Basant Panchami 2024: मां सरस्वती के किस रूप से मिलती है कौन सी शिक्षा?

बसंत पंचमी का पर्व मां सरस्वती को समर्पित है। इस दिन ज्ञान की देवी का विधिवत पूजा करने का विधान है। ऐसा करने से विद्यार्थियों पर कृपा बनी रहती है। 

Significance of Maa saraswati swaroop

(Significance of maa saraswati swaroop) बसंत पंचमी का पर्व पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती प्रकट हुईं थीं। इनका वाहन हंस है। मां कमल के फूल में विराजमान हैं। इनके हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में पुस्तक, तीसरे हाथ मे माला हैं। ऐसे में मां सरस्वती के ये स्वरूप हमें अलग-अलग सीख देते हैं। अगर इनके स्वरूप को अपने जीवन में अपनाया जाए, तो व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार आ सकता है। अब ऐसे में मां सरस्वती के किस रूप से कौन सी शिक्षा मिलती है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

मां सरस्वती हैं कमल पर विराजमान

wear yellow on saraswati puja

मां सरस्वती का आसन कमल का फूल है। कमल का फूल कीचड़ में खिलता है, लेकिन वह फूल खुद को इतना ऊंचा रखता है कि उसे कीचड़ स्पर्श नहीं कर पाता है। ऐसे में इससे हमें यह सिख मिलती है कि हमारे आसपास का माहौल कैसा भी हो। उसका हमारे ऊपर प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। हमें कमल की तरह खुद के व्यक्तित्व को निखारने की जरूरत है। अपनी कमियों को गिनकर उसे सुधारने का प्रयास करना चाहिए, ताकि हम एक अच्छे व्यक्ति बन सके।

मां सरस्वती के हाथ में है पुस्तक

मां सरस्वती के हाथ में पुस्तक विराजमान है। इसलिए उन्हें ज्ञान की देवा कहा जाता है। ऐसे में मां के हाथ की ये पुस्तक हमें यह शिक्षा देती है, कि हमें शिक्षा को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। हर दिन कुछ न कुछ सीखना चाहिए। पढ़ने-लिखने से हम जीवन में एक अच्छा मुकाम हासिल कर सकते हैं। ऐसे में अगर आप मां सरस्वती (मां सरस्वती मंत्र) को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो मन लगाकर उन्हें याद करके ज्ञान अर्जित करना चाहिए।

मां सरस्वती के हाथ में है वीणा

मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि जन्म के बाद मां सरस्वती (सरस्वती पूजा) ने वीणा की तार को जब छेड़ा तो सारा संसार आनंद से खिल उठा थे। उसी तरह हमें भी अपने मन को हमेशा खुश और उत्साह से भरपूर रखना चाहिए। अगर हम स्वयं को खुश रखेंगे। तभी सभी लोगों को खुश रखेंगे और इससे सभी लोगों के चेहरे पर भी मुस्कान आएगा। वीणा का अर्थ से खुश रहना और दूसरों को खुशियां बांटना।

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मां सरस्वती के हाथ में है माला

Maa saraswati devi

मां सरस्वती के एक हाथ में माला है। इसका अर्थ यह है कि हमें धर्म के मार्ग पर हमेशा चलना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि भगवान को ध्यान करने से हम हमेशा उनके करीब रह सकते हैं और जीवन में खुशियां भी बांट सकते हैं। साथ ही अहंकार की भावना को दूर रखने की जरूरत है।

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मां सरस्वती का आशीर्वाद मुद्रा

मां सरस्वती का आशीर्वाद मुद्रा हमें भला सोचने की सीख देता है। इसलिए हमें हमेशा अच्छा करना चाहिए और अच्छा बोलना चाहिए। क्योंकि हम कुछ भी बोलते और करते हैं। उसका प्रभाव खुद पर भी पड़ता है। ऐसे में दूसरों का हमेशा हित सोचना चाहिए।

माता का हंस स्वरूप

Saraswati puja

मां सरस्वती का वाहन हंस है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह दूध और पानी को अलग करने की क्षमता रखता है। इससे हमे जागरूक होने की सीख मिलती है। इसके साथ ही हमें सही और गलत की पहचान होने की भी सीख मिलती है।

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Image Credit- Freepik

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