Hariyali Teej 2023 Significance Of Green: पति की लंबी उम्र से जुड़े इस त्योहार पर हरी चूड़ी पहनने का है रिवाज

सुहागिनों के लिए सावन की हरियाली तीज खास मानी जाती है। इस दिन महिलाओं में हरी चूड़ियां पहनने का रिवाज है। आखिर इस दिन महिलाएं हरी चूड़ियां क्यों पहनती हैं। आइए जानते हैं।

sawan teej  date

हिन्दू धर्म में सुहागिनों के लिए तीज बहुत खास होती है। वहीं सावन में आने वाली तीज हरियाली तीज के नाम से जानी जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। इस दिन महिलाएं व्रत और पूजा के साथ-साथ सोल्ह श्रृंगार भी करती हैं। यह श्रृंगार वह अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए करती हैं।

ऐसी मान्यता है कि हरियाली तीन के दिन अगर महिलाएं हरे रंग की कांच की चूडि़यां पहनती हैं तो इससे उनके पतियों की उम्र लंबी होती है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि इस दिन हरे कांच की चूड़ियां पहनने का क्या महत्व है।

hariyali teej

हरी चूड़ियों का महत्व

कुछ रंगों को हिंदुओं बहुत ही शुभ माना जाता है और हरा रंग उन्हीं में से एक है। खासतौर पर सावन में हरे रंग को बहुत महत्व दिया जाता है क्योंकि प्राकृति का यही रंग है। इस रंग को जीवन और खुशियों का प्रतीक माना जाता है। शादीशुदा औरतें हरे रंग की चूड़ियां अपने पति के लिए खुशियां एवं लंबा और सेहतमंद जीवन प्राप्त करने के लिए पहनती हैं। वैसे इस रंग से दिमाग भी शांत रहता है और घर में कलेश नहीं होता है।

इसे जरूर पढ़ें:हरियाली तीज पर सिर्फ कांच की हरी चूड़ियां ही नहीं बल्कि आप ये भी पहन सकती हैं

teej festival  date

क्या है हरिया तीज की कथा

सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की तृतिया के दिन हरियाली तीज का त्योहार आता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी पार्वती की तपस्या से खुश हो कर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को उनक पूर्व जन्म की बातें याद दिलाई थीं और कथा सुनाई थीं। यह कथा इस तरह है-

Recommended Video

‘हे पार्वती, बहुत समय पहले की बात है, जब तुमने मुझे वर के रूप में प्राप्त्करने के लिए हिमालय पर घोर तप किया था। तुमने तप के दौरान अन्न-जल सभी कुछ त्याग दिया था। तुम केवल वन में पड़े सूखे पत्ते खा कर दिन व्यतीत करती थी। तम्हारे तप पर न तो मौसम का असर होता था न भूख प्यास का। तब तुम्हारी तपस्या से खुश हो कर मैने भगवान नारायण से नाराण से तम्हारा रिश्ता मेरे लिए मांगने को बोला और भगवान नारायण ने तुम्हारे घर तुम्हारे पिता जी के पास नारद मुनी को भेजा। तुम्हारे पिता एक अघोरी से तुम्हारा विवाह कराने के लिए तैयार न हुए तब तुमने भाद्रपद शुक्ल में मेरी अराधना की और व्रत भी रखा। इस दौरान मैंने तुम्हें एक वरदान मांगने को कहा। वरदान के रूप में तुमने मुझसे विवाह करने की बात रखी। उसी व्रत के कारण हमारा विवाह संभव हो सका।’ तब से हिंदू धर्म की हर कुंवारी कन्या अच्छे वर की कामना हेतु यह व्रत रखती है वहीं विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए माता पार्वती और शिव जी का व्रत रखती हैं।
हरियाली तीज के त्‍योहार की आप सभी को शुभकामनाएं। हिंदू तीज-त्‍योहार, व्रत-पूजा और धर्म से जुड़ी रोचक बातें जानने के लिए जुड़ी रहे हरजिंदगी से।
HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP