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Rishi Panchami 2025: आज है ऋषि पंचमी, जानिए पूजा की विधि, सही समय और महत्व

ऋषि पंचमी का पर्व हर महीने भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष पंचमी में मनाया जाता है। इस दिन कई सारे लोग व्रत भी करते हैं, ताकि वो अपने द्वारा हुए कुछ गलतियों का पश्चाताप कर सके। आइए आर्टिकल में जानते हैं इस व्रत की पूजा विधि, सही समय और महत्व।
Editorial
Updated:- 2025-08-28, 12:45 IST

आज ऋषि पंचमी का खास दिन मनाया जा रहा है। इस साल यह व्रत भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को पड़ा है। ऐसे में आज यानी 28 अगस्त के दिन ही लोग व्रत कर रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को वह लोग करते हैं, जो अपनी गलतियों को सुधारने या उसका पश्चाताप करना चाहते हैं। ऐसे में इसे महिलाएं और पुरुष दोनों रख सकते हैं। इस व्रत को करने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। आइए पंडित जन्मेश द्विवेदी जी से जानते हैं इस व्रत की पूजा विधि, सही समय और इसे रखने के पीछे का महत्व।

ऋषि पंचमी का शुभ मुहूर्त क्या है?

इस बार ऋषि पंचमी की तिथि 27 अगस्त यानि कल दोपहर  3 बजकर 44 मिनट से शुरू हो चुकी थी, जिसका समापन आज यानि 28 अगस्त को शाम 5 बजकर 56 मिनट पर होगा। इसलिए लोगों ने इस दिन ही व्रत को धारण किया है। ऐसे में पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 5 मिनट से दोपहर 1 बजकर 28 मिनट तक रहने वाला है। इसमें आप अपनी पूजा पाठ को अच्छे से कर सकते हैं।

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ऋषि पंचमी व्रत की पूजन विधि क्या है?

  • इसके व्रत को करने से पहले आपको सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नाना करना है।
  • फिर आपको इस व्रत का हाथ में जल लेकर का संकल्प लेना है।
  • अब अपने मंदिर में लगे देवी-देवताओं को स्नान कराकर उचित स्थान पर रखना है।
  • फिर आपको सप्त ऋषियों की तस्वीर को गंगाजल से साफ करके मंदिर में रखना है। उ
  • उन्हें तिलक लगाएं और पूजन करें।
  • इसके बाद उनको पुष्प, फल और मिठाई को अर्पित करें।
  • फिर आपको ऋषि पंचमी की कथा सुननी है और आरती करनी है।

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ऋषि पंचमी के व्रत का जानें महत्व

हिंदू धर्म में ऋषि पंचमी का सप्तऋपियों का पूजन किया जाता है। यह हर साल मनाया जाता है। कई जगहों पर ऋषि पंचमी का भव्य आयोजन किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को करने से घर में समृद्धि आती है। साथ ही, उनके आशीर्वाद से घर में उन्नति बनी रहेगी। आप भी चाहें तो अपने जीवन की खुशहाली के लिए इसे रख सकते हैं।

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Image Credit-  Freepik 

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