शाहरुख खान के रोमांटिक अंदाज का भला कौन दीवाना नहीं है। जब शाहरुख बांहे फैलाकर किसी फिल्म में या रियल लाइफ में पोज देते हैं तो एक सेकेंड के लिए लगता है मानो दिल की धड़कन बढ़ गई है। 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' से लेकर 'वीर-जारा' तक, शाहरुख कभी राज, कभी राहुल तो कभी वीर बनकर परदे पर उतरे और दर्शकों का दिल जीत लिया। ऐसा नहीं है कि किंग खान ने सिर्फ रोमांटिक फिल्मे ही की हैं, बाकी रोल्स में भी उन्होंने अपनी गहरी छाप छोड़ी है। लेकिन जब भी बात परदे पर रोमांस की चलती है तो शाहरुख का नाम जरूर आता है।
लेकिन अगर हम आपसे कहें कि भले ही राज, राहुल और वीर बनकर शाहरुख ने परदे पर रोमांस को नए मायने दिए हो लेकिन जब वह 'परदेस' फिल्म में अर्जुन बनकर परदे पर उतरे थे तो उन्हें रोमांटिक अंदाज दिखाने के लिए मना किया गया था तो आपका क्या रिएक्शन होगा? परदेस फिल्म की कास्टिंग से जुड़ा यह रोचक किस्सा चलिए आपको बताते हैं।
ऐसे हुई थी परदेस फिल्म की कास्टिंग
परदेस फिल्म 1997 में रिलीज हुई थी। फिल्म की रिलीज को 25 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। इस फिल्म में शाहरुख(शाहरुख खान की अजीब आदतें) का किरदार, महिमा चौधरी के साथ उनकी केमिस्ट्री, फिल्म की कहानी, फिल्म का हिन्दुस्तानी कनेक्शन और गाने ऑडियन्स को बहुत पसंद आए थे। फिल्म की रिलीज को 25 साल पूरे होने पर सुभाष घई ने फिल्म की कास्टिंग के बारे में एक वीडियो शेयर कर कई इंट्रेस्टिंग खुलासे किए थे। फिल्म में शाहरुख को 'अर्जुन सागर' का रोल देने से पहले सुभाष घई ने उसके कुछ बहुत खास कहा था।
यह भी पढ़ें-राज कपूर के जीवन से जुड़े ये 2 बड़े राज आप भी जानें
यह थी सुभाष घई की शर्त
शाहरुख उस समय तक रोमांटिक हीरो के तौर पर अपनी पहचान बना चुके थे। शाहरुख की फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' सुपरहिट हो चुकी थी और हर जगह शाहरुख के रोमांस के चर्च थे। सुभाष घई बताते हैं कि जब उन्होंने अर्जुन के रोल के लिए शाहरुख से बात की थी तो सबसे पहले कहा था कि उन्हें परदे पर शाहरुख बनकर नहीं उतरना है। शाहरुख, परदे पर इस तरह रोमांटिक किरदार निभाते हैं कि कोई भी उनसे प्यार कर बैठे। उनकी आंखों में रोमांस साफ झलकता है। सुभाष घई की शर्त यही थी कि शाहरुख को परदेस फिल्म में अपने इस रोमांस को अंत तक छिपाकर रखना है। उन्हें पूरी कहानी में ऐसा कही नहीं दिखाना है कि महिमा चौधरी के लिए उनके दिल में फीलिंग्स हैं। जाहिर सी बात है अगर शाहरुख ऐसा करते तो कहानी उस हिसाब से नहीं ढ़लती जैसा सुभाष घई उसे ढ़ालना चाहते थे।
यह भी पढ़ें-शाहरुख खान को क्यों लगता है दोस्त बनाने से डर?
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit-Social Media
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों