Astro Expert Tips: भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए घर में कराएं सत्यनारायण की कथा, जानें इसके लाभ और नियम

अगर आप भी घर में सुख समृद्धि बनाए रखना चाहती हैं तो सत्यनारायण की कथा आपके लिए विशेष रूप से फलदायी है। जानें इसके महत्व के बारे में 

 

satynarayan katha significance

हिंदू धर्म में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। खासतौर पर जब आप किसी विशेष अवसर पर विष्णु जी का पूजन पूरी श्रद्धा भाव से करते हैं तब विष्णु भगवान की विशेष कृपा दृष्टि प्राप्त होती है। इसलिए मुख्य रूप से महीने की एकादशी, बृहस्पतिवार और पूर्णिमा तिथि को विष्णु जी का पूजन किया जाता है। इसी पूजन के दौरान लोग सत्यनारायण की कथा भी पढ़ते और सुनते हैं। पुराणों में सत्यनारायण व्रत कथा का बहुत ज्यादा महत्व बताया गया है।

ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस कथा को सुनते हैं उनकी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। भगवान सत्यनारायण को भगवान विष्णु जी का ही रूप माना जाता है। शास्त्रों में सत्यनारायण की पूजा का अर्थ है सत्य की नारायण के रूप में पूजा करना। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले जैसे शादी के पहले या बाद या फिर मनोकामनाएं पूरी होने के बाद सत्यनारायण भगवान की पूजा की जाती है। भगवान सत्यनारायण का उल्लेख स्कंद पुराण में मिलता है। स्कन्द पुराण में भगवान विष्णु ने नारद को इस व्रत का महत्व बताया है। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें घर में सत्यनारायण की कथा कराने के फायदों और इसके नियमों के बारे में।

सत्यनारायण भगवान की कथा के नियम

यदि आप घर मन सत्यनारायण जी की कथा करती हैं तो यह आपके लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है। सत्यनारायण कथा का पाठ और वाचन मन में शांति जगाता है और श्रद्धा का भाव जगाता है। लेकिन इस कथा के लिए आप कुछ नियमों का पालन जरूर करें जिससे विष्णु जी की पूर्ण कृपा दृष्टि प्राप्त हो सके। आइए जानें सत्यनारायण भगवान की कथा के नियम।

केले के पत्तों का मंडप

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सत्यनारायण भगवान का पूजन करने के लिए केले के पत्तों का मंडप बनाएं एक चौकी ले लें। उसमे लाल कपड़ा बिछा दें। लाल कपड़े की जगह आप केले के पत्तों का ही प्रयोग कर सकती हैं। चौकी पर केले का पत्ता बिछाएं। उस पत्ते पर सत्य नारायण भगवान की तस्वीर, गणेश जी की प्रतिमा एवं कलश रखें।

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कलश की करें पूजा

सत्यनारायण कथा में कलश का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन कलश स्थापना करके उसकी पूजा की जाती है। सत्यनारायण कथा में सबसे पहले कलश की करें, फिर गणेश जी की, उसके बाद सत्य नारायण देव की पूजा कर कथा की शुरुआत करनी चाहिए। इस पूजन में कलश एवं एक नारियल जरूर रखें। ऐसा माना जाता है कि नारियल का फल श्री फल होता है इसलिए यह लक्ष्मी जी का फल माना जाता है जो विष्णु जी को अत्यंत पसंद होता है।

satyanarayan katha rules by dr aarti dahiya

पंचामृत और पंजीरी का प्रसाद

भगवान के भोग के लिए पंजीरी, पंचामृत, केला और तुलसी अवश्य रखें। सत्यनारायण की पूजा(सत्यनारायण पूजा में इस तरह करें मंदिर का डेकोरेशन) में केले का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन पंचामृत के रूप में दही में मेवे मिलाकर भोग तैयार करें और उसी से विष्णु विष्णु जी को स्नान कराएं और भोग लगाएं। केले को इस कथा में मुख्य माना जाता है क्योंकि इस पर गुरु ग्रह का प्रभाव होता है जो विष्णु स्वरूप ही है। इसलिए केले का फल भगवान सत्यनारायण को पसंद है। इस पूजा में केले का फल अवश्य चढ़ाया जाना चाहिए।

शालिग्राम की पूजा करें

सत्यनारायण की पूजा में शालिग्राम की पूजा भी अवश्य होती है उन्हें दूध से नहलाया जाता है। दूध और केले से प्रसाद बनाया जाता है। व्यावहारिक दृष्टि से दूध शुद्ध और सात्विक होता है। इस दिन चावल का प्रयोग नहीं होता है और इस दिन गेहूं का दान करना अच्छा होता है।

सत्यनारायण कथा का महत्व और लाभ

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इनकी पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि व्रत करने से भगवान विष्णु हमारे सारे कष्टों को हर लेते है। घर की शांति और सुख- समृद्धि के लिए भगवान सत्यनारायण की पूजा विशेष लाभकारी होती है। यह पूजा विवाह के लिए और वैवाहिक जीवन (सुखी दांपत्य जीवन के उपाय)को सफल बनाने के लिए भी लाभकारी है। विवाह के पहले और बाद में सत्यनारायण की पूजा करना काफी शुभ होता है। लंबी आयु एवं अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी सत्यनारायण जी की कथा और पूजा करना विशेष लाभकारी होता है। सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने के लिए परिवार के साथ- साथ अन्य भक्तों को भी शामिल करें। इससे जीवन में सुख -समृद्धि आती है। इसके साथ ही आप जितने ज्यादा लोगों में कथा का प्रसाद वितरण करती हैं ये उतना ही ज्यादा लाभकारी होता है।

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किस दिन करें सत्यनारायण कथा

सत्यनारायण की कथा में यह बताया गया है कि सत्य का जीवन में कितना महत्व है। सत्य का पालन न करने पर किस तरह की समस्या आ सकती है। इसलिए जीवन में सत्य का पालन पूरी निष्ठा से निभाना चाहिए। मुख्य रूप से सत्यनारायण भगवान की कथा और पूजा हर महीने की पूर्णिमा तिथि को करने से विष्णु जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। वैसे गुरुवार के दिन भी भगवान सत्यनारायण की कथा करना फलदायी माना जाता है।

यदि आप भी घर में सुख समृद्धि चाहती हैं तो सत्यनारायण की कथा अवश्य कराएं। लेकिन इस कथा को पूरी श्रद्धा भाव से नियमों का पालन करते हुए करना ज्यादा लाभकारी माना जाता है।

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Image Credit: Freepik

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