Surya Dev Ki Beti Aur Shri Krishna Ka Vivah: सूर्य देव के दो बेटे हैं-यम और और शनि जिनके बारे में सभी जानते हैं लेकिन सूर्य देव की पुत्रियां भी हैं जिनमें से एक का विवाह श्री कृष्ण के साथ हुआ था।
वह श्री कृष्ण की पटरानी कहलाती हैं। आज उन्हें समस्त संसार में पूजा भी जाता है। हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आइये जानते हैं सूर्य देव की पुत्री से जुड़ी रोचक कथा।
- पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्य देव की (सूर्य देव की आरती) दो पुत्रियां थीं। एक का नाम कालिंदी था और दूसरी का नाम भद्रा था। कालिंदी बहुत शांत स्वभाव की थीं और भद्रा का स्वभाव उग्र था। एक बार कालिंदी ने अपने पिता सूर्य से पृथ्वी पर जाकर ताप करने की इच्छा जताई।
- पुत्री की बात मानते हुए सूर्य देव ने उन्हें ब्रज धाम में जाकर ताप करने का सुझाव दिया। कालिंदी ने कई वर्षों तक घोर तप किया। जब द्वापर युग में श्री कृष्ण ने जन्म लिया तब कालिंदी ने प्रभु से उनके दर्शन के लिए अनुरोध किया।

- श्री कृष्ण ने लीला रचाई। पिता वासुदेव ने कन्हैया को टोकरी में रखा और गोकुल के लिए निकल पड़े। वासुदेव जी ने जब नदी में प्रवेश किया तब कालिंदी ने श्री कृष्ण के चरण स्पर्श किया और उनका स्वागत किया।
- कहते हैं कि कालिंदी नदी ही आगे चलकर यमुना कहलाईं। यमुना किनारे श्री कृष्ण ने बाल लीलाएं रचाईं लेकिन बाद में धर्म की स्थापना के लिए ब्रज मंडल छोड़ दिया। तब कालिंदी यानी कि यमुना ने श्री कृष्ण से विवाह हेतु तपस्या की।

- महाभारत युद्ध के बाद जब श्री कृष्ण अर्जुन के साथ पुनः ब्रज धाम पहुंचे तब अर्जुन की नजर नदी में ताप कर रहीं कालिंदी पर पड़ी और उन्हें कालिंदी से उनका परिचय पूछा। तब कालिंदी ने बताया कि वह श्री कृष्ण से विवाह हेतु तपस्या कर रही हैं।
- अर्जुन ने श्री कृष्ण को यह बात बताई। तब श्री कृष्ण (अट्रैक्टिव पर्सनैलिटी के लिए श्री कृष्ण मंत्र) ने कालिंदी को कई वर्षों पश्चात उस समय पुनः दर्शन दिए और उनकी तपस्या के वरदान स्वरूप स्वयं सूर्य देव से कालिंदी का हाथ मांगने सूर्य लोक पहुंचे और इस तरह श्री कृष्ण ने कालिंदी से विवाह किया।

- कालिंदी आज यमुना नाम से प्रख्यात हैं और न सिर्फ समस्त ब्रज मंडल में बल्कि जहां से भी इनका प्रवाह है वहां-वहां पूजनीय हैं। ब्रज वासी तो यमुना को मां के रूप में पूजते हैं और उनकी जयंती पर उनके जन्मोत्सव को भव्य तौर पर मनाते हैं।
- श्री कृष्ण की जिन 8 पटरानियों का वर्णन शास्त्रों में मिलता है उनमें से एक यमुना भी हैं। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति मां यमुना की पूजा-आराधना कर उन्हें प्रसन्न करता है श्री कृष्ण की उस व्यक्ति पर कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहती है।
तो ऐसे हुआ था श्री कृष्ण का सूर्य देव की पुत्री से विवाह। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Shutterstock, Pinterest
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