जब बात प्यार के इजहार की होती है तो महिलाएं खामोशी बनाए रखती हैं जबकि पुरुष बिंदास तरीके से अपनी बात कह देते हैं। हमने रिलेशनशिप कोच पंकज दीक्षित से बात की कि आखिर महिलाएं दिल का हाल बयां करने में क्यों करती हैं इतनी देरी। पंकज दीक्षित ने हमसे इस विषय से जुड़े अहम पहलुओं पर बात की और साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि महिलाएं किस तरह से तोड़ सकती हैं अपनी झिझक
महिलाएं अगर किसी के लिए फीलिंग रखती हैं तो वे इस मामले को बेहद मैच्योर तरीके से हैंडल करती हैं। वे इस मामले में कतई जल्दबाजी नहीं करतीं। महिलाएं अपनी फीलिंग्स को समझने के लिए अच्छा-खासा समय लेती हैं क्योंकि वे खुद इस बात के लिए कॉन्फिडेंट हो जाना चाहती हैं कि उन्हें पसंद आ रहे किसी व्यक्ति के साथ आगे बढ़ना चाहिए या नहीं। इसके लिए महिलाएं पारिवारिक पृष्ठभूमि से लेकर कंपैटिबिलिटी तक हर नजरिए से सोचती हैं। इसलिए महिलाओं को अपनी फीलिंग्स जाहिर करने और रिलेशनशिप में बात आगे बढ़ाने में ज्यादा वक्त लगता है। महिलाएं जानती हैं कि एक बार किसी के साथ रिलेशनशिप में आगे बढ़ने पर उनकी जिंदगी में बड़े बदलाव आते हैं, इसीलिए किसी के बारे में मन बनाने से पहले अच्छा-खासा समय लेती हैं।
छोड़ दीजिए संकोच
अगर महिलाएं किसी के लिए फीलिंग्स रखती हैं और उससे अपनी बात कहने में संकोच कर रही हैं तो यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे रोमांस की किस स्टेज पर है। वैसे आप उम्र की जिस देहलीज पर हैं उसमें आप इन्फैचुएशन से आगे बढ़कर यह बेहतर समझ सकती हैं कि आपको किसी से सचमुच प्यार हो गया है। आप इस बात का अंदाजा लगा सकती हैं कि जिस पुरुष में आपकी दिलचस्पी बढ़ रही है, वह कितना योग्य है। जाहिर सी बात है कि वह व्यक्ति आपके लिए बिलकुल नया नहीं होगा। उस शख्स से आपकी कुछ बातचीत होगी, मुमकिन है कि वह आपका दोस्त हो, कलीग हो या फिर जानने वालों में से हो। अगर आपको सिर्फ अपनी फीलिंग्स एक्सप्रेस करने में संकोच हो रहा है तो आप अपने डर को काबू कर दिल की बात कह डालिए।
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अपनी बात कहें लेकिन पुरुष को भी दें स्पेस
महिला और पुरुष किस कल्चरल बैकग्राउंड से हैं, इस पर भी निर्भर करता है कि महिलाएं जल्दी रेसपॉन्स देती हैं या नहीं। बहुत सी सोसाइटीज में लड़की की तरफ से पहल होने पर उसके कैरेक्टर पर सवाल उठाए जाते हैं। अक्सर मिडिल क्लास में इस तरह की सोच देखने को मिलती है, जिसकी वजह से महिलाएं अपनी फीलिंग्स बताने से डरती हैं। हालांकि हमारे समाज में इस तरह के लोग भी हैं, लेकिन अगर आपकी बात ऐसी जगह पर आगे बढ़ रही है तो इसमें जाना आपके लिए बिल्कुल सही नहीं है। आगे चलकर इसमें आपके लिए गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। दूसरी तरफ अगर लड़का प्रोग्रेसिव माहौल से ताल्लुक रखता है, पढ़ा-लिखा है तो वह आपकी फीलिंग्स की कद्र करेगा और आपकी तरफ से इनीशिएटिव लेने में किसी तरह का खोट भी नहीं निकालेगा। रिलेशनशिप में झिझक महसूस होना बहुत स्वाभाविक बात है, पुरुष भी अपनी बात कहने से झिझक सकते हैं। मुश्किल तब और भी ज्यादा बढ़ जाती है जब फीलिंग्स पुरुष और महिला दोनों में होती हैं और दोनों ही अपनी बात कहने में झिझकते हैं। ऐसे में आपको थोड़ा सा इंतजार करना चाहिए। वैसे महिलाओं को इंट्यूटिवली पता चल जाता है कि उन्हें किस पुरुष की संगत अच्छी लगती है। इस सिचुएशन में अगर पुरुष को भी महिला का साथ पसंद आने लगे तो महिला को खुलकर अपनी बात कह देनी चाहिए। लेकिन अगर पुरुष महिला से काफी दूरी बनाकर रखता है और सिर्फ महिला के दिल में ही फीलिंग्स हैं तो उसे आगे बढ़ने के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए, हो सकता है कि इसमें पुरुष उनमें किसी तरह की दिलचस्पी ना ले।
बातचीत के लिए बनाएं अनकूल माहौल
अपने मनचाहे साथी से बात आगे बढ़ाने के लिए आपको किसी ऐसी जगह पर जाना चाहिए, जो आप दोनों के लिए अनुकूल हो और जहां आप स्वाभाविक तरीके से अपनी बात कह सकें। आप पुरुष से अपनी फीलिंग्स का इजहार कर दें, अगर वह इसे स्वीकार ना करे तो इसके पीछे उसकी पर्सनल चीजें हो सकती हैं। पुरुष की तरफ से मना करने का यह मतलब यह नहीं कि आपकी वर्थ नहीं है। इसके लिए दूसरे साइड को स्पेस दीजिए। इससे आपकी योग्यता कम नहीं हो जातीं। अगर आप ये समझ जाएंगी तो आपके मन में डर नहीं रहेगा। मुमकिन है कि वह इसके लिए तैयार नहीं हो या फिर वह किसी दूसरी महिला के साथ रिलेशनशिप में हो।
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