Havan Kund: हर हवन कुंड का होता है अलग प्रभाव, जानें अष्ट हवन कुंडों का रहस्य

शास्त्रों में अलग अलग कुंड में हवन करने के अलग अलग फायदे बताए गए हैं जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। 

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Havan Kund: शास्त्रों में हवन करना महत्वपूर्ण, शुभ फल प्रदायक और लाभदायक माना गया है लेकिन क्या आपको पता है कि हवन कौन से कुंड में करना चाहिए, कितने प्रकार के हवन कुंड होते हैं और उनसे क्या क्या लाभ मिलते हैं। अगर नहीं, तो आज हम आपको इस विषय में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।

हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स का कहना है कि हवन कुंड के कुल 8 प्रकार होते हैं और हर कुंड में हवन करने से भिन्न भिन्न फलों की प्राप्ति होती है। टोक हालिय जानते हैं हवन कुंडों के प्रकार और उनसे मिलने वाले अलग अलग लाभों के बारे में।

योनी कुंड

जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि हवन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ये कुंड योनी के आकार का होता है। योनी अर्थात पान के पत्ते के आकार वाला कुंड। जहां एक ओर इस हवन कुंड का एक सिरा अर्द्धचन्द्राकार तो वहीं इसका दूसरा सिरा त्रिकोणाकार रूप में नजर आता है। सुंदर, स्वस्थ और तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति के लिए इस कुंड में हवन करने का विधान है।

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अर्द्धचन्द्राकार कुण्ड

अर्द्धचन्द्राकार अर्थात आधे चांद के आकार वाला यह कुंड पारिवारिक जीवन (सुखी पारिवारिक जीवन के उपाय) में आने वाली कठिनाइयों से निजात पाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इस कुंड में हवन करने से व्यक्ति को सुखी जीवन की प्राप्ति होती है।

त्रिकोण कुण्ड

इस यज्ञ कुंड का आकार इसके नाम की भांति ही त्रिकोण रूप में हैं। शास्त्रों के अनुसार, त्रिकोण कुंड में हवन से शत्रु पर विजय हासिल होती है और व्यक्ति पर त्रिदेवों का विशेष आशीर्वाद भी बना रहता है।

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वृत्त कुण्ड

वृत्त कुंड की आकृति गोलाकार होती है। हवन के लिए इस कुंड का इस्तेमाल जनकल्याण की भावना हेतु किया जाता है। इसी कुंड का प्रयोग कर प्राचीन काल में ऋषि-मुनि जगत के कल्याण हेतु भगवान से उनकी कृपा और वरदान प्राप्त करते थे।

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समअष्टास्त्र कुण्ड

समअष्टास्त्र कुण्ड का प्रयोग बीमारी से छुटकारा पाने के लिए हवन हेतु प्रयोग में लाया जाता है। इस कुंड में हवन करने से रोगों से मुक्ति मिलती है और किसी भी प्रकार के रोग के होने का खतरा भी खत्म हो जाता है। सुंदर और निरोगी काय के लिए इस कुंड में हवन किया जाता है।

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समषडस्त्र कुण्ड

इस कुंड में 6 कोण होते हैं। इस प्रकार के कुंडों का इस्तेमाल तब किया जाता है जब हवन करने का उद्देश्य समाज में प्रेम भाव को फैलाना हो। धार्मिकता स्थापित करने और सद्भाव की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए इस कुंड में हवन करने के विशेष महत्व है।

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चतुष्कोण अस्त्र कुण्ड

इस कुंड को हवन के लिए तब प्रयोग में लाया जाता है जब हवन करने का उद्देश्य अपने जीवन में उथल-पुथल को रोकना और शांति स्थापित करना हो। इस कुंड में किये गए हवन से भौतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक सभी प्रकार की इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

अति पदम कुण्ड

पद्म का अर्थ होता है कमल अर्थात इस हवन कुंड का आकार कमल के रूप का होता है। यह इकलौता ऐसा कुंड है जो 18 भागों में बांटा जाता है। इस हवन कुंड को शास्त्रों में प्राण प्रदायक माना जाता है। यानी कि अगर कोई व्यक्ति आपकी जान लेने के पीछे पड़ा है और आपको मारने के नए नए षड्यंत्र रचता रहता है तो इस कुंड में हवन करने से आपको जीवन दान मिलेगा और आपके शत्रु (शत्रु पर विजय प्राप्ति के उपाय) का ही अंत हो जाएगा।

तो ये थे हवन कुंड के प्रकार और उनसे मिलने वाले अद्भुत लाभ। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Freepik, Herzindagi

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