा हैं।
अर्जुन देव मलिका राम का किरदार निभा रहे थे लेकिन वो ये भी कह रहे थे कि आज का राम रावण भी है लेकिन कैसे ये भी जानिए अगर किसी भी आदमी में लाख अच्छाई हैं लेकिन उसमें क्रोध है, मोह है, अहंकार है या फिर कहीं ना कहीं त्याग और सम्पर्ण की भावना नहीं है तो वो रावण ही है।
Recommended Video
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों