कहीं आपकी टीनेजर बेटी तनाव में तो नहीं, पहचाने इन संकेतों से

आज के समय में तनाव टीनेजर्स की लाइफ का भी हिस्सा बन गया है। ऐसे में आप कुछ संकेतों के जरिए इसे पहचान सकती हैं और उनकी मदद कर सकती हैं।

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कुछ समय पहले तक यह समझा जाता था कि स्ट्रेस केवल बड़ों की जिन्दगी का ही एक हिस्सा है। लेकिन वर्तमान में स्थिति काफी बदल चुकी है। तनाव अब बड़ों के अलावा छोटे बच्चों यहां तक कि टीनेजर्स की जिन्दगी में भी पसर चुका है। हालांकि इसके बारे में कई बार पैरेंट्स को पता ही नहीं चलता। वैसे तो स्ट्रेस को हैंडल करना किसी के लिए भी बेहद मुश्किल होता है। लेकिन किशोरावस्था में अक्सर बच्चे इस तनाव के चलते कुछ गलत कदम भी उठा लेते हैं। ऐसे में यह पैरेंट्स की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों के बढ़ते तनाव पर नजर रखें और उसे कम करने के लिए हरसंभव प्रयास करें। हो सकता है कि आपका बच्चा भी तनाव में हो। उसकी इस स्थिति को समझने के लिए आप कुछ संकेतों को समझ सकती हैं। दरअसल, जब बच्चे तनाव में होते हैं तो उनके लक्षण साफतौर पर नजर आते हैं, बस जरूरत है कि पैरेंट्स उन लक्षणों को समझें। तो चलिए आज हम आपको उन संकेतों के बारे में बता रहे हैं, जो अक्सर टीनेजर्स के स्ट्रेस में होने पर नजर आते हैं-

सिरदर्द और पेट दर्द

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जब एक टीनेजर तनाव में होता है तो उसे अक्सर सिरदर्द व पेट दर्द की शिकायत होती है। दरअसल, उसके मन के तनाव का विपरीत असर उसकी सेहत पर पड़ता है और पैरेंट्स उसे समझ ही नहीं पाते। अगर आपकी लाडली को भी यह समस्या बार-बार होती है तो उसे नजरअंदाज ना करें।

नींद से जुड़ी समस्याएं

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किशोरावस्था में तनाव होने पर बच्चों में नींद से जुड़ी समस्याएं देखने को मिलती हैं। हो सकता है कि वह रात को बिस्तर पर लेटी रहे और उसे नींद ही ना आए। ऐसा अक्सर टेंशन की वजह से होता है। इसके अलावा यह भी हो सकता है कि वह हर वक्त सोना चाहे ताकि वह तनाव को खुद से कुछ वक्त के लिए दूर रख सके। वह तनाव को हैंडल नहीं कर सकते और ऐसे में वह सोकर अपने तनाव से दूर भागना चाहते हैं।

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पढ़ाई में परेशानी

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अगर आपकी लाडली के ग्रेड दिन ब दिन गिरते जा रहे हैं और पढ़ाई में उसकी परफार्मेंस खराब होती जा रही हैं तो इसके पीछे का एक मुख्य कारण तनाव भी होता है। अमूमन, बहुत अधिक तनाव का असर उनकी पढ़ाई पर पड़ता है। हरवक्त होने वाली चिंता के कारण बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता और फिर वह खराब रिजल्ट के रूप में सामने आता है।

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चिड़चिड़ापन

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आमतौर पर, टीनेज में बच्चे थोड़े मूडी होते हैं, लेकिन अगर वह तनावग्रस्त हैं तो इससे वह अधिक चिड़चिड़े बना जाते हैं। वे आसानी से किसी भी चीज़ को लेकर गुस्सा हो जाते हैं या रोने लगते हैं। किसी भी छोटी सी स्थिति को संभाल नहीं पाते हैं।

ध्यान ना लगा पाना

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जब एक टीनेजर तनावग्रस्त होता है तो उसके लिए किसी भी चीज पर पूरी तरह से ध्यान लगा पाना बेहद ही मुश्किल हो जाता है। यहां बात सिर्फ उनकी पढ़ाई की ही नहीं है, बल्कि वह अन्य चीजों को लेकर भी ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाते। जिसके कारण कई बार चोटिल हो जाते हैं या फिर खुद को नुकसान भी पहुंचा लेते हैं। इसलिए उनके इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

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Image Credit: freepik

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