किसी भी कपल के बीच प्रॉब्लम्स होना बेहद आम बात है। जब दो अलग-अलग स्वभाव के लोग एक साथ रहते हैं तो उनकी सोच व व्यवहार में अंतर होता है। कई बार इस बात को लेकर उनके बीच आपसी झगड़े भी होते हैं। चूंकि लड़कियां स्वभाव से अधिक इमोशनल होती हैं। इसलिए उन्हें यह छोटे-छोटे झगड़े बेहद प्रभावित करते हैं। ऐसे में वह एक इमोशनल सपोर्ट ढूंढती हैं और अपने मन की बात किसी से कहकर हल्का कर लेना चाहती हैं। भले ही वह उनके परिवार का कोई सदस्य हो या फिर सहेली। हम सभी कभी ना कभी ऐसा ही करते हैं।
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जब हमारी अपने पार्टनर से लड़ाई होती है तो हम अपने किसी करीबी से अपनी बात शेयर करते हैं। कई बार अपनी बात शेयर करने से पहले यह ख्याल भी आता है कि क्या हमें अपने रिलेशनशिप प्रॉब्लम्स को डिस्कस करना चाहिए या नहीं। अगर आप भी इसी कशमकश से गुजरती हैं तो आज हम आपको बता रहे हैं कि किसी करीबी से अपने रिलेशनशिप प्रॉब्लम्स डिस्कस करना कितना सही है। कब आपको इससे बचना चाहिए और कब सच में किसी अपने की मदद लेनी चाहिए-
जानिए नकारात्मक प्रभाव
जब आप अपने रिलेशनशिप प्रॉब्लम्स को किसी करीबी से डिस्कस करती हैं तो इससे आपको कई तरह के नेगेटिव इफेक्ट का सामना करना पड़ता है। कई बार तो आपकी इस छोटी सी गलती के कारण आपका रिश्ता ही दांव पर लग जाता है।
रिलेशनशिप प्रॉब्लम्स को डिस्कस करने से होने वाले कुछ नुकसान हैं-
हो सकता है कि इस तरह आप अपनी पर्सनल बातें किसी दूसरे से शेयर करना आपके पार्टनर को पसंद ना आए। भले ही सामने वाला व्यक्ति आपका कितना भी करीबी हो। ऐसे में आपके बीच दरार बढ़ सकती है। जब आप किसी से अपनी प्रॉब्लम्स डिस्कस करती हैं तो सामने वाला व्यक्ति सिर्फ आपका ही दृष्टिकोण जान पाता है। ऐसे में वह आपके पार्टनर के मन के भावों को नहीं समझता। हो सकता है कि इस स्थिति में वह आपको कोई ऐसी राय दे दे, जिससे आपके रिश्ते को काफी नुकसान उठाना पड़े और बाद मंे आपको खुद भी अपने फैसले पर पछतावा हो।
कई बार लोग पति-पत्नी के आपसी मामलो में बोलना नहीं चाहतें। ऐसे में अगर आप अपनी समस्या उन्हें बताती भी हैं तो भी वह आपको सही गाइडेंस नहीं दे पाते। ऐसे में उनसे प्रॉब्लम्स डिस्कस करने का कोई लाभ नहीं होता, क्योंकि आपकी समस्या ज्यों की त्यों ही बनी रहती है।
अगर आप अपने किसी करीबी से अपने रिश्ते या पार्टनर के बारे में बात करती हैं तो हो सकता है कि सामने वाला व्यक्ति आपके पार्टनर को लेकर गलत धारणा बना ले। आपके बीच चीजें भले ही कुछ वक्त के बाद ठीक हो जाएं, लेकिन उस व्यक्ति की धारणा आपके पार्टनर को लेकर नहीं बदलतीं।
हो सकता है कि आपका करीबी व्यक्ति आपके पार्टनर का भी करीबी हो और वह आपकी कही गई बात उनसे अलग अंदाज में कह दे। इससे ना सिर्फ आपके पार्टनर को बुरा लगेगा, बल्कि आपका आपसी रिश्ता भी कमजोर होगा। इसलिए हमेशा आपकी पहली प्राथमिकता यही होनी चाहिए कि आप आपसी समस्याओं को साथ बैठकर शांति से सुलझाएं।
मदद की जरूरत
कई बार रिलेशन में ऐसे फेज़ भी आते हैं, जब आपको अपनी रिलेशनशिप प्रॉब्लम्स को सुलझाने के लिए किसी की मदद की जरूरत होती है और उस दौरान आपको अपनी रिलेशनशिप प्रॉब्लम्स डिस्कस करने से हिचकिचाना नहीं चाहिए-अगर आपके बीच एक ही समस्या लंबे समय से बनी हुई है और आपके बार-बार समझाने पर भी आपका पार्टनर खुद को बदलने के लिए तैयार नहीं है। मसलन, अगर आपका पार्टनर ड्रिंक करता है और आप उन्हें समझाकर थक गई हैं तो फिर आप किसी करीबी या एक्सपर्ट की मदद लें।
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रिश्ते मंे किसी भी तरह की हिंसा भले ही वह शारीरिक हो या मानसिक होने पर बिल्कुल भी चुप्पी ना साधें। अगर आपका पार्टनर खुद को बदल नहीं पा रहा है तो आप किसी करीबी से इस बारे में बात जरूर करें और आवश्यकता पड़ने पर काउंसिलिंग भी की जा सकती है।
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