(Basant Panchami 2024 dos and donts) हिंदू धर्म में सभी देवी-देवता के लिए कोई न कोई त्योहार समर्पित है। वहीं बसंत पंचमी का पर्व मां सरस्वती को समर्पित है। इस दिन से ही बसंत पंचमी की शुरुआत हो जाती है और यह पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन विद्यार्थी, कलाकार, साहित्यकार, पत्रकार, मां सरस्वती की पूजा विशेष रूप से करते हैं। इस दिन सभी लोग गुरु का आशीर्वाद भी लेते हैं। वहीं अगर शिशु को शिक्षा का ज्ञान देने के लिए बसंत पंचमी का दिन ही शुभ माना जाता है।
अब ऐसे में में इस दिन कई ऐसे काम हैं, जिसके करना शुभ माना जाता है और कुछ ऐसे काम भी हैं, जिन्हें करने की मनाही होती है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
बसंत पंचमी के दिन क्या करें? (Basant Panchami dos 2024)
- बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा विशेष रूप से करें। इस दिन खासकर विद्यार्थी विद्या में सफलता प्राप्ति के लिए उनसे प्रार्थना करें और पूजा-पाठ करें।
- इस दिन माता सरस्वती (मां सरस्वती मंत्र) के लिए केसर का हलवा बनाएं और उन्हे भोग लगाएं। पश्चात सभी भक्तों को प्रसाद बांटें।
- इस दिन किताबों की सफाई जरूर करना चाहिए और मां सरस्वती के लिए भजन जरूर गाएं।
- मां सरस्वती को पीले वस्त्र चढ़ाएं और इस दिन कोशिश करें कि पीले वस्त्र ही पहनकर मां सरस्वती की पूजा करें।
- बसंत पंचमी के दिन घर के सभी बच्चों को ब्रह्म मुहूर्त (ब्रह्म मुहूर्त मंत्र) में उठाएं और उनसे विधिवत मां सरस्वती की सेवा भी करवाएं।
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बसंत पंचमी के दिन क्या न करें? (Basant Panchami 2024 donts)
- बसंत पंचमी के दिन क्रोध करने से बचना चाहिए। इससे मां सरस्वती की पूजा का पुण्य फल नहीं मिलता है।
- बसंत पंचमी के दिन मांस, मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए।
- इस दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए।
- बसंत पंचमी के दिन प्याज, लहसून भी नहीं खाना चाहिए।
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बसंत पंचमी के दिन करें इस मंत्र का जाप (Chant these Mantras on Basant Panchami 2024)
बसंत पंचमी के दिन इस मंत्र का जाप करें। इससे मां सरस्वती की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी।
- ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।। कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
- या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
- ॐ ऐं वाग्देव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि
- सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नमः। वेद वेदांत वेदांग विद्यास्तानेत्र्य एव च। सरस्वती महाभागे विद्ये कमललोचने, विद्यारूपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते।
- " ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः "
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